जयपुर. ज्यादातर एग्जिट पोल भाजपा को राजस्थान में सबसे ज्यादा सीटें दे रहे हैं. वहीं कई एग्जिट पोल राजस्थान कांग्रेस को 25 में से महज दो से 5 सीटें दे रहे हैं. हालांकि कांग्रेस के नेता एग्जिट पोल को सिरे से खारिज करते हुए नजर आ रहे हैं.लेकिन अंदर खाने सभी में डर जरूर बना हुआ है.
प्रदेश में पिछले तीन चुनाव से एक ट्रेंड बना हुआ है और अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में जिसकी सरकार रही है उसे ही लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मिलती है. 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार थी.
सरकार बनने के ठीक बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 21 सीटें मिली तो कांग्रेस ने 4 सीटों पर सिमट कर रह गई. इसके बाद साल 2009 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो उस समय प्रदेश में कांग्रेस की गहलोत सरकार बन चुकी थी और उसके ठीक बाद हुए चुनाव में भाजपा को महज 4 सीटें और कांग्रेस को 20 सीटें मिली थी 1 सीट निर्दलीय के खाते में गई थी.
वहीं साल 2014 की बात करें तो राजस्थान में भाजपा की सरकार 163 के बड़े बहुमत के साथ विधानसभा में आई थी और उसके ठीक बाद हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम तो भाजपा के इतने पक्ष में गए की सभी 25 की 25 सीटें भाजपा ने क्लीन स्वीप कर ली. हालांकि उपचुनाव में कांग्रेस ने अलवर और अजमेर की सीटों पर जीत दर्ज की थी.
तीन चुनाव के बाद अब प्रदेश में फिर से लोकसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे नहीं पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा सीटें मिलेगी लेकिन जो एग्जिट पोल आ रहे हैं. वह साफ तौर पर यह इशारा कर रहे हैं कि भले ही कांग्रेस की सरकार राजस्थान में हो लेकिन तीन बार से लगातार चला आ रहा ट्रेंड इस बार टूटने जा रहा है और अगर एग्जिट पोल की बात सच साबित होती है तो सरकार होने के बाद भी कांग्रेस के हाथ में निराशा लग सकती है.