जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी अजीत सिंह की अध्यक्षता में बनी स्टैडिंग कमेटी को कहा है कि वह रणथम्भौर अभयारण्य क्षेत्र में पर्यटकों के पड़ रहे दबाव, वहां की क्षमता और संसाधनों सहित वन्यजीवों को हो रही समस्याओं का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करे. इसके साथ ही अदालत ने सरिस्का में बसे 25 गांवों को शिफ्ट करने के संबंध में पर्याप्त कदम उठाने को कहा है.
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रदेश में टाइगर संरक्षण को लेकर लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान और चन्द्रभाल सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि 29 फरवरी 2008 को वित्त मंत्री ने स्टेट टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स की घोषणा की थी. इसके लिए राज्य सरकार और एनटीसीए के बीच एमओयू भी हो गया, लेकिन रणथम्भौर में 108 प्रोटेक्शन फोर्स कर्मियों के बजाए 75 कांस्टेबल और एक एएसआई लगा दिया गया. इसी तरह सरिस्का और मुकंदरा हिल्स में भी प्रोटेक्शन फोर्स नहीं लगाई गई.
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हाईकोर्ट ने दिए यह निर्देश
- रणथम्भौर में प्रोटेक्शन फोर्स के तहत बॉर्डर होमगार्ड से खाली चल रहे 32 पदों को भरा जाए. वहीं सरिस्का में 108 पदों को भरा जाए. जबकि मुकंदरा के लिए एनटीसीए और राज्य सरकार एमओयू करे और 108 बॉर्डर होमगार्ड नियुक्ति किए जाएं. प्रोटेक्शन फोर्स के बजट की व्यवस्था के लिए एनटीसीए से संपर्क किया जाए.
- एनटीसीए रणथम्भौर, सरिस्का और मुकंदरा के लिए इकोलॉजिकल टास्क फोर्स लगाए, ताकि इनमें हरियाली बनी रहे. वहीं राज्य सरकार इनमें वन्यजीव मंडल के परामर्श से स्टाफ की नियुक्ति करे.
- 15 साल में सरिस्का से 28 में से 3 गांव ही शिफ्ट हुए हैं. तीनों क्षेत्रों से गांवों को शिफ्ट करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाए.
- पीसीसीएफ और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक एसीएफ की अध्यक्षता में चार लोगों की टीम बनाए. यह टीम गांवों को शिफ्ट कराने को लेकर सरपंच सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से संपर्क करे, लेकिन एक टीम को पांच से अधिक गांव ना दिए जाए.
- एनटीसीए गांवों को शिफ्ट करने में हुई देरी के कारणों का पता लगाए. राज्य सरकार एम्पावर्ड कमेटी की सिफारिशों की पालना कराए.
- अधीनस्थ सेवा बोर्ड एक हजार 41 वन रक्षक, 87 फोरेस्टर, 99 चालक और 43 सर्वेयर के पदों को छह माह में भरे.
- आरपीएससी एसीएफ के 99 और रेंजर ग्रेड-प्रथम के 105 पदों की भर्ती प्रक्रिया जल्दी पूरी करे.
- वीएचएफ रेडियो कॉलर की जगह एड्राइड एप्लीकेशन वाले रेडियो कॉलर लगाए जाए.
- नए और अतिरिक्त नांके और चौकियां स्थापित की जाए.
- स्टेडिंग कमेटी में सीएस रत्नास्वामी, वाल्मिीकी थापर, डी खांडल को सदस्य बनाते हुए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को सदस्य सचिव बनाया जाए.
- स्टेडिंग कमेटी तीनों क्षेत्र के बफर जोन के कोर एरिया का सर्वे करे और खान गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार करे.
- तीनों टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले रास्तों का सर्वे किया जाए. कमेटी के सुझाव पर राज्य सरकार वैकल्पिक मार्ग तैयार करने का प्लान बनाए. टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले रास्तों पर निजी वाहनों का प्रवेश बंद करे और रोडवेज की एंट्री सीमित की जाए.
- स्टेडिंग कमेटी बफर जोन में पशुओं की आबादी का पता लगाए.