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पीएम मोदी के दौरे से पहले पायलट का ट्वीट , कह दी यह बड़ी बात

आगामी 31 मई को पीएम मोदी अजमेर में एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे हैं. पीएम के दौरे से पहले ही काग्रेस के विधायक सचिन पायलट ने ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग की. साथ ही कहा कि साल 2018 के मद्दे अब गौण क्यों हैं.

सचिन पायलट
सचिन पायलट
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Published : May 25, 2023, 9:24 AM IST

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 मार्च को राजस्थान दौरे पर रहेंगे. वे अजमेर में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच मोदी के दौरे से पहले एक योजना ने फिर से सियासी रुख अख्तियार कर लिया है. मामला पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पानी उपलब्ध करवाने के मकसद को लेकर तय की गई योजना से जुड़ा है. जिसमें राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं.

सचिन पायलट का ट्वीट
सचिन पायलट का ट्वीट

ट्वीट में लिखी यह बात : सचिन पायलट ने बुधवार देर शाम एक ट्वीट के जरिये ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने पूर्व में ERCP को साकार करने का आश्वासन दिया था, मगर अब भाजपा का कोई भी नेता ERCP का नाम तक नहीं लेते. पायलट ने केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का जिक्र करते हुए कहा कि वे इस विभाग के मंत्री भी हैं और प्रदेश से ही जनप्रतिनिधि भी हैं. इसके बाद भी उनका मौन समझ से परे है. सचिन पायलट ने पूछा है कि आखिर इस योजना के प्रति केंद्र सरकार का रवैया द्वेषपूर्ण क्यों है ? उन्होंने पीएम मोदी के आगामी दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फिर राजस्थान आ रहे हैं, मेरा निवेदन है कि ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की घोषणा करें, क्योंकि यह राजस्थान का हक है. उन्होंने कहा कि ERCP के मुद्दे को लेकर मुझसे लगातार प्रतिनिधि मंडल मिल रहें हैं, मैं आशा करता हूँ कि यह मांग जल्द ही पूरी होगी.

यह खासियत है ईआरसीपी प्रोजेक्ट की : राजस्थान के तेरह जिलों को पेयजल और सिंचाई का जल उपलब्ध करवाने के मकसद से साल 2018 के चुनाव से पहले अपने राजस्थान दौरे पर अजमेर की जनसभा में पीएम मोदी ने इस प्रोजेक्ट का ऐलान किया था. इस योजना के जरिये पूर्वी राजस्थान के जल प्रबंधन को दुरुस्त करना ही मकसद था. जिसमें 13 जिलों को सिंचाई और पेयजल के सुविधा मिलनी थी. फिलहाल कांग्रेस ने इसे पूरी तरह से चुनावी मुद्दा बना लिया था. बीते बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना के तहत 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया था. गौर है कि योजना पर 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आने का अनुमान है. कांग्रेस तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार की ओर से तैयार की गई इस योजना को लेकर लगातार मोदी और शेखावत की मंशा पर सवाल खड़े करती रही है.

पढ़ें अजमेर में पीएम मोदी की आगामी जनसभा से पूर्व भाजपा ने किया भूमि पूजन, अध्यक्ष ने कही ये बातें

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 मार्च को राजस्थान दौरे पर रहेंगे. वे अजमेर में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच मोदी के दौरे से पहले एक योजना ने फिर से सियासी रुख अख्तियार कर लिया है. मामला पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पानी उपलब्ध करवाने के मकसद को लेकर तय की गई योजना से जुड़ा है. जिसमें राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं.

सचिन पायलट का ट्वीट
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ट्वीट में लिखी यह बात : सचिन पायलट ने बुधवार देर शाम एक ट्वीट के जरिये ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने पूर्व में ERCP को साकार करने का आश्वासन दिया था, मगर अब भाजपा का कोई भी नेता ERCP का नाम तक नहीं लेते. पायलट ने केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का जिक्र करते हुए कहा कि वे इस विभाग के मंत्री भी हैं और प्रदेश से ही जनप्रतिनिधि भी हैं. इसके बाद भी उनका मौन समझ से परे है. सचिन पायलट ने पूछा है कि आखिर इस योजना के प्रति केंद्र सरकार का रवैया द्वेषपूर्ण क्यों है ? उन्होंने पीएम मोदी के आगामी दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फिर राजस्थान आ रहे हैं, मेरा निवेदन है कि ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की घोषणा करें, क्योंकि यह राजस्थान का हक है. उन्होंने कहा कि ERCP के मुद्दे को लेकर मुझसे लगातार प्रतिनिधि मंडल मिल रहें हैं, मैं आशा करता हूँ कि यह मांग जल्द ही पूरी होगी.

यह खासियत है ईआरसीपी प्रोजेक्ट की : राजस्थान के तेरह जिलों को पेयजल और सिंचाई का जल उपलब्ध करवाने के मकसद से साल 2018 के चुनाव से पहले अपने राजस्थान दौरे पर अजमेर की जनसभा में पीएम मोदी ने इस प्रोजेक्ट का ऐलान किया था. इस योजना के जरिये पूर्वी राजस्थान के जल प्रबंधन को दुरुस्त करना ही मकसद था. जिसमें 13 जिलों को सिंचाई और पेयजल के सुविधा मिलनी थी. फिलहाल कांग्रेस ने इसे पूरी तरह से चुनावी मुद्दा बना लिया था. बीते बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना के तहत 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया था. गौर है कि योजना पर 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आने का अनुमान है. कांग्रेस तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार की ओर से तैयार की गई इस योजना को लेकर लगातार मोदी और शेखावत की मंशा पर सवाल खड़े करती रही है.

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