जयपुर. देश की राजनीति में मौजूदा दौर में कौन बनेगा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष वाला सवाल फिलहाल जोरों पर है. इस बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से भी आज नामांकन कुछ ही देर में दाखिल (Congress President Election Nomination) किया जाएगा. खास बात है कि वरिष्ठ नेता ए. के. एंटनी समेत कुल 10 नेता खड़गे का पर्चा दाखिल करवाने के लिए प्रस्तावक बनेंगे.
राजस्थान से राज्यसभा सांसद और सीनियर कांग्रेस लीडर प्रमोद तिवारी ने भी मीडिया से की बातचीत में कहा कि वे स्वयं की मर्जी से दिल्ली पहुंचे हैं. वे कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया में खड़गे के लिए पर्चा भरने के दौरान प्रस्तावक बनेंगे.
तिवारी हैं राजस्थान से राज्यसभा सांसद- राज्यसभा चुनाव में राजस्थान से जीत के बाद प्रमोद तिवारी ने खास तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया था. तिवारी राजस्थान में कांग्रेस की तरफ से भेजे गए 3 चेहरों में आखिरी प्राथमिकता वाले नेता थे. ऐसे में अंदेशा था कि अगर विपक्ष राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के वोटों में सेंध लगाने में कामयाब होता है, तो तिवारी की राह आसान नहीं होगी. माना जाता है कि उत्तर प्रदेश कैडर के यह नेता सीएम गहलोत के काफी करीबी रहे हैं. खासतौर पर मुख्यमंत्री जब यूपी में बतौर पार्टी के महासचिव प्रभार संभाल रहे थे, तब तिवारी और उनके बीच नजदीकियां रही थी.
वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे भी गहलोत के समर्थक माने जाते हैं. हाल ही में राजस्थान में हुई बगावत के प्रकरण के बीच जब उन्हें पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा गया, तब दिल्ली जाने से पहले खड़गे ने विशेष तौर पर फोन पर अशोक गहलोत से बात की और होटल बुलाया था. इस दौरान मीडिया से बातचीत में भी खड़गे ने इस बात को स्वीकार किया था कि यह एक औपचारिक बातचीत थी. ऐसे में माना जा रहा है कि जब अशोक गहलोत ने खुद को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर बता दिया है, तो उनके करीबी रहे खड़गे को कांग्रेस के शीर्ष पद तक पहुंचाने के लिए गहलोत खुद दिल्ली में मौजूद हैं और उनके नजदीकी समझे जाने वाले नेता इस प्रक्रिया के दौरान प्रस्तावक बनकर खड़गे की राह को आसान बनाएंगे.