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एग्जिट पोल सही साबित हुआ तो टूट सकता है राजस्थान में जीत का ट्रेंड

लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आ रहे हैं इसमें अब 24 घंटे से भी कम का समय बचा है. लेकिन इन नतीजों में राजस्थान की ओर सबकी नजरें हैं क्योंकि अब तक आए तमाम एग्जिट पोल में एनडीए को भारी बढ़त मिलती दिखाई दे रही है.

कांग्रेस नेता कर रहे एग्जिट पोल को खारिज
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Published : May 22, 2019, 1:02 PM IST

जयपुर. ज्यादातर एग्जिट पोल भाजपा को राजस्थान में सबसे ज्यादा सीटें दे रहे हैं. वहीं कई एग्जिट पोल राजस्थान कांग्रेस को 25 में से महज दो से 5 सीटें दे रहे हैं. हालांकि कांग्रेस के नेता एग्जिट पोल को सिरे से खारिज करते हुए नजर आ रहे हैं.लेकिन अंदर खाने सभी में डर जरूर बना हुआ है.

प्रदेश में पिछले तीन चुनाव से एक ट्रेंड बना हुआ है और अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में जिसकी सरकार रही है उसे ही लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मिलती है. 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार थी.

सरकार बनने के ठीक बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 21 सीटें मिली तो कांग्रेस ने 4 सीटों पर सिमट कर रह गई. इसके बाद साल 2009 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो उस समय प्रदेश में कांग्रेस की गहलोत सरकार बन चुकी थी और उसके ठीक बाद हुए चुनाव में भाजपा को महज 4 सीटें और कांग्रेस को 20 सीटें मिली थी 1 सीट निर्दलीय के खाते में गई थी.

कांग्रेस नेता कर रहे एग्जिट पोल को खारिज

वहीं साल 2014 की बात करें तो राजस्थान में भाजपा की सरकार 163 के बड़े बहुमत के साथ विधानसभा में आई थी और उसके ठीक बाद हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम तो भाजपा के इतने पक्ष में गए की सभी 25 की 25 सीटें भाजपा ने क्लीन स्वीप कर ली. हालांकि उपचुनाव में कांग्रेस ने अलवर और अजमेर की सीटों पर जीत दर्ज की थी.

तीन चुनाव के बाद अब प्रदेश में फिर से लोकसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे नहीं पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा सीटें मिलेगी लेकिन जो एग्जिट पोल आ रहे हैं. वह साफ तौर पर यह इशारा कर रहे हैं कि भले ही कांग्रेस की सरकार राजस्थान में हो लेकिन तीन बार से लगातार चला आ रहा ट्रेंड इस बार टूटने जा रहा है और अगर एग्जिट पोल की बात सच साबित होती है तो सरकार होने के बाद भी कांग्रेस के हाथ में निराशा लग सकती है.

जयपुर. ज्यादातर एग्जिट पोल भाजपा को राजस्थान में सबसे ज्यादा सीटें दे रहे हैं. वहीं कई एग्जिट पोल राजस्थान कांग्रेस को 25 में से महज दो से 5 सीटें दे रहे हैं. हालांकि कांग्रेस के नेता एग्जिट पोल को सिरे से खारिज करते हुए नजर आ रहे हैं.लेकिन अंदर खाने सभी में डर जरूर बना हुआ है.

प्रदेश में पिछले तीन चुनाव से एक ट्रेंड बना हुआ है और अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में जिसकी सरकार रही है उसे ही लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मिलती है. 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार थी.

सरकार बनने के ठीक बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 21 सीटें मिली तो कांग्रेस ने 4 सीटों पर सिमट कर रह गई. इसके बाद साल 2009 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो उस समय प्रदेश में कांग्रेस की गहलोत सरकार बन चुकी थी और उसके ठीक बाद हुए चुनाव में भाजपा को महज 4 सीटें और कांग्रेस को 20 सीटें मिली थी 1 सीट निर्दलीय के खाते में गई थी.

कांग्रेस नेता कर रहे एग्जिट पोल को खारिज

वहीं साल 2014 की बात करें तो राजस्थान में भाजपा की सरकार 163 के बड़े बहुमत के साथ विधानसभा में आई थी और उसके ठीक बाद हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम तो भाजपा के इतने पक्ष में गए की सभी 25 की 25 सीटें भाजपा ने क्लीन स्वीप कर ली. हालांकि उपचुनाव में कांग्रेस ने अलवर और अजमेर की सीटों पर जीत दर्ज की थी.

तीन चुनाव के बाद अब प्रदेश में फिर से लोकसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे नहीं पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा सीटें मिलेगी लेकिन जो एग्जिट पोल आ रहे हैं. वह साफ तौर पर यह इशारा कर रहे हैं कि भले ही कांग्रेस की सरकार राजस्थान में हो लेकिन तीन बार से लगातार चला आ रहा ट्रेंड इस बार टूटने जा रहा है और अगर एग्जिट पोल की बात सच साबित होती है तो सरकार होने के बाद भी कांग्रेस के हाथ में निराशा लग सकती है.

Intro:देश में लोकसभा के नतीजे आएंगे कल राजस्थान में भी सरकार की साख दांव पर अगर एग्जिट पोल सही हुए तो लोकसभा चुनाव में चली आ रही परंपरा टूटेगी अब तक राजस्थान में परंपरा प्रदेश में किसकी सरकार उसकी आती है लोकसभा में ज्यादा सीटें


Body:लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आ रहे हैं इसमें अब 24 घंटे से भी कम का समय बचा है लेकिन इन नतीजों में राजस्थान की ओर सबकी नजरें हैं क्योंकि अब तक आए तमाम एग्जिट पोल में एनडीए को भारी बढ़त मिलती दिखाई दे रही है और राजस्थान में तो हाल यह है कि ज्यादातर एग्जिट पोल भाजपा को राजस्थान में सबसे ज्यादा सीटें दे रहे हैं हालात यह है कि ज्यादातर एग्जिट पोल राजस्थान कांग्रेस को 25 में से महज दो से 5 सीटें दे रहे हैं हालांकि कांग्रेस के नेता एग्जिट पोल को सिरे से खारिज करते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन अंदर खाने सभी में डर जरूर बना हुआ है वही एग्जिट पोल आने के बाद दोनों ही दलों के नेताओं के साथ ही प्रदेश की उस परंपरा को लेकर भी बातें होने लगी है जो एग्जिट पोल अगर सच हुए तो इस बार टूट जाएगी 23 मई को आने वाले नतीजों में यदि एग्जिट पोल के अनुसार ही नतीजे आते हैं तो पिछले 3 लोकसभा चुनाव से चला आ रहा सत्ता का ट्रेंड इस बार टूट जाएगा और इसे लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं की धड़कन ए ज्यादा बढ़ी हुई है

तीन चुनाव का ट्रेंड जिसकी प्रदेश में सरकार उसकी लोकसभा सीटें ज्यादा
दरअसल प्रदेश में पिछले तीन चुनाव से एक ट्रेंड बना हुआ है और अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में जिसकी सरकार रही है उसे ही लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मिलती है 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार थी सरकार बनने के ठीक बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 21 सीटें मिली तो कांग्रेस ने 4 सीटों पर सिमट कर रह गई इसके बाद साल 2009 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो उस समय प्रदेश में कांग्रेस की गहलोत सरकार बन चुकी थी और उसके ठीक बाद हुए चुनाव में भाजपा को महज 4 सीटें और कांग्रेस को 20 सीटें मिली थी 1 सीट निर्दलीय के खाते में गई थी वही साल 2014 की बात करें तो राजस्थान में भाजपा की सरकार 163 के बड़े बहुमत के साथ विधानसभा में आई थी और उसके ठीक बाद हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम तो भाजपा के इतने पक्ष में गए की सभी 25 की 25 सीटें भाजपा ने क्लीनस्वीप कर ली हालांकि उपचुनाव में कांग्रेस ने अलवर और अजमेर की सीटों पर जीत दर्ज की थी अब तीन चुनाव के बाद अब प्रदेश में फिर से लोकसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है ऐसे नहीं पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा सीटें मिलेगी लेकिन जो एग्जिट पोल आ रहे हैं वह साफ तौर पर यह इशारा कर रहे हैं कि भले ही कांग्रेस की सरकार राजस्थान में हो लेकिन तीन बार से लगातार चला आ रहा ट्रेंड इस बार टूटने जा रहा है और अगर एग्जिट पोल की बात सच साबित होती है तो सरकार होने के बाद भी कांग्रेस के हाथ में निराशा लग सकती है
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