जयपुर. भाजपा के 41 उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद कार्यकर्ताओं में जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है. लेकिन कांग्रेस पार्टी भाजपा की तरह प्रत्याशियों की घोषणा करने में जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहती है. यही कारण है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट की घोषणा 18 अक्टूबर के बाद ही की जाएगी. मतलब साफ है कि कांग्रेस पार्टी जिसमें टिकट वितरण के बाद भाजपा से ज्यादा टकराव होने के आसार हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती है कि टिकट कटने के बाद बगावत करने वाले नेताओं को ज्यादा समय मिले. जिससे कांग्रेस प्रत्याशियों को कम से कम नुकसान हो. इसी वजह से कांग्रेस पार्टी टिकटों की लिस्ट जारी करने में देरी कर रही है. बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को दिल्ली में सोनिया गांधी के साथ मुलाकात की थी.
कांग्रेस में कई मंत्री विधायकों के टिकट पर लटकी तलवार : राजस्थान में कांग्रेस सत्ताधारी दल है. बीते 5 साल में मंत्री और विधायक अपने क्षेत्र में काफी ताकतवर हो गए थे. मंत्रियों, विधायकों ने अपने क्षेत्र में संगठन के सभी ब्लॉक, मंडल और जिला पदाधिकारी बनाए हैं. वहीं ज्यादातर विधानसभा में तो हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशी के कहने पर संगठन बनाया गया, यही कारण है कि अब यह नेता अपने क्षेत्र में कांग्रेस के सर्वे-सर्वा हो चुके हैं. ऐसे में अगर मंत्रियों-विधायकों में से किसी का टिकट कटता है, तो फिर होने वाली बगावत में संगठन के नेता भी शामिल हो सकते हैं. यही कारण है कि नुकसान कम से कम हो इसी सोच के साथ कांग्रेस ने टिकट वितरण में देरी करने का निर्णय लिया है. कहा यह जा रहा है कि सर्वे के अनुसार करीब 30% वर्तमान विधायकों की टिकट कट सकते हैं.
टिकट कटने के बाद विधायक और मंत्री नहीं कर पाएंगे नुकसान : जिन मंत्री और विधायकों के टिकट काटे जाएंगे वह कांग्रेस पार्टी को ज्यादा नुकसान नहीं कर सके इसी सोच के साथ यह निर्णय लिया गया है. कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की राजस्थान के मुद्दे पर बैठक 18 अक्टूबर को होगी. 18 अक्टूबर को होने वाली कांग्रेस सेंट्रल इलेक्शन कमिटी की बैठक को लेकर कहा जा रहा है कि जहां विवाद ज्यादा है उन सीटों पर तो नामांकन दाखिल करने से कुछ समय पहले ही उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे.