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मल्लिकार्जुन खड़गे के शपथ ग्रहण में पहुंचेंगे सीएम गहलोत - Kharge swearing in program

कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को शपथ ग्रहण (Congress President Oath Taking Ceremony) के बाद पदभार संभालेंगे. वहीं, इस कार्यक्रम में राजस्थान से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा करीब दर्जनभर नेता शामिल होंगे. लेकिन इस बीच सबसे बड़ी बात यह है कि पदभार संभालने के साथ ही खड़गे को राजस्थान में व्याप्त सियासी संकट पर फैसला लेना है.

Kharge take decision on Rajasthan
Kharge take decision on Rajasthan
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Published : Oct 25, 2022, 2:34 PM IST

Updated : Oct 26, 2022, 7:25 AM IST

जयपुर. 24 साल बाद कांग्रेस को मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में कोई गैर गांधी अध्यक्ष मिला है. खड़गे ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में पदभार ग्रहण (Mallikarjun Kharge takes oath) करेंगे. जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत सूबे के करीब एक दर्जन नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. वहीं, खड़गे के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में सबकी नजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी होगी, क्योंकि खड़गे को राजस्थान के राजनीतिक उठापटक को लेकर भी निर्णय लेना है. साथ ही उनके निर्णय पर ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सियासी भविष्य भी निर्भर करेगा.

ऐसा हम इसलिए भी कह रहे हैं, क्योंकि खड़गे पर्यवेक्षक के तौर पर राजस्थान में एक लाइन का प्रस्ताव पास कराने के लिए आए थे. लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों के बागी रूख को देखते हुए विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी थी. जिसमें सीएम फेस पर फैसला होना था. ऐसे में खड़गे की राजस्थान से बैरंग वापसी हुई थी. उस वाकए के बाद से ही कांग्रेस आलाकमान भी सीएम गहलोत से नाराज चल रहा था. हालांकि, गहलोत ने पार्टी आलाकमान से मुलाकात कर अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट की थी, लेकिन उनके समर्थक विधायकों के अडिग रूख से प्रदेश कांग्रेस में अब भी खलबली की स्थिति है.

इसे भी पढ़ें - माउंट आबू में बोले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, आज दुनिया देख रही भारत का करिश्मा

वहीं, दूसरी ओर हिमाचल और गुजरात जैसे दो बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में खड़गे के लिए राजस्थान में सीएम फेस को लेकर कोई फैसला लेना भी आसान नहीं होगा, क्योंकि उनके फैसले का इन राज्यों पर सीधा असर देखने को मिलेगा. ऐसे में राजनीतिक लाभ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मिले या फिर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकिन उनके फैसले से राजस्थान में राजनीतिक उठापटक बेकाबू भी हो सकती है.

इतना ही नहीं गुजरात के चुनाव के वरिष्ठ ऑब्जर्वर खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है तो वहीं, हिमाचल के चुनाव में ऑब्जर्वर की भूमिका में सचिन पायलट है. ऐसे में दोनों ही नेता कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक भी हैं. यही वजह है कि खड़गे के लिए राजस्थान किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.

जयपुर. 24 साल बाद कांग्रेस को मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में कोई गैर गांधी अध्यक्ष मिला है. खड़गे ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में पदभार ग्रहण (Mallikarjun Kharge takes oath) करेंगे. जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत सूबे के करीब एक दर्जन नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. वहीं, खड़गे के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में सबकी नजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी होगी, क्योंकि खड़गे को राजस्थान के राजनीतिक उठापटक को लेकर भी निर्णय लेना है. साथ ही उनके निर्णय पर ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सियासी भविष्य भी निर्भर करेगा.

ऐसा हम इसलिए भी कह रहे हैं, क्योंकि खड़गे पर्यवेक्षक के तौर पर राजस्थान में एक लाइन का प्रस्ताव पास कराने के लिए आए थे. लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों के बागी रूख को देखते हुए विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी थी. जिसमें सीएम फेस पर फैसला होना था. ऐसे में खड़गे की राजस्थान से बैरंग वापसी हुई थी. उस वाकए के बाद से ही कांग्रेस आलाकमान भी सीएम गहलोत से नाराज चल रहा था. हालांकि, गहलोत ने पार्टी आलाकमान से मुलाकात कर अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट की थी, लेकिन उनके समर्थक विधायकों के अडिग रूख से प्रदेश कांग्रेस में अब भी खलबली की स्थिति है.

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वहीं, दूसरी ओर हिमाचल और गुजरात जैसे दो बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में खड़गे के लिए राजस्थान में सीएम फेस को लेकर कोई फैसला लेना भी आसान नहीं होगा, क्योंकि उनके फैसले का इन राज्यों पर सीधा असर देखने को मिलेगा. ऐसे में राजनीतिक लाभ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मिले या फिर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकिन उनके फैसले से राजस्थान में राजनीतिक उठापटक बेकाबू भी हो सकती है.

इतना ही नहीं गुजरात के चुनाव के वरिष्ठ ऑब्जर्वर खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है तो वहीं, हिमाचल के चुनाव में ऑब्जर्वर की भूमिका में सचिन पायलट है. ऐसे में दोनों ही नेता कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक भी हैं. यही वजह है कि खड़गे के लिए राजस्थान किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.

Last Updated : Oct 26, 2022, 7:25 AM IST
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