जयपुर. राज्य की गहलोत सरकार के चार साल के कामकाज की समीक्षा के लिए जयपुर में चिंतन शिविर चल रहा है. सोमवार से शुरू हुए इस शिविर में मंगलवार को कानून व्यवस्था पर चर्चा होगी. गृह विभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है. ऐसे में सीएम खुद प्रेजेंटेशन देंगे. साथ ही कानून व्यवस्था कैसे बेहतर की जाएं, इसको लेकर मंत्रियों और अधिकारियों से सुझाव भी लेंगे.
गृह विभाग के बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और जलदाय मंत्री महेश जोशी भी देंगे प्रेजेंटेशन. चिंतन शिविर का समापन शाम 5:00 बजे होगा. सोमवार को जहां तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा विभागों के मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग के कामकाज का प्रेजेंटेशन दिया. वहीं, आज भी तकरीबन 10 से ज्यादा विभागों के मंत्री अपने कामकाज का प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री के सामने देंगे.
एक घंटा लेट शुरू होगा कार्यक्रम: चिंतन शिविर के दूसरे दिन के समय बदलाव किया गया है. पहले 10 बजे से यूडीएच और एलएसजी का प्रेजेंटेशन होना था अब उस समय में बदलाव किया गया है. यूडीएच और एलएसजी का प्रेजेंटेशन 11 बजे से शुरू होगा. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 12 बजकर 55 मिनट से लेकर 1 बजकर 10 मिनट तक गृह विभाग के कामकाज का प्रेजेंटेशन देंगे. उसके बाद 1 बजकर 10 मिनट से 1 बजकर 35 मिनट तक गृह विभाग के कामकाज पर चर्चा होगी.
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कानून व्यवस्था बड़ा मुद्दा: प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष पहले से आक्रामक है. विधानसभा सत्र में संदन के अंदर और बाहर गहलोत सरकार की रणनीति पर मंथन हो रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास गृहमंत्राय होने के नाते प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर जावदेही ज्यादा बन जाती है. वहीं, कानून व्यवस्था को लेकर कई बार सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विधायकों और नेताओं ने भी सवाल खड़े किए थे. ऐसे में सीएम गहलोत हर स्तर पर चर्चा करेंगे.