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मुख्यमंत्री ने खुद जाट और राजपूत के नाम पर भ्रांति फैलाई, हमने ऐसी कोई बात नहीं की : हरीश चौधरी

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Published : Nov 25, 2022, 6:15 PM IST

Updated : Nov 26, 2022, 12:08 PM IST

हरीश चौधरी ने एक बार फिर सीएम गहलोत पर निशाना साधा है. इस बार मामला जातिवाद से जुड़ा हुआ है. जयपुर में शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए हरीश चौधरी ने कहा कि हमारे आंदोलन के दौरान खुद मुख्यमंत्री ने जाट-राजपूत के नाम पर भ्रांति की बात कही, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं, आरक्षण को लेकर इशारों ही इशारों में अल्टीमेटम भी दे दिया. यहां जानिए पूरा मामला...

Harish Chaudhary Targets CM Gehlot
हरीश चौधरी का बड़ा बयान...

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक तरफ सचिन पायलट को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस आलाकमान के नजदीकी और सबसे महत्वपूर्ण स्टीयरिंग कमेटी के मेंबर हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है जिसमें उन्होंने (Harish Chaudhary Targets CM Gehlot) इस आरक्षण की लड़ाई में जाट राजपूत की बात की. हरीश चौधरी ने सरकार को इशारों ही इशारों में यह भी अल्टीमेटम दे दिया है कि जिस भावना के साथ यह संशोधन किया गया है, उसी स्वरूप में इसे लागू किया जाए.

चौधरी ने कहा कि हमें विश्वास है कि मुख्यमंत्री ऐसा ही करेंगे और हमें दोबारा (Politics on OBC Reservation) पुरानी भाषा में बात करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. हरीश चौधरी ने कहा कि आंदोलन के दौरान हमें टकराव में आना पड़ा, जिसके चलते हमें निराधार आरोप-प्रत्यारोप भी झेलने पड़े. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान इस तरह के सवाल भी उठाए गए कि जाट आरक्षण के आंदोलन के समय कौन कहां खड़ा था. कैबिनेट में किसने क्या बोला, किसकी सियासत में धरातल की जमीन खिसक रही है.

हरीश चौधरी का बड़ा बयान...

उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने जाति के आधार पर भ्रांति फैला, जाति के आधार पर जाट-राजपूत की बात की. जबकि किसी स्तर पर (Confusion in the Name of Jat and Rajput) आरक्षण समिति या किसी ने भी जाति की बात नहीं की. हमनें जाट-राजपूत तो दूर 92 जाति ओबीसी में हैं उसमें भी एक अलग और दूसरे को अलग नहीं माना. गहलोत के जाट-राजपूत के बयान पर हरीश चौधरी इतने नाराज हुए कि उन्होंने मुख्यमंत्री को उनके पुराने चुनाव याद दिलाते हुए कहा कि चुनाव तो खुद मुख्यमंत्री ने भी लड़े हैं, चाहे वो विश्वविद्यालय में राजपूत प्रत्याशी से हारना हो या सांसद का चुनाव. हरीश चौधरी ने कहा कि गहलोत जो चुनाव लड़ रहे हैं उसमें भी किसी ना किसी जाति या धर्म के सामने चुनाव लड़ते हैं. क्योंकि हमारे यहां जाति-धर्म की मान्यता है. ऐसे में कोई ना कोई तो किसी के सामने चुनाव लड़ेगा ही. लेकिन यह भ्रांति फैलाना कि यह इस जाती का है यह निराधार है. विवाद करने के लिए यह बातें की गईं जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

विसंगति दूर हुई लेकिन अब इसे उसी स्वरूप में लागू करे सरकार : हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण में पूर्व सैनिकों को मिल रहे आरक्षण की विसंगति को दूर होने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद तो दिया, लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा कि राजस्थान में आज तक (Harish Chaudhary Warn Gehlot Government) फैसले जिस माहौल में हुए, यह फैसला उस माहौल के विपरीत हुआ है. इसको लेकर हमें दुख है. चौधरी ने कहा कि राजस्थान में कभी इस तरह फैसलों में विवाद नहीं हुआ, लेकिन इस बार हुआ. विवाद हम लोगों के लिए दुर्भाग्य रहा.

पढ़ें : हरीश चौधरी का गहलोत पर तंज...मैं तीन बार का CM और प्रदेश अध्यक्ष नहीं, खुद को संरक्षक कहने वाले रखें शब्दों की गरिमा

इसके साथ ही इशारों ही इशारों में हरीश चौधरी ने इस संशोधन को उसी स्वरूप में लागू करने की बात कहते हुए यह चेतावनी दे दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह फिर आंदोलन की राह पर जा सकते हैं. हरीश चौधरी ने कहा कि मैं आशा ही नहीं विश्वास करता हूं कि इस भाषा का हमें दोबारा इस्तेमाल नहीं करना पड़े और जो नौजवानों के लिए कैबिनेट में फैसला हुआ है वो जिन भावनाओं से हुआ है, उसी भावना से इस फैसले को लागू करवाया जाए. हरीश चौधरी ने कहा कि उन्हें आशा है कि मुख्यमंत्री जो मुझे पहले विश्वास दिला चुके हैं कि वह जायज मांग मानेंगे. ऐसे में बीडीओ की भर्ती का रिजल्ट आने वाला है, नोटिफिकेशन में उन युवाओं को भी मौका दिया जाएगा.

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक तरफ सचिन पायलट को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस आलाकमान के नजदीकी और सबसे महत्वपूर्ण स्टीयरिंग कमेटी के मेंबर हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है जिसमें उन्होंने (Harish Chaudhary Targets CM Gehlot) इस आरक्षण की लड़ाई में जाट राजपूत की बात की. हरीश चौधरी ने सरकार को इशारों ही इशारों में यह भी अल्टीमेटम दे दिया है कि जिस भावना के साथ यह संशोधन किया गया है, उसी स्वरूप में इसे लागू किया जाए.

चौधरी ने कहा कि हमें विश्वास है कि मुख्यमंत्री ऐसा ही करेंगे और हमें दोबारा (Politics on OBC Reservation) पुरानी भाषा में बात करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. हरीश चौधरी ने कहा कि आंदोलन के दौरान हमें टकराव में आना पड़ा, जिसके चलते हमें निराधार आरोप-प्रत्यारोप भी झेलने पड़े. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान इस तरह के सवाल भी उठाए गए कि जाट आरक्षण के आंदोलन के समय कौन कहां खड़ा था. कैबिनेट में किसने क्या बोला, किसकी सियासत में धरातल की जमीन खिसक रही है.

हरीश चौधरी का बड़ा बयान...

उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने जाति के आधार पर भ्रांति फैला, जाति के आधार पर जाट-राजपूत की बात की. जबकि किसी स्तर पर (Confusion in the Name of Jat and Rajput) आरक्षण समिति या किसी ने भी जाति की बात नहीं की. हमनें जाट-राजपूत तो दूर 92 जाति ओबीसी में हैं उसमें भी एक अलग और दूसरे को अलग नहीं माना. गहलोत के जाट-राजपूत के बयान पर हरीश चौधरी इतने नाराज हुए कि उन्होंने मुख्यमंत्री को उनके पुराने चुनाव याद दिलाते हुए कहा कि चुनाव तो खुद मुख्यमंत्री ने भी लड़े हैं, चाहे वो विश्वविद्यालय में राजपूत प्रत्याशी से हारना हो या सांसद का चुनाव. हरीश चौधरी ने कहा कि गहलोत जो चुनाव लड़ रहे हैं उसमें भी किसी ना किसी जाति या धर्म के सामने चुनाव लड़ते हैं. क्योंकि हमारे यहां जाति-धर्म की मान्यता है. ऐसे में कोई ना कोई तो किसी के सामने चुनाव लड़ेगा ही. लेकिन यह भ्रांति फैलाना कि यह इस जाती का है यह निराधार है. विवाद करने के लिए यह बातें की गईं जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

विसंगति दूर हुई लेकिन अब इसे उसी स्वरूप में लागू करे सरकार : हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण में पूर्व सैनिकों को मिल रहे आरक्षण की विसंगति को दूर होने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद तो दिया, लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा कि राजस्थान में आज तक (Harish Chaudhary Warn Gehlot Government) फैसले जिस माहौल में हुए, यह फैसला उस माहौल के विपरीत हुआ है. इसको लेकर हमें दुख है. चौधरी ने कहा कि राजस्थान में कभी इस तरह फैसलों में विवाद नहीं हुआ, लेकिन इस बार हुआ. विवाद हम लोगों के लिए दुर्भाग्य रहा.

पढ़ें : हरीश चौधरी का गहलोत पर तंज...मैं तीन बार का CM और प्रदेश अध्यक्ष नहीं, खुद को संरक्षक कहने वाले रखें शब्दों की गरिमा

इसके साथ ही इशारों ही इशारों में हरीश चौधरी ने इस संशोधन को उसी स्वरूप में लागू करने की बात कहते हुए यह चेतावनी दे दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह फिर आंदोलन की राह पर जा सकते हैं. हरीश चौधरी ने कहा कि मैं आशा ही नहीं विश्वास करता हूं कि इस भाषा का हमें दोबारा इस्तेमाल नहीं करना पड़े और जो नौजवानों के लिए कैबिनेट में फैसला हुआ है वो जिन भावनाओं से हुआ है, उसी भावना से इस फैसले को लागू करवाया जाए. हरीश चौधरी ने कहा कि उन्हें आशा है कि मुख्यमंत्री जो मुझे पहले विश्वास दिला चुके हैं कि वह जायज मांग मानेंगे. ऐसे में बीडीओ की भर्ती का रिजल्ट आने वाला है, नोटिफिकेशन में उन युवाओं को भी मौका दिया जाएगा.

Last Updated : Nov 26, 2022, 12:08 PM IST
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