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गिरिजा व्यास की गहलोत खेमे को दो टूक, आलाकमान की ही बात माननी चाहिए

राजस्थान सियासी संकट पर सोमवार को मार्गरेट अल्वा ने ट्वीट कर अपनी राय जाहिर की थी. इसके बाद अब गिरिजा व्यास ने कहा कि आलाकमान की ही बात माननी (Girija Vyas on Rajasthan Political Crisis) चाहिए.

Girija Vyas on Rajasthan Political Crisis
गिरिजा व्यास
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Published : Sep 27, 2022, 11:55 AM IST

Updated : Sep 27, 2022, 12:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस में बगावत करने के बाद सीएम अशोक गहलोत के लिए अब पार्टी के नेताओं की नसीहत वाली बयानबाजी का दौर परवान चढ़ते नजर (rajasthan government crisis) आ रहा है. सोमवार को राजस्थान की पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा ने ट्वीट करते हुए राजस्थान चैप्टर पर दुख जताया था.

मंगलवार सुबह 10 जनपथ पर पहुंची राजस्थान कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ. गिरिजा व्यास ने भी इस मसले पर बागी रुख रखने वाले विधायकों के नाम दो टूक शब्दों में नसीहत ( Girija Vyas on Rajasthan Political Crisis) जारी कर दी. गिरिजा व्यास के इस बयान से एक बार फिर जाहिर है कि दिल्ली में अशोक गहलोत के रुख को लेकर वरिष्ठ नेताओं के बीच क्या राय है.

गिरिजा व्यास की गहलोत खेमे को दो टूक

पढ़ें- राजस्थान के नेताओं को इस कांग्रेस नेता ने दी सीख, कहा- राहुल गांधी से क्यों नहीं सीखते

मेरा मत हाईकमान को मानना चाहिए- हिमाचल प्रदेश को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भाग लेने के लिए डॉ. गिरिजा व्यास दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरान मंगलवार सुबह 10 जनपथ पर मीटिंग में भाग लेने के लिए जाते हुए मीडिया से मुखातिब हुई. राजस्थान की बगावत को लेकर जब गिरिजा व्यास से सवाल किया गया, तो शुरुआत में उन्होंने कहा कि वे अपनी बात पहले ही बता चुकी है. लेकिन लगातार जब मीडिया कर्मियों की तरफ से इस बारे में उनसे सवाल किया गया, तो डॉ गिरिजा व्यास ने कहा कि मेरा एक ही मत है कि हाईकमान जो कहे, उसे मानना चाहिए.

पढ़ें- मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ता राजस्थान!...संकट में कांग्रेस सरकार

जाहिर है कि अशोक गहलोत गांधी परिवार के वफादार नेताओं में शुमार होते थे. राजस्थान के ताजा घटनाक्रम के बाद पार्टी में भरोसा रखने वाले नेताओं में गहलोत के रुख को लेकर अंदरखाने नाराजगी और तल्खी बढ़ती जा रही है.

मार्गरेट अल्वा ने किया ट्वीट- बता दें, सोमवार को अपने ट्वीट में मार्गरेट अल्वा ने रविवार को हुए घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण और अनावश्यक बताते हुए अपनी राय जाहिर की. मार्गरेट अल्वा ने कहा कि राज्य के वरिष्ठ नेताओं को व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं का त्याग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान के नेताओं को राहुल गांधी से प्रेरणा लेनी चाहिए. जिस तरह से राहुल गांधी मौजूदा दौर में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर खुद की दावेदारी को छोड़कर पार्टी को ध्यान में रखकर फोकस कर रहे हैं राजस्थान के नेताओं को भी कांग्रेस का ही ख्याल रखना चाहिए. उन्होंने आगे लिखा कि राहुल गांधी ने दिखाया है कि कांग्रेस को अभी जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह है निस्वार्थ सेवा.

पढ़ें- सोशल मीडिया पर छाई राजस्थान कांग्रेस की जंग, गहलोत-पायलट को लेकर Twitter पर मीम्स की बाढ़

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस में बगावत करने के बाद सीएम अशोक गहलोत के लिए अब पार्टी के नेताओं की नसीहत वाली बयानबाजी का दौर परवान चढ़ते नजर (rajasthan government crisis) आ रहा है. सोमवार को राजस्थान की पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा ने ट्वीट करते हुए राजस्थान चैप्टर पर दुख जताया था.

मंगलवार सुबह 10 जनपथ पर पहुंची राजस्थान कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ. गिरिजा व्यास ने भी इस मसले पर बागी रुख रखने वाले विधायकों के नाम दो टूक शब्दों में नसीहत ( Girija Vyas on Rajasthan Political Crisis) जारी कर दी. गिरिजा व्यास के इस बयान से एक बार फिर जाहिर है कि दिल्ली में अशोक गहलोत के रुख को लेकर वरिष्ठ नेताओं के बीच क्या राय है.

गिरिजा व्यास की गहलोत खेमे को दो टूक

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मेरा मत हाईकमान को मानना चाहिए- हिमाचल प्रदेश को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भाग लेने के लिए डॉ. गिरिजा व्यास दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरान मंगलवार सुबह 10 जनपथ पर मीटिंग में भाग लेने के लिए जाते हुए मीडिया से मुखातिब हुई. राजस्थान की बगावत को लेकर जब गिरिजा व्यास से सवाल किया गया, तो शुरुआत में उन्होंने कहा कि वे अपनी बात पहले ही बता चुकी है. लेकिन लगातार जब मीडिया कर्मियों की तरफ से इस बारे में उनसे सवाल किया गया, तो डॉ गिरिजा व्यास ने कहा कि मेरा एक ही मत है कि हाईकमान जो कहे, उसे मानना चाहिए.

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जाहिर है कि अशोक गहलोत गांधी परिवार के वफादार नेताओं में शुमार होते थे. राजस्थान के ताजा घटनाक्रम के बाद पार्टी में भरोसा रखने वाले नेताओं में गहलोत के रुख को लेकर अंदरखाने नाराजगी और तल्खी बढ़ती जा रही है.

मार्गरेट अल्वा ने किया ट्वीट- बता दें, सोमवार को अपने ट्वीट में मार्गरेट अल्वा ने रविवार को हुए घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण और अनावश्यक बताते हुए अपनी राय जाहिर की. मार्गरेट अल्वा ने कहा कि राज्य के वरिष्ठ नेताओं को व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं का त्याग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान के नेताओं को राहुल गांधी से प्रेरणा लेनी चाहिए. जिस तरह से राहुल गांधी मौजूदा दौर में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर खुद की दावेदारी को छोड़कर पार्टी को ध्यान में रखकर फोकस कर रहे हैं राजस्थान के नेताओं को भी कांग्रेस का ही ख्याल रखना चाहिए. उन्होंने आगे लिखा कि राहुल गांधी ने दिखाया है कि कांग्रेस को अभी जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह है निस्वार्थ सेवा.

पढ़ें- सोशल मीडिया पर छाई राजस्थान कांग्रेस की जंग, गहलोत-पायलट को लेकर Twitter पर मीम्स की बाढ़

Last Updated : Sep 27, 2022, 12:10 PM IST
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