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बाल गोपाल और निशुल्क यूनिफॉर्म योजना का शुभारंभ, सीएम ने स्वीकारा- ड्रेस की सिलाई 200 रुपये में संभव नहीं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार से बाल गोपाल योजना और निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि 200 रुपये में दो ड्रेस नहीं सिलाई जा (Bal Gopal and free uniform Distribution scheme) सकती. वहीं बाल गोपाल योजना के तहत दूध वितरण के दिन को 2 दिन से बढ़ाने की बात कही.

बाल गोपाल और निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना का शुभारंभ
बाल गोपाल और निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना का शुभारंभ
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Published : Nov 29, 2022, 5:38 PM IST

Updated : Nov 29, 2022, 11:08 PM IST

जयपुर. प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमआर में आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों योजनाओं का शुभारंभ किया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद स्वीकार किया कि 200 रुपये में दो ड्रेस नहीं सिलाई जा सकती है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अगली बार से सिली सिलाई ड्रेस वितरण की मंशा भी जताई. साथ ही आने वाले दिनों में बाल गोपाल योजना को 2 दिन से बढ़ाने का प्रयास करने की बात कही.

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना और मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना के शुभारंभ (Bal Gopal and free uniform Distribution scheme) अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारा प्रदेश अनकेता में एकता वाला प्रदेश है. यहां अलग-अलग भाषाएं, अलग-अलग जातियां हैं. लेकिन स्कूलों में सब अगर एक ड्रेस पहनकर जाएंगे, तो इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. इसलिए एक यूनिफॉर्म ड्रेस कोड लागू किया गया है.

बाल गोपाल और निशुल्क यूनिफॉर्म योजना का शुभारंभ

प्रत्येक बच्चे को दो यूनिफॉर्म का कपड़ा दिया गया है. साथ ही सिलाई के लिए 200 रुपये भी (Free uniform Distribution scheme in Rajasthan) दिए गए हैं. लेकिन सिलाई के लिए 200 रुपये कम हैं, इसलिए अभिभावकों से अपील है कि कुछ खर्चा सरकार कर रही है तो कुछ वो करें. साथ ही शिक्षकों को टेलर से बात करनी चाहिए. लेकिन आगे से इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि अगली बार से अलग-अलग साइज में सिली-सिलाई ड्रेस ही दी जाए.

पढ़ें. नई यूनिफार्म सिलवाने के लिए अभिभावकों को ढूंढना होगा सस्ता दर्जी, सरकार देगी 2 जोड़ी यूनिफॉर्म के महज 200 रुपये

दूध वितरण के दिन को बढ़ाया जाएगा : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बाल गोपाल योजना के तहत अभी केवल (Bal Gopal Scheme in Rajasthan) ट्रायल के तौर पर दो दिन ही बच्चों को दूध दिया जाएगा. मिड डे मिल और पोषाहार योजना में भी कई तरह की शिकायतें आई हैं. इन्हें दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. काफी बड़ी योजनाएं हैं, जिन पर फोकस किया जा रहा है. इसके साथ ही सरकार की योजनाओं में भामाशाहों और ग्रामीणों का सहयोग भी काफी अहम हो जाता है. कोशिश रहेगी कि आने वाले समय में दूध वितरण को 2 से बढ़ाकर 3 दिन, 4 दिन, 5 दिन और फिर 6 दिन किया जाए.

Bal Gopal Scheme in Rajasthan
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की शुरुआत

इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचे इसके प्रयास रहते हैं. चिरंजीवी योजना बाल गोपाल योजना से जुड़ी हुई है. सरकार का फोकस है कि शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा काम किया जाए. चिरंजीवी योजना में 10 लाख रुपये तक का बीमा किया गया है. किडनी ड्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट और तमाम जांचें अब फ्री कर दी गई हैं. ऐसी योजनाएं पूरी दुनिया में कहीं नहीं हैं. शिक्षकों से अपील है कि सरकार की तमाम योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाएं ताकि आमजन को इनका लाभ मिल सके.

पढ़ें. सीएम के बिजी शेड्यूल ने बच्चों से छीना दूध!

प्रदेश के 3 लाख युवाओं को नौकरी : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से 3 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी देने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 1 लाख 35 हजार युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है. एक लाख 25 हजार सरकारी नौकरी पाइप लाइन में है. साथ ही 1 लाख नौकरियों की इस बजट में घोषणा भी की है. कुल मिलाकर 3 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी.

Free uniform Distribution scheme in Rajasthan
विद्यार्थियों को निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण किया गया

बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बालिका शिक्षा पर सरकार का फोकस है. जिन स्कूलों में बालिकाओं की संख्या 500 है, उन स्कूलों को कॉलेज में तब्दील करने के निर्देश दे रखे हैं. ताकि बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़े. पिछले 4 साल में 211 कॉलेज खोले गए हैं. पहले बच्चों को पढ़ने के लिए महाराष्ट्र, पूणे जाना पड़ता था, लेकिन अब बच्चों को राजस्थान से बाहर नहीं जाना पड़ता है. राजस्थान में 89 विश्वविद्यालय खोले गए हैं. इसके अलावा इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज भी हर जिले में खोल दिए हैं. आजादी के समय राजस्थान की साक्षरता दर 8 फीसदी थी, लेकिन अब ये बढ़कर 76 फीसदी तक पहुंच गई है. साथ ही सब को मिलकर कोशिश करनी चाहिए की ये 90 फीसदी से पार हो जाए.

पढ़ें. प्रदेश के 70 लाख स्कूली बच्चों को मिलेगी स्कूल बैग सहित निःशुल्क यूनिफॉर्म, बैग पर CM की फोटो पर BJP ने जताया विरोध

नेहरू के सपने को साकार कर रहे : देश के विकास में पंडित नेहरू के योगदान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश से पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने देश को आगे ले जाने के लिए बड़े-बड़े सपने देखे थे. उन्हीं सपनों को साकार किया जा रहा है. बड़े-बड़े बांध बनाए गए हैं. आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थान खोले गए. बड़े-बड़े वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, इंजीनियर आज देश से निकल रहे हैं. सीएम ने कोरोना काल में किए गए कार्यों को जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 2 साल कोरोना काल के रहे. कोरोना काल में सरकार ने बेहतरीन प्रबंधन किया. प्रदेश सरकार के कामकाज की तारीफ पूरी दुनिया में हुई. सरकार के इन कार्यों में भामाशाहों, जनप्रतिनिधि और स्वयंसेवी संगठनों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. कोरोना काल में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोया.

लेफ्टिनेंट अभय पारीक स्कूल में दूध और यूनिफॉर्म का वितरण : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक पढ़ने वाले करीब 67 लाख से ज्यादा बच्चों को सप्ताह में दो दिन दूध वितरण और दो यूनिफॉर्म वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस दौरान सीएमआर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान, समग्र शिक्षा अभियान निदेशक मोहन लाल यादव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. वहीं राजधानी के गांधीनगर स्थित लेफ्टिनेंट अभय पारीक गवर्नमेंट स्कूल में छात्रों को यूनिफॉर्म देने के साथ-साथ दूध भी वितरित किया गया.

मंगलवार और शुक्रवार को मिलेगा दूध : मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत राजकीय स्कूलों, मदरसों, विशेष प्रशिक्षण केंद्रों के कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को पाउडर मिल्क से तैयार दूध वितरण किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 476.44 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान किया गया था. माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र हंस ने बताया कि योजना के तहत पहली कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों को 50 ग्राम मिल्क पाउडर से 150 मिलीलीटर दूध और कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों को 20 ग्राम मिल्क पाउडर से 200 मिलीलीटर दूध तैयार करके सप्ताह में दो बार दिया जाएगा.

पढ़ें. शिक्षा के बढ़ते कदम अभियान के तहत 1.35 करोड़ विद्यार्थियों ने दी थी परीक्षा, World Book of Records में दर्ज हुआ रिकॉर्ड

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफॉर्म योजना के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे सभी विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के दो फैब्रिक सेट निशुल्क दिए गए. इसके साथ ही इन यूनिफॉर्म की सिलाई के लिए विद्यार्थियों के खातों में 200 रुपये भी सरकार की ओर से दिए जाएंगे. इन दोनों की योजनाओं का लाभ प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक पढ़ने वाले करीब 67 लाख 58 हजार बच्चों को मिलेगा.

इनिशिएटिव में समाज का सहयोग जरूरी : इस दौरान राज्य समाज कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ अर्चना शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार प्रदेशवासियों के समग्र विकास के लिए समर्पित है. यदि किसी बच्चे का संपूर्ण विकास चाहिए तो उसका फिजिकल और मेंटल डेवलपमेंट होना चाहिए इसके लिए उसे माइक्रो न्यूट्रिएंट्स मिलना जरूरी है. ये दूध और अच्छे पोषाहार के माध्यम से उपलब्ध होते हैं. सीएम की इस योजना से छात्रों का संपूर्ण विकास होगा. उन्होंने कहा कि आगामी समय में बाल गोपाल योजना को और बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. यूनिफॉर्म को लेकर उन्होंने कहा कि जब सरकार इतना बड़ा इनिशिएटिव लेती है तो इसमें समाज का सहयोग मिलना भी अपेक्षित है.

राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ा : इससे पहले मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा शिक्षा और चिकित्सा के लिए प्राथमिकता से कार्य करते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में हाल ही में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलना बड़ा फैसला रहा है. अब निजी शिक्षण संस्थानों से सरकारी स्कूल सीधी टक्कर ले रहे हैं. प्री प्राइमरी अंग्रेजी एजुकेशन की शुरुआत को लेकर भी लोगों में उत्साह है. पिछले 4 सालों में राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ा है. गुणवत्तापूर्ण और बेहतर शिक्षा देने के लिए हर संभव प्रयास किए गए.

बीते दिनों देखने में आया कि स्कूली बच्चे पबजी खेल खेलते मौत का शिकार हो गए हैं, उनको इस लत से हटाने के लिए सरकारी स्कूलों में चेस खेलने की शुरुआत की गई. पिछले 2 सालों में सरकारी स्कूलों में 19 लाख नामांकन बढ़ा है. पहले गांव में इस प्रकार की कोई निजी व्यवस्था नहीं थी. अगर शहरों में निजी शिक्षण स्कूलों में ऐसी व्यवस्था थी तो वहां 25 से 30 हजार फीस थी. लेकिन अब सरकार की ओर से यह सब कुछ निशुल्क दिया जा रहा है. इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए दूध वितरण योजना की घोषणा की. सप्ताह में 2 दिन तक सरकारी स्कूलों में दूध वितरण किया जाएगा.

जयपुर. प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमआर में आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों योजनाओं का शुभारंभ किया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद स्वीकार किया कि 200 रुपये में दो ड्रेस नहीं सिलाई जा सकती है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अगली बार से सिली सिलाई ड्रेस वितरण की मंशा भी जताई. साथ ही आने वाले दिनों में बाल गोपाल योजना को 2 दिन से बढ़ाने का प्रयास करने की बात कही.

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना और मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना के शुभारंभ (Bal Gopal and free uniform Distribution scheme) अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारा प्रदेश अनकेता में एकता वाला प्रदेश है. यहां अलग-अलग भाषाएं, अलग-अलग जातियां हैं. लेकिन स्कूलों में सब अगर एक ड्रेस पहनकर जाएंगे, तो इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. इसलिए एक यूनिफॉर्म ड्रेस कोड लागू किया गया है.

बाल गोपाल और निशुल्क यूनिफॉर्म योजना का शुभारंभ

प्रत्येक बच्चे को दो यूनिफॉर्म का कपड़ा दिया गया है. साथ ही सिलाई के लिए 200 रुपये भी (Free uniform Distribution scheme in Rajasthan) दिए गए हैं. लेकिन सिलाई के लिए 200 रुपये कम हैं, इसलिए अभिभावकों से अपील है कि कुछ खर्चा सरकार कर रही है तो कुछ वो करें. साथ ही शिक्षकों को टेलर से बात करनी चाहिए. लेकिन आगे से इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि अगली बार से अलग-अलग साइज में सिली-सिलाई ड्रेस ही दी जाए.

पढ़ें. नई यूनिफार्म सिलवाने के लिए अभिभावकों को ढूंढना होगा सस्ता दर्जी, सरकार देगी 2 जोड़ी यूनिफॉर्म के महज 200 रुपये

दूध वितरण के दिन को बढ़ाया जाएगा : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बाल गोपाल योजना के तहत अभी केवल (Bal Gopal Scheme in Rajasthan) ट्रायल के तौर पर दो दिन ही बच्चों को दूध दिया जाएगा. मिड डे मिल और पोषाहार योजना में भी कई तरह की शिकायतें आई हैं. इन्हें दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. काफी बड़ी योजनाएं हैं, जिन पर फोकस किया जा रहा है. इसके साथ ही सरकार की योजनाओं में भामाशाहों और ग्रामीणों का सहयोग भी काफी अहम हो जाता है. कोशिश रहेगी कि आने वाले समय में दूध वितरण को 2 से बढ़ाकर 3 दिन, 4 दिन, 5 दिन और फिर 6 दिन किया जाए.

Bal Gopal Scheme in Rajasthan
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की शुरुआत

इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचे इसके प्रयास रहते हैं. चिरंजीवी योजना बाल गोपाल योजना से जुड़ी हुई है. सरकार का फोकस है कि शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा काम किया जाए. चिरंजीवी योजना में 10 लाख रुपये तक का बीमा किया गया है. किडनी ड्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट और तमाम जांचें अब फ्री कर दी गई हैं. ऐसी योजनाएं पूरी दुनिया में कहीं नहीं हैं. शिक्षकों से अपील है कि सरकार की तमाम योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाएं ताकि आमजन को इनका लाभ मिल सके.

पढ़ें. सीएम के बिजी शेड्यूल ने बच्चों से छीना दूध!

प्रदेश के 3 लाख युवाओं को नौकरी : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से 3 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी देने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 1 लाख 35 हजार युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है. एक लाख 25 हजार सरकारी नौकरी पाइप लाइन में है. साथ ही 1 लाख नौकरियों की इस बजट में घोषणा भी की है. कुल मिलाकर 3 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी.

Free uniform Distribution scheme in Rajasthan
विद्यार्थियों को निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण किया गया

बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बालिका शिक्षा पर सरकार का फोकस है. जिन स्कूलों में बालिकाओं की संख्या 500 है, उन स्कूलों को कॉलेज में तब्दील करने के निर्देश दे रखे हैं. ताकि बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़े. पिछले 4 साल में 211 कॉलेज खोले गए हैं. पहले बच्चों को पढ़ने के लिए महाराष्ट्र, पूणे जाना पड़ता था, लेकिन अब बच्चों को राजस्थान से बाहर नहीं जाना पड़ता है. राजस्थान में 89 विश्वविद्यालय खोले गए हैं. इसके अलावा इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज भी हर जिले में खोल दिए हैं. आजादी के समय राजस्थान की साक्षरता दर 8 फीसदी थी, लेकिन अब ये बढ़कर 76 फीसदी तक पहुंच गई है. साथ ही सब को मिलकर कोशिश करनी चाहिए की ये 90 फीसदी से पार हो जाए.

पढ़ें. प्रदेश के 70 लाख स्कूली बच्चों को मिलेगी स्कूल बैग सहित निःशुल्क यूनिफॉर्म, बैग पर CM की फोटो पर BJP ने जताया विरोध

नेहरू के सपने को साकार कर रहे : देश के विकास में पंडित नेहरू के योगदान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश से पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने देश को आगे ले जाने के लिए बड़े-बड़े सपने देखे थे. उन्हीं सपनों को साकार किया जा रहा है. बड़े-बड़े बांध बनाए गए हैं. आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थान खोले गए. बड़े-बड़े वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, इंजीनियर आज देश से निकल रहे हैं. सीएम ने कोरोना काल में किए गए कार्यों को जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 2 साल कोरोना काल के रहे. कोरोना काल में सरकार ने बेहतरीन प्रबंधन किया. प्रदेश सरकार के कामकाज की तारीफ पूरी दुनिया में हुई. सरकार के इन कार्यों में भामाशाहों, जनप्रतिनिधि और स्वयंसेवी संगठनों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. कोरोना काल में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोया.

लेफ्टिनेंट अभय पारीक स्कूल में दूध और यूनिफॉर्म का वितरण : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक पढ़ने वाले करीब 67 लाख से ज्यादा बच्चों को सप्ताह में दो दिन दूध वितरण और दो यूनिफॉर्म वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस दौरान सीएमआर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान, समग्र शिक्षा अभियान निदेशक मोहन लाल यादव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. वहीं राजधानी के गांधीनगर स्थित लेफ्टिनेंट अभय पारीक गवर्नमेंट स्कूल में छात्रों को यूनिफॉर्म देने के साथ-साथ दूध भी वितरित किया गया.

मंगलवार और शुक्रवार को मिलेगा दूध : मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत राजकीय स्कूलों, मदरसों, विशेष प्रशिक्षण केंद्रों के कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को पाउडर मिल्क से तैयार दूध वितरण किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 476.44 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान किया गया था. माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र हंस ने बताया कि योजना के तहत पहली कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों को 50 ग्राम मिल्क पाउडर से 150 मिलीलीटर दूध और कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों को 20 ग्राम मिल्क पाउडर से 200 मिलीलीटर दूध तैयार करके सप्ताह में दो बार दिया जाएगा.

पढ़ें. शिक्षा के बढ़ते कदम अभियान के तहत 1.35 करोड़ विद्यार्थियों ने दी थी परीक्षा, World Book of Records में दर्ज हुआ रिकॉर्ड

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफॉर्म योजना के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे सभी विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के दो फैब्रिक सेट निशुल्क दिए गए. इसके साथ ही इन यूनिफॉर्म की सिलाई के लिए विद्यार्थियों के खातों में 200 रुपये भी सरकार की ओर से दिए जाएंगे. इन दोनों की योजनाओं का लाभ प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक पढ़ने वाले करीब 67 लाख 58 हजार बच्चों को मिलेगा.

इनिशिएटिव में समाज का सहयोग जरूरी : इस दौरान राज्य समाज कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ अर्चना शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार प्रदेशवासियों के समग्र विकास के लिए समर्पित है. यदि किसी बच्चे का संपूर्ण विकास चाहिए तो उसका फिजिकल और मेंटल डेवलपमेंट होना चाहिए इसके लिए उसे माइक्रो न्यूट्रिएंट्स मिलना जरूरी है. ये दूध और अच्छे पोषाहार के माध्यम से उपलब्ध होते हैं. सीएम की इस योजना से छात्रों का संपूर्ण विकास होगा. उन्होंने कहा कि आगामी समय में बाल गोपाल योजना को और बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. यूनिफॉर्म को लेकर उन्होंने कहा कि जब सरकार इतना बड़ा इनिशिएटिव लेती है तो इसमें समाज का सहयोग मिलना भी अपेक्षित है.

राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ा : इससे पहले मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा शिक्षा और चिकित्सा के लिए प्राथमिकता से कार्य करते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में हाल ही में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलना बड़ा फैसला रहा है. अब निजी शिक्षण संस्थानों से सरकारी स्कूल सीधी टक्कर ले रहे हैं. प्री प्राइमरी अंग्रेजी एजुकेशन की शुरुआत को लेकर भी लोगों में उत्साह है. पिछले 4 सालों में राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ा है. गुणवत्तापूर्ण और बेहतर शिक्षा देने के लिए हर संभव प्रयास किए गए.

बीते दिनों देखने में आया कि स्कूली बच्चे पबजी खेल खेलते मौत का शिकार हो गए हैं, उनको इस लत से हटाने के लिए सरकारी स्कूलों में चेस खेलने की शुरुआत की गई. पिछले 2 सालों में सरकारी स्कूलों में 19 लाख नामांकन बढ़ा है. पहले गांव में इस प्रकार की कोई निजी व्यवस्था नहीं थी. अगर शहरों में निजी शिक्षण स्कूलों में ऐसी व्यवस्था थी तो वहां 25 से 30 हजार फीस थी. लेकिन अब सरकार की ओर से यह सब कुछ निशुल्क दिया जा रहा है. इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए दूध वितरण योजना की घोषणा की. सप्ताह में 2 दिन तक सरकारी स्कूलों में दूध वितरण किया जाएगा.

Last Updated : Nov 29, 2022, 11:08 PM IST
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