जयपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की रिमांड पर चल रहे DoIT विभाग के जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिल रही हैं. उन जानकारियों के आधार पर एसीबी अब भ्रष्टाचार की कड़ियां जोड़ने में लगी हैं. बड़े पैमाने पर धांधली और रिश्वतखोरी की जानकारी मिलने पर अब एसीबी अपनी जांच का दायरा भी बढ़ा सकती है. DoIT के जॉइंट डायरेक्टर को रिश्वत देने वाली कंपनियां, ठेकेदार और अन्य लोग भी एसीबी के रडार पर हैं. उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. इसके साथ ही बीते पांच सालों में जिन कंपनियों की DoIT विभाग से डील हुई है. उनके प्रतिनिधियों से भी एसीबी पूछताछ की तैयारी कर रही है.
एसीबी के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में घूसखोरी और भ्रष्टाचार की हर कड़ी को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए कई बाहरी लोगों से भी पूछताछ की जाएगी. विभाग से डील करने वाली कंपनियों और ठेकेदारों से भी पूछताछ की जा सकती है, ताकि इस पूरे मामले की जड़ तक पहुंचा जा सके. वेदप्रकाश यादव को रविवार को एसीबी ने रिमांड पर लिया था. इसके बाद से ही एसीबी उससे पूछताछ में जुटी है. उससे पूछताछ में जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं. एसीबी की टीम उनका सत्यापन भी करवा रही है.
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दस्तावेज, कंप्यूटर और गैजेट्स की भी जांच : एसीबी ने वेदप्रकाश यादव के ऑफिस से बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए हैं. इसके साथ ही उसके कार्यालय में लगे ऑफिस के कंप्यूटर, लैपटॉप के साथ ही तीन मोबाइल भी जब्त किए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए एफएसएल में भिजवाया गया है. इन उपकरणों की जांच में घूसखोरी से जुड़े कई अहम सुराग एसीबी के हाथ लगने की संभावना है. इन सुरागों के आधार पर एसीबी की जांच को नई दिशा मिलने की भी उम्मीद है.
मंगलवार को फिर कोर्ट में किया जाएगा पेश : घूसखोर जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को रविवार को एसीबी ने तीन दीन की रिमांड पर लिया था. यह अवधि मंगलवार को पूरी होगी. इसके बाद उसे फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें कि योजना भवन स्थित DoIT के ऑफिस के बेसमेंट में रखी दो अलमारियों में शुक्रवार की रात को 2.31 करोड़ रुपए नकद और एक किलो सोना मिला था. मुख्य सचिव ऊषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा की मौजूदगी में पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने रात को प्रेस वार्ता कर इस मामले का खुलासा किया था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचान कर DoIT विभाग के जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को शनिवार रात को हिरासत में लिया था, जिसे बाद में एसीबी के सुपुर्द कर दिया गया.
नकदी और सोने के अलावा करोड़ों की संपत्ति : वेदप्रकाश यादव के पास ऑफिस की अलमारी से जब्त किए गए 2.31 करोड़ रुपए और एक किलो सोने के अलावा भी करोड़ों रुपए की संपत्ति होने की जानकारी एसीबी को मिली है. उसके नाम जगतपुरा में एक प्लॉट, फागी रोड पर उसके और पत्नी के नाम पर जमीन और कालवाड़ इलाके में दो प्लॉट के दस्तावेज भी मिले हैं. इसके अलावा अभी बैंक लॉकर्स की भी तलाशी ली जानी है. सामने आया है कि जो एक किलो सोना दफ्तर में मिला है. वह नोटबंदी के दौरान नकद रुपए देकर खरीदा गया था.
कार्यवाहक डीजी बोले- हर एंगल से कर रहे अनुसंधान : DoIT विभाग में नकदी और सोना मिलने के मामले में अनुसंधान चल रहा है. जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. इस मामले में हर एंगल से गहराई से और गंभीरता के साथ अनुसंधान किया जा रहा है.