जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस के बागी हो चुके नेताओं की पार्टी में वापसी का दौर जारी है. अब तक करीब 50 नेताओं की कांग्रेस में वापसी हो चुकी है. कल भी भीलवाड़ा के चार नेताओं ओमप्रकाश नारायणी वाल, गोपाल सारस्वत, मोहम्मद अल्ताफ और गोपाल के सावत की पार्टी में वापसी हुई है. लेकिन एक नेता ऐसे हैं जिनको कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता भले ही पार्टी में लेना चाह रहे हो. लेकिन उनकी वापसी स्थानीय नेताओं के विरोध के चलते टल गई है. जी हां हम बात कर रहे हैं पहले कांग्रेस की टिकट पर बाड़मेर से सांसद रहे और फिर भाजपा में शामिल होकर भाजपा के टिकट पर बाड़मेर से सांसद बने कर्नल सोनाराम की.
भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है. जिसके बाद से वह लगातार भाजपा से नाराज दिखाई दे रहे हैं. और कहा जा रहा था कि वह कांग्रेस के नेताओं के संपर्क में भी हैं और उनकी घर वापसी हो सकती है. यह भी कहा जा रहा था कि आज राहुल गांधी की जालौर में होने वाली सभा में कर्नल सोनाराम को पार्टी में फिर एंट्री दे दी जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
दरअसल जैसे ही यह खबर बाड़मेर के नेताओं के पास पहुंची तो स्थानीय नेताओं ने इसका विरोध कर दिया और नाराजगी इस कदर जताई कि सोनाराम अगर पार्टी में आते हैं तो वह नेता पार्टी छोड़ देंगे. ऐसे में कांग्रेस के आलाकमान को कर्नल सोनाराम को कांग्रेस में घर वापसी कराने के विचार को ड्रॉप करना पड़ा है. और कर्नल सोनाराम फिलहाल कांग्रेस पार्टी ज्वाइन नहीं कर रहे हैं. राजस्थान में पहले चरण के चुनाव में अगर कर्नल सोनाराम कांग्रेस में शामिल नहीं हो पाते हैं. तो ऐसे में उनका आगे भी पार्टी में शामिल होना मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि जिन 2 सीटों पर वह प्रभाव डाल सकते हैं. वह जोधपुर और बाड़मेर की सीट है. इन दोनों सीटों पर ही पहले चरण में मतदान होना है. हालांकि कर्नल सोनाराम ने अनौपचारिक बातचीत में यह जरूर कहा कि वह पहले भाजपा से इस्तीफा देंगे उसके बाद ही कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे.