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टिड्डी टेरर पर बोले गहलोत...कहा- ये केंद्र सरकार का विषय है इस पर उसे अच्छे से काम करना चाहिए

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को टिड्डी नियंत्रण को लेकर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर, टिड्डी चेतावनी संगठन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी इस मामले पर ध्यान आकर्षित किया था. क्योंकि, टिड्डी चेतावनी संगठन का कार्य केन्द्र के अधीन है, ऐसे में केन्द्र सरकार इसे और अधिक मजबूत करे और जरूरी संसाधन उपलब्ध करवाए.

CM Gehlot, मुख्यमंत्री गहलोत
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा टिड्डी चेतावनी संगठन को मजबूत करे केन्द्र
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Published : May 22, 2020, 7:55 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि करीब तीन दशक के बाद फिर से टिड्डियों के लगातार आक्रमण शुरू होने से यह जरूरी हो गया है कि राज्य में टिड्डी चेतावनी संगठन को और अधिक मजबूत बनाया जाए. टिड्डियों के प्रकोप के कारण बीते साल भी किसानों को बड़ा नुकसान हुआ था. इस साल पहले की अपेक्षा टिड्डियों का आक्रमण अधिक तीव्र होने की आशंका है. ऐसे में पूरी मुस्तैदी से इस चुनौती का सामना करना पड़ेगा.

जागरूकता से करने होंगे प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार टिड्डी का आक्रमण बदले रूप में सामने आया है. टिड्डियों के कुछ दल सीमावर्ती जिलों से अजमेर, जयपुर, करौली, टोंक, दौसा, सवाई माधोपुर सहित अन्य जिलों में पहुंच गए हैं. इन्हें नियंत्रित करने के लिए नए तौर-तरीकों से काम करना होगा. पिछले साल जब टिड्डी आक्रमण हुआ था तब टिड्डी चेतावनी संगठन के साथ ही कृषि विभाग और हमारे किसानोें ने अच्छा काम किया था. इस बार भी पूरी जागरूकता के साथ प्रयास करने होंगे.

अप्रैल से शुरू हुआ सिलसिला

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि 11 अप्रैल को प्रदेश में पाकिस्तानी सीमा से प्रवेश के बाद टिड्डियों के छोटे समूह अन्य जिलों में भी पहुंच गए हैं. इनसे करीब 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. हालांकि इस समय पश्चिम राजस्थान के जिलों में फसलों का समय नहीं होने से किसानों को अधिक नुकसान नहीं हुआ है. कृषि विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में पेस्टीसाइड्स उपलब्ध है. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि अफ्रीकन देशों में टिड्डियों का अत्यधिक प्रजनन हो रहा है. बड़ी संख्या में इन दलों के प्रदेश में पहुंचने की आशंका है. सरकार के प्रयासों के साथ-साथ टिड्डी नियंत्रण के लिए जनसहभागिता जरूरी है.

कीटनाशक के लिए अनुदान
कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में पहली बार टिड्डी का प्रवेश हुआ है. सिंचित क्षेत्र होने के कारण यहां अभी जायद की फसलें हो रही हैं. ऐसे में इन फसलों को नुकसान की संभावना है. कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार ने बताया कि टिडियों के नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 115 वाहनों, 600 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर एवं 3 हजार 200 ट्रैक्टर मय पानी के टेंकर की स्वीकृति जारी की जा चुकी है. वाहन किराए पर लेकर टिडियों के नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 5 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. किसानों को शत-प्रतिशत अनुदान पर पेस्टीसाइड्स उपलब्ध कराया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: पढ़ें- अलवरः आबकारी विभाग ने जारी किए शराब तस्करी और कालाबाजारी पर की गई कार्रवाइ के आंकड़े

कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि टिड्डियों पर रात्रि में नियंत्रण करना आसान है. इस कारण नियंत्रण कार्य में लगे कार्मिक रात्रि के समय पूरी मुस्तैदी से इस कार्य में जुटे हैं. आपदा प्रबंधन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि टिड्डियों के हमले के कारण फसलों में हुए खराबी की सूचना संबंधित कलक्टर विभाग को दी जाए ताकि जरूरी कार्यवाही की जा सके. बाड़मेर, जोधपुर, गंगानगर, जालौर, जैसलमेर, अजमेर आदि जिलों के कलेक्टर ने अपने-अपने जिलों में टिड्डी नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. वीसी के दौरान मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि करीब तीन दशक के बाद फिर से टिड्डियों के लगातार आक्रमण शुरू होने से यह जरूरी हो गया है कि राज्य में टिड्डी चेतावनी संगठन को और अधिक मजबूत बनाया जाए. टिड्डियों के प्रकोप के कारण बीते साल भी किसानों को बड़ा नुकसान हुआ था. इस साल पहले की अपेक्षा टिड्डियों का आक्रमण अधिक तीव्र होने की आशंका है. ऐसे में पूरी मुस्तैदी से इस चुनौती का सामना करना पड़ेगा.

जागरूकता से करने होंगे प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार टिड्डी का आक्रमण बदले रूप में सामने आया है. टिड्डियों के कुछ दल सीमावर्ती जिलों से अजमेर, जयपुर, करौली, टोंक, दौसा, सवाई माधोपुर सहित अन्य जिलों में पहुंच गए हैं. इन्हें नियंत्रित करने के लिए नए तौर-तरीकों से काम करना होगा. पिछले साल जब टिड्डी आक्रमण हुआ था तब टिड्डी चेतावनी संगठन के साथ ही कृषि विभाग और हमारे किसानोें ने अच्छा काम किया था. इस बार भी पूरी जागरूकता के साथ प्रयास करने होंगे.

अप्रैल से शुरू हुआ सिलसिला

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि 11 अप्रैल को प्रदेश में पाकिस्तानी सीमा से प्रवेश के बाद टिड्डियों के छोटे समूह अन्य जिलों में भी पहुंच गए हैं. इनसे करीब 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. हालांकि इस समय पश्चिम राजस्थान के जिलों में फसलों का समय नहीं होने से किसानों को अधिक नुकसान नहीं हुआ है. कृषि विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में पेस्टीसाइड्स उपलब्ध है. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि अफ्रीकन देशों में टिड्डियों का अत्यधिक प्रजनन हो रहा है. बड़ी संख्या में इन दलों के प्रदेश में पहुंचने की आशंका है. सरकार के प्रयासों के साथ-साथ टिड्डी नियंत्रण के लिए जनसहभागिता जरूरी है.

कीटनाशक के लिए अनुदान
कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में पहली बार टिड्डी का प्रवेश हुआ है. सिंचित क्षेत्र होने के कारण यहां अभी जायद की फसलें हो रही हैं. ऐसे में इन फसलों को नुकसान की संभावना है. कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार ने बताया कि टिडियों के नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 115 वाहनों, 600 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर एवं 3 हजार 200 ट्रैक्टर मय पानी के टेंकर की स्वीकृति जारी की जा चुकी है. वाहन किराए पर लेकर टिडियों के नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 5 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. किसानों को शत-प्रतिशत अनुदान पर पेस्टीसाइड्स उपलब्ध कराया जा रहा है.

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कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि टिड्डियों पर रात्रि में नियंत्रण करना आसान है. इस कारण नियंत्रण कार्य में लगे कार्मिक रात्रि के समय पूरी मुस्तैदी से इस कार्य में जुटे हैं. आपदा प्रबंधन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि टिड्डियों के हमले के कारण फसलों में हुए खराबी की सूचना संबंधित कलक्टर विभाग को दी जाए ताकि जरूरी कार्यवाही की जा सके. बाड़मेर, जोधपुर, गंगानगर, जालौर, जैसलमेर, अजमेर आदि जिलों के कलेक्टर ने अपने-अपने जिलों में टिड्डी नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. वीसी के दौरान मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

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