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समीक्षा बैठक में सीएम गहलोत बोले- प्राइवेट अस्पतालों को नहीं देंगे लूट की छूट...परसादी लाल ने कही ये बड़ी बात - Rajasthan hindi news

सीएम गहलोत ने गुरुवार को मेडिकल कॉलेज प्राचार्यों के साथ बैठकर करते हुए कहा कि प्राइवेट अस्पतालों (Cm Gehlot on Private Hospitals) को अब लूट की छूट नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने मरीजों के बाहर से दवा खरीदने को लकेर नाराजगी जताई.

Cm Gehlot in Meeting
Cm Gehlot in Meeting
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Published : Oct 27, 2022, 7:11 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज राजस्थान के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ मुख्यमंत्री आवास में बैठक की. इस दौरान उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए यहां तक कह दिया कि प्राइवेट अस्पतालों को प्रदेश में लूट की छूट (Cm Gehlot on Private Hospitals) नहीं दी जा सकती है. वहींं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री के सामने ही तमाम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से यह साफ कह दिया कि जब उन्हें पूरे पैसे और संसाधन दिए हैं तो उसके बाद भी मरीजों को बाहर से दवाई खरीदना पड़ रहा है जो कि शर्मनाक है. यह भी कहा कि अब अगर ऐसी खबरें सामने आई तो प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई होगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर कोरोना जैसी स्थिति आती है तो पब्लिक सेक्टर जिसमें आप लोग हो वही सफलतापूर्वक सेवा करता है. जबकि प्राइवेट सेक्टर सब जानते हैं कि वहां इतने महंगे इलाज होते हैं और जब मारामारी होती है तो उनकी कीमत और ज्यादा बढ़ जाती है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. गहलोत ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य दो ऐसे सेक्टर हैं जहां पर प्रॉफिट का कोई काम नहीं होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून की दृष्टि से भी यही है कि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई प्रॉफिट नहीं ले सकता. प्राइवेट अस्पतालों में सोसायटी या ट्रस्ट इसलिए बनाते हैं ताकि पैसा ट्रांसफर नहीं कर सकें, लेकिन प्राइवेट अस्पताल वाले इसका भी रास्ता निकाल लेते हैं.

समीक्षा बैठक में सीएम गहलोत

पढ़ें. सीएम गहलोत ने अस्पतालों में गंदगी पर जताई नाराजगी, बोले- मैं भी भर्ती हुआ तो शर्म आई

गहलोत ने कहा कि हम इस बार विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल लेकर आए जिसका प्राइवेट हॉस्पिटल वालों ने विरोध किया. यही कारण है कि उस बिल को सेलेक्ट भेजा गया है. गहलोत ने कहा कि अगर कोई एक्सीडेंट हो जाए, किसी अन्य राज्य का भी व्यक्ति हो तो क्या हमारी ड्यूटी नहीं कि हम उसका इलाज करें. एक बार तो वह पास के अस्पताल में ही भर्ती होगा, उसमें भी प्राइवेट अस्पतालों को तकलीफ है. वह उसका भी विरोध कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल इतना पैसा कमाते हैं. इन्हें सेवा के लिए कुछ तो आगे आना चाहिए. गहलोत ने कहा कि सरकार इस बात का प्रयास कर रही है की प्राइवेट अस्पतालों को लेकर हम क्या रूल्स एंड रेगुलेशन ला सकते हैं. गहलोत ने कहा कि उदयपुर से टीम आ रही है तो जोधपुर या अजमेर से डॉक्टर भेजे जा रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण बात है. गहलोत ने कहा कि इसके लिए भर्ती करनी हो तो नई भर्ती करें.

परसादी लाल मीणा बोले

पढ़ें. गहलोत बोले- कोटा में केवल एयरपोर्ट नहीं, 'ओम शांति' है तो कमी किस बात की है...धारीवाल की भी ली चुटकी

परसादी बोले, अगर मरीज लाते दिखे बाहर से दवा तो होगी कार्रवाई
प्राचार्य की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यो से इस बात की नाराजगी जताई कि पूरे संसाधन और पैसा देने के बावजूद कई बार ऐसी स्थितियां बनती हैं कि मरीज को दवाई बाहर से खरीदकर लानी पड़ती है, जो कि शर्मनाक है. परसादी लाल ने कहा कि कुछ दवाएं ऐसी हैं जो मेडिकल कॉलेज को ही खरीदनी पड़ेगी क्योंकि उनकी क्वांटिटी कम है. इन दवाओं को ख़रीदने की जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज की है. मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री की चिंता सही है की कई बार अखबारों में बड़ी-बड़ी खबरें छप जाती हैं, जबकि सभी मेडिकल कॉलेज को सरकार ने एडवांस पैसे दे रखे हैं.

मेडिकल कॉलेज हो, सीएचसी ,पीएचसी हो सबको पैसा दे रखा है. मीणा ने कहा कि हमको इस पर पूरा ध्यान देना होगा कि एक भी दवाई ऐसी न हो जो मरीज को बाहर से लानी पड़े, अगर ऐसी कोई दवा बाहर से लानी भी पड़े तो उसका पैसा रिटर्न करें बल्कि दवा लेने पेशेंट को नहीं भेजा जाए अपने आदमी को भेजें. परसादी लाल मीणा ने सभी प्राचार्य को चेतावनी दी कि अगर ऐसा कोई मामला सामने आया तो प्रिंसिपल ही जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज राजस्थान के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ मुख्यमंत्री आवास में बैठक की. इस दौरान उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए यहां तक कह दिया कि प्राइवेट अस्पतालों को प्रदेश में लूट की छूट (Cm Gehlot on Private Hospitals) नहीं दी जा सकती है. वहींं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री के सामने ही तमाम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से यह साफ कह दिया कि जब उन्हें पूरे पैसे और संसाधन दिए हैं तो उसके बाद भी मरीजों को बाहर से दवाई खरीदना पड़ रहा है जो कि शर्मनाक है. यह भी कहा कि अब अगर ऐसी खबरें सामने आई तो प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई होगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर कोरोना जैसी स्थिति आती है तो पब्लिक सेक्टर जिसमें आप लोग हो वही सफलतापूर्वक सेवा करता है. जबकि प्राइवेट सेक्टर सब जानते हैं कि वहां इतने महंगे इलाज होते हैं और जब मारामारी होती है तो उनकी कीमत और ज्यादा बढ़ जाती है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. गहलोत ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य दो ऐसे सेक्टर हैं जहां पर प्रॉफिट का कोई काम नहीं होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून की दृष्टि से भी यही है कि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई प्रॉफिट नहीं ले सकता. प्राइवेट अस्पतालों में सोसायटी या ट्रस्ट इसलिए बनाते हैं ताकि पैसा ट्रांसफर नहीं कर सकें, लेकिन प्राइवेट अस्पताल वाले इसका भी रास्ता निकाल लेते हैं.

समीक्षा बैठक में सीएम गहलोत

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गहलोत ने कहा कि हम इस बार विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल लेकर आए जिसका प्राइवेट हॉस्पिटल वालों ने विरोध किया. यही कारण है कि उस बिल को सेलेक्ट भेजा गया है. गहलोत ने कहा कि अगर कोई एक्सीडेंट हो जाए, किसी अन्य राज्य का भी व्यक्ति हो तो क्या हमारी ड्यूटी नहीं कि हम उसका इलाज करें. एक बार तो वह पास के अस्पताल में ही भर्ती होगा, उसमें भी प्राइवेट अस्पतालों को तकलीफ है. वह उसका भी विरोध कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल इतना पैसा कमाते हैं. इन्हें सेवा के लिए कुछ तो आगे आना चाहिए. गहलोत ने कहा कि सरकार इस बात का प्रयास कर रही है की प्राइवेट अस्पतालों को लेकर हम क्या रूल्स एंड रेगुलेशन ला सकते हैं. गहलोत ने कहा कि उदयपुर से टीम आ रही है तो जोधपुर या अजमेर से डॉक्टर भेजे जा रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण बात है. गहलोत ने कहा कि इसके लिए भर्ती करनी हो तो नई भर्ती करें.

परसादी लाल मीणा बोले

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परसादी बोले, अगर मरीज लाते दिखे बाहर से दवा तो होगी कार्रवाई
प्राचार्य की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यो से इस बात की नाराजगी जताई कि पूरे संसाधन और पैसा देने के बावजूद कई बार ऐसी स्थितियां बनती हैं कि मरीज को दवाई बाहर से खरीदकर लानी पड़ती है, जो कि शर्मनाक है. परसादी लाल ने कहा कि कुछ दवाएं ऐसी हैं जो मेडिकल कॉलेज को ही खरीदनी पड़ेगी क्योंकि उनकी क्वांटिटी कम है. इन दवाओं को ख़रीदने की जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज की है. मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री की चिंता सही है की कई बार अखबारों में बड़ी-बड़ी खबरें छप जाती हैं, जबकि सभी मेडिकल कॉलेज को सरकार ने एडवांस पैसे दे रखे हैं.

मेडिकल कॉलेज हो, सीएचसी ,पीएचसी हो सबको पैसा दे रखा है. मीणा ने कहा कि हमको इस पर पूरा ध्यान देना होगा कि एक भी दवाई ऐसी न हो जो मरीज को बाहर से लानी पड़े, अगर ऐसी कोई दवा बाहर से लानी भी पड़े तो उसका पैसा रिटर्न करें बल्कि दवा लेने पेशेंट को नहीं भेजा जाए अपने आदमी को भेजें. परसादी लाल मीणा ने सभी प्राचार्य को चेतावनी दी कि अगर ऐसा कोई मामला सामने आया तो प्रिंसिपल ही जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

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