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स्पीकर सीपी जोशी की नई व्यस्था को भाजपा ने बताया तानाशाही, कांग्रेस ने कहा- अच्छी पहल

राजस्थान विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में इस बार बहुत कुछ नया है. इन्हीं सभी के बीच स्पीकर सीपी जोशी ने कुछ नई व्यवस्था भी की है, खासतौर पर प्रश्नकाल में किसी भी तारांकित सवाल पर पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार केवल मूल प्रश्नकर्ता को ही दिया गया है. जिसे लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने आ गया है.

स्पीकर सीपी जोशी की व्यवस्था पर उठे सवाल
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Published : Jul 15, 2019, 8:38 PM IST

जयपुर. विधानसभा स्पीकर की नई व्यवस्था से विधायक परेशान हैं. वहीं, प्रश्नकाल में अन्य विधायकों के पूर्व प्रश्न पर पाबंदी पर नाराज भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी ने व्यवस्था को स्पीकर की डिक्टेटरशिप करार दिया है. वहीं, सत्तारूढ़ दल के विधायक स्पीकर की इस नई व्यवस्था को अच्छी पहल बता रहे हैं.

स्पीकर सीपी जोशी की व्यवस्था पर उठे सवाल

प्रश्नकाल में पूर्व में थी यह व्यवस्था...
विधानसभा के प्रश्नकाल में अब तक व्यवस्था रही है कि जो सवाल लगाया जाता है वो सदन की प्रॉपर्टी बन जाता है. लिहाजा उससे संबंधी सवाल पूछने का अधिकार सदन में मौजूद हर सदस्य का होता है. पिछली विधानसभा सत्रों में यह होता भी आया है, लेकिन नए विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने बजट सत्र के पहले दिन यह तय कर दिया कि अब प्रश्नकाल में जिसका मूल सवाल लगा है वो ही उस पर पूरक प्रश्न कर सकता है. जबकि सदन में मौजूद अन्य सदस्य चाह कर भी मंत्री से सवाल नहीं कर सकते.

यही कारण है कि भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने जहां इस व्यवस्था को पूरी तरह गलत करार दिया, तो वहीं विधायक किरण माहेश्वरी ने तो स्पीकर की इस व्यवस्था को डिक्टेटरशिप करार दे दिया. जबकि कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत ने स्पीकर की नई व्यवस्था को एक अच्छी पहल बताया है. मीडिया से बात करते हुए सोमवार को उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से प्रश्नकाल में लगे विधायकों के अधिक से अधिक सवालों के जवाब सदन में आ सकेंगे.

जयपुर. विधानसभा स्पीकर की नई व्यवस्था से विधायक परेशान हैं. वहीं, प्रश्नकाल में अन्य विधायकों के पूर्व प्रश्न पर पाबंदी पर नाराज भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी ने व्यवस्था को स्पीकर की डिक्टेटरशिप करार दिया है. वहीं, सत्तारूढ़ दल के विधायक स्पीकर की इस नई व्यवस्था को अच्छी पहल बता रहे हैं.

स्पीकर सीपी जोशी की व्यवस्था पर उठे सवाल

प्रश्नकाल में पूर्व में थी यह व्यवस्था...
विधानसभा के प्रश्नकाल में अब तक व्यवस्था रही है कि जो सवाल लगाया जाता है वो सदन की प्रॉपर्टी बन जाता है. लिहाजा उससे संबंधी सवाल पूछने का अधिकार सदन में मौजूद हर सदस्य का होता है. पिछली विधानसभा सत्रों में यह होता भी आया है, लेकिन नए विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने बजट सत्र के पहले दिन यह तय कर दिया कि अब प्रश्नकाल में जिसका मूल सवाल लगा है वो ही उस पर पूरक प्रश्न कर सकता है. जबकि सदन में मौजूद अन्य सदस्य चाह कर भी मंत्री से सवाल नहीं कर सकते.

यही कारण है कि भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने जहां इस व्यवस्था को पूरी तरह गलत करार दिया, तो वहीं विधायक किरण माहेश्वरी ने तो स्पीकर की इस व्यवस्था को डिक्टेटरशिप करार दे दिया. जबकि कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत ने स्पीकर की नई व्यवस्था को एक अच्छी पहल बताया है. मीडिया से बात करते हुए सोमवार को उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से प्रश्नकाल में लगे विधायकों के अधिक से अधिक सवालों के जवाब सदन में आ सकेंगे.

Intro:विधानसभा स्पीकर की नई व्यवस्था से विधायक परेशान प्रश्नकाल में अन्य विधायकों के पूर्व प्रश्न पर पाबंदी पर नाराज भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी ने व्यवस्था को बताया स्पीकर की डिक्टेटरशिप जयपुर (इंट्रो) राजस्थान विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में इस बार बहुत कुछ नया है और इसी इन्हीं सभी के बीच स्पीकर सीपी जोशी ने कुछ नई व्यवस्था भी की है खासतौर पर प्रश्नकाल में किसी भी तारांकित सवाल पर पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार केवल मूल प्रश्न कर्ता को ही दिया गया है अभी स्पीकर कि इस नई व्यवस्था को भाजपा विधायक उनकी डिक्टेटरशिप करार दे रहे हैं। वहीं सत्तारूढ़ दल के विधायक स्पीकर की इस नई व्यवस्था को अच्छी पहल बता रहे हैं।


Body:प्रश्नकाल में पूर्व में थी यह व्यवस्था- विधानसभा के प्रश्नकाल में अब तक व्यवस्था रही है कि जो सवाल लगाया जाता है वो सदन की प्रॉपर्टी बन जाता है। लिहाजा उससे संबंधी सवाल पूछने का अधिकार सदन में मौजूद हर सदस्य को होता है और पिछली विधानसभा सत्रों में यह होता भी आया है। लेकिन नए विधानसभा स्पीकर सी पी जोशी ने बजट सत्र के पहले दिन यह तय कर दिया कि अब प्रश्नकाल में जिसका मूल सवाल लगा है वो ही उसपर पूरक प्रश्न कर सकता है जबकि सदन में मौजूद अन्य सदस्य चाह कर भी मंत्री से सवाल नहीं कर सकता। यही कारण है कि भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने जहा इस व्यवस्था को पूरी तरह गलत करार दी,तो वही विधायक किरण माहेश्वरी ने तो स्पीकर की इस व्यवस्ता को डिक्टेटरशिप करार दे दिया। वहीं कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत ने स्पीकर की नई व्यवस्था को एक अच्छी पहल बताया। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से प्रश्नकाल में लगे विधायको के अधिक से अधिक सवालों के जवाब सदन में आ सकेंगे। 1.बाईट-किरण माहेश्वरी, भाजपा विधायक 2.बाईट-कालीचरण सराफ,भाजपा विधायक 3.बाईट-शकुंतला रावत,कांग्रेस विधायक नोट-इस खबर के साथ तीनों संबंधित विधायकों की बाइट भेजी है जबकि vo नहीं किया क्योंकि विधानसभा में हु।


Conclusion:
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