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सीएम गहलोत बोले-एनसीआरबी की रिपोर्ट पर गुमराह कर रहा विपक्ष, एनकाउंटर को लेकर कही यह बात

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को क्राइम मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजस्थान में अपराध बढ़ने की बात कहकर विपक्षी पार्टी भाजपा जनता को बरगला रही है. उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर का राजस्थान में रिवाज नहीं है. लेकिन बदमाश गोली चल रहे हों, तो पुलिस को कोई नहीं रोक रहा.

CM Gehlot hits back at opposition over NCRB report
सीएम गहलोत बोले-एनसीआरबी की रिपोर्ट पर गुमराह कर रहा विपक्ष, एनकाउंटर को लेकर कही यह बात
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 25, 2023, 7:53 PM IST

एनसीआरबी के आंकड़ों को लेकर गहलोत ने विपक्ष पर साधा निशाना

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक ली और अपराध की समीक्षा की. इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारी सरकार और पुलिस का अपराधियों को साफ संदेश है कि या तो अपराध छोड़ दो या प्रदेश छोड़ दो. एनकाउंटर से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर और सही एनकाउंटर में रात-दिन का फर्क होता है. जहां सही एनकाउंटर की जरूरत होती है. वहां पुलिस चूकती नहीं है. देश या प्रदेश में कहीं भी पुलिस को चूकना भी नहीं चाहिए. राजस्थान में फेक एनकाउंटर का रिवाज नहीं है और ना ही हम चाहते हैं कि ऐसा रिवाज पैदा हो.

उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर से कोई किसी निर्दोष को मार सकता है. अपनी दुश्मनी निकालने के लिए. वह कभी स्वीकार्य नहीं है. लेकिन जब जरूरत है. बदमाश हथियारबंद है और फायरिंग कर रहा है और एनकाउंटर सही है, तो कौन रोकता है पुलिस को. उन्होंने कहा कि पहले कुछ घटनाओं में फेक एनकाउंटर के आरोप लगे थे और सुप्रीम कोर्ट तक केस चले थे. वो अलग बात है. सीएम ने कहा कि देश में आमतौर पर थानों में एफआईआर नहीं होती है. परिवादियों को भगा दिया जाता है. लेकिन हमने अनिवार्य एफआईआर दर्ज की व्यवस्था की है. इससे मामलों की संख्या बढ़ेगी. लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं है.

पढ़ें: सीएम गहलोत के NCRB आंकड़ों के बयान पर पूर्व सीएम वसुंधरा भड़की, कब तक गैंगरेप कर जिंदा जलाने की घटनाएं छुपाते रहेंगे

उन्होंने एनसीआरबी की रिपोर्ट के एक संदेश का हवाला देते हुए कहा कि अपराध में वृद्धि और अपराध पंजीकरण में वृद्धि में अंतर है. कुछ लोग इन दोनों को एक मानने की गलती कर लेते हैं. यह गलती हमारी विपक्षी पार्टी के लोग जानबूझकर कर रहे हैं. केंद्र में आज जो सरकार बैठी है. उनकी पार्टी के लोग जानबूझकर आमजन को गुमराह कर रहे हैं और पूरे देश में राजस्थान को बदनाम कर रहे हैं. जबकि हकीकत दूसरी है. यहां कोर्ट इस्तगासे के जरिए दर्ज होने वाले मामलों की संख्या घटी है.

उन्होंने कहा कि अनिवार्य एफआईआर की व्यवस्था के बावजूद अपराध के आंकड़े कमोबेश स्थिर हैं और कुछ अपराधों के आंकड़ों में तो कमी आई है. उन्होंने कहा कि कुल सजा की दर राजस्थान में 56 फीसदी से अधिक है. जबकि गुजरात मे सिर्फ 21.1 प्रतिशत और हरियाणा में 42.7 फीसदी है और मध्यप्रदेश में 53.5 प्रतिशत है. इससे पहले हुई बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा सहित पुलिस और प्रशासन के कई अधिकारी भी मौजूद रहे.

पढ़ें: Rajasthan Politics : सीएम गहलोत के बयान पर भड़की भाजपा, कहा- अन्य राज्यों की जगह राजस्थान की चिंता करें

नाबालिग से दुष्कर्म में एमपी-यूपी आगे: नाबालिग से दुष्कर्म के मामलों में साल 2021 में राजस्थान देश में 12वें स्थान पर रहा जबकि मध्यप्रदेश पहले स्थान पर और उत्तर प्रदेश चौथे स्थान पर और गुजरात छठे स्थान पर रहा. उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के बाद हत्या के मामलों की बात करें तो राजस्थान देश में दसवें स्थान पर है. जबकि उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. असम दूसरे स्थान पर और मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है.

पढ़ें: राजस्थान में दुष्कर्म और पॉक्सो के मामलों में कमी, महिला संगठनों ने कही बड़ी बात

मणिपुर से तुलना राजस्थान को बदनाम करने का प्रयास: ये विपक्ष के लोग जिस तरह से अफवाह फैला रहे हैं. वो इन आंकड़ों से पूरी तरह एक्सपोज हो जाते हैं कि किस प्रकार से जानबूझकर राजस्थान को बदनाम करने के लिए इनके केंद्रीय नेता और मंत्री प्रधानमंत्री तक से बुलवाने में नहीं चूकते हैं. सीएम बोले- कहां तो मणिपुर, जहां रेप और मर्डर हो रहे हैं. हजारों मुकदमें दर्ज हो चुके हैं. उस राज्य से पीएम नरेंद्र मोदी राजस्थान की तुलना कर रहे हैं. ऐसे में यह आंकड़े सबको एक्सपोज करने वाले हैं.

अब डीपीसी से होगी पुलिस में पदोन्नति: मुख्यमंत्री ने कहा उन्होंने 15 अगस्त को घोषणा की थी कि पुलिस महकमे में फिजिकल टेस्ट और परीक्षा के बजाए अब डीपीसी से पदोन्नति होगी. उसका असर है कि कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, एएसआई, एसआई और सीआई में खुशी है. पहले वाले सिस्टम में शिकायतें आती थी. अब सारा प्रोसेस बदल दिया गया है. अब आराम से प्रमोशन होंगे. इससे पुलिसकर्मियों में खुशी की लहर है.

त्वरित रिस्पांस के लिए 100 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई: किसी भी आपराधिक वारदात पर त्वरित रिस्पांस के लिए 100 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. पहले हमने 500 गाड़ियां देने की घोषणा की थी. अब इस बजट में फिर 500 गाड़ियां देने की घोषणा की है. किसी भी इमरजेंसी में 112 पर कॉल करने पर तत्काल यह गाड़ी मौके पर पहुंचेगी. गाड़ियों की संख्या हम लगातार बढ़ाते जाएंगे. अब गारंटी दी है कि समय आने पर पूरे राजस्थान में इस तरह की 2500 गाड़ियां होंगी.

एनसीआरबी के आंकड़ों को लेकर गहलोत ने विपक्ष पर साधा निशाना

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक ली और अपराध की समीक्षा की. इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारी सरकार और पुलिस का अपराधियों को साफ संदेश है कि या तो अपराध छोड़ दो या प्रदेश छोड़ दो. एनकाउंटर से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर और सही एनकाउंटर में रात-दिन का फर्क होता है. जहां सही एनकाउंटर की जरूरत होती है. वहां पुलिस चूकती नहीं है. देश या प्रदेश में कहीं भी पुलिस को चूकना भी नहीं चाहिए. राजस्थान में फेक एनकाउंटर का रिवाज नहीं है और ना ही हम चाहते हैं कि ऐसा रिवाज पैदा हो.

उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर से कोई किसी निर्दोष को मार सकता है. अपनी दुश्मनी निकालने के लिए. वह कभी स्वीकार्य नहीं है. लेकिन जब जरूरत है. बदमाश हथियारबंद है और फायरिंग कर रहा है और एनकाउंटर सही है, तो कौन रोकता है पुलिस को. उन्होंने कहा कि पहले कुछ घटनाओं में फेक एनकाउंटर के आरोप लगे थे और सुप्रीम कोर्ट तक केस चले थे. वो अलग बात है. सीएम ने कहा कि देश में आमतौर पर थानों में एफआईआर नहीं होती है. परिवादियों को भगा दिया जाता है. लेकिन हमने अनिवार्य एफआईआर दर्ज की व्यवस्था की है. इससे मामलों की संख्या बढ़ेगी. लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं है.

पढ़ें: सीएम गहलोत के NCRB आंकड़ों के बयान पर पूर्व सीएम वसुंधरा भड़की, कब तक गैंगरेप कर जिंदा जलाने की घटनाएं छुपाते रहेंगे

उन्होंने एनसीआरबी की रिपोर्ट के एक संदेश का हवाला देते हुए कहा कि अपराध में वृद्धि और अपराध पंजीकरण में वृद्धि में अंतर है. कुछ लोग इन दोनों को एक मानने की गलती कर लेते हैं. यह गलती हमारी विपक्षी पार्टी के लोग जानबूझकर कर रहे हैं. केंद्र में आज जो सरकार बैठी है. उनकी पार्टी के लोग जानबूझकर आमजन को गुमराह कर रहे हैं और पूरे देश में राजस्थान को बदनाम कर रहे हैं. जबकि हकीकत दूसरी है. यहां कोर्ट इस्तगासे के जरिए दर्ज होने वाले मामलों की संख्या घटी है.

उन्होंने कहा कि अनिवार्य एफआईआर की व्यवस्था के बावजूद अपराध के आंकड़े कमोबेश स्थिर हैं और कुछ अपराधों के आंकड़ों में तो कमी आई है. उन्होंने कहा कि कुल सजा की दर राजस्थान में 56 फीसदी से अधिक है. जबकि गुजरात मे सिर्फ 21.1 प्रतिशत और हरियाणा में 42.7 फीसदी है और मध्यप्रदेश में 53.5 प्रतिशत है. इससे पहले हुई बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा सहित पुलिस और प्रशासन के कई अधिकारी भी मौजूद रहे.

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नाबालिग से दुष्कर्म में एमपी-यूपी आगे: नाबालिग से दुष्कर्म के मामलों में साल 2021 में राजस्थान देश में 12वें स्थान पर रहा जबकि मध्यप्रदेश पहले स्थान पर और उत्तर प्रदेश चौथे स्थान पर और गुजरात छठे स्थान पर रहा. उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के बाद हत्या के मामलों की बात करें तो राजस्थान देश में दसवें स्थान पर है. जबकि उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. असम दूसरे स्थान पर और मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है.

पढ़ें: राजस्थान में दुष्कर्म और पॉक्सो के मामलों में कमी, महिला संगठनों ने कही बड़ी बात

मणिपुर से तुलना राजस्थान को बदनाम करने का प्रयास: ये विपक्ष के लोग जिस तरह से अफवाह फैला रहे हैं. वो इन आंकड़ों से पूरी तरह एक्सपोज हो जाते हैं कि किस प्रकार से जानबूझकर राजस्थान को बदनाम करने के लिए इनके केंद्रीय नेता और मंत्री प्रधानमंत्री तक से बुलवाने में नहीं चूकते हैं. सीएम बोले- कहां तो मणिपुर, जहां रेप और मर्डर हो रहे हैं. हजारों मुकदमें दर्ज हो चुके हैं. उस राज्य से पीएम नरेंद्र मोदी राजस्थान की तुलना कर रहे हैं. ऐसे में यह आंकड़े सबको एक्सपोज करने वाले हैं.

अब डीपीसी से होगी पुलिस में पदोन्नति: मुख्यमंत्री ने कहा उन्होंने 15 अगस्त को घोषणा की थी कि पुलिस महकमे में फिजिकल टेस्ट और परीक्षा के बजाए अब डीपीसी से पदोन्नति होगी. उसका असर है कि कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, एएसआई, एसआई और सीआई में खुशी है. पहले वाले सिस्टम में शिकायतें आती थी. अब सारा प्रोसेस बदल दिया गया है. अब आराम से प्रमोशन होंगे. इससे पुलिसकर्मियों में खुशी की लहर है.

त्वरित रिस्पांस के लिए 100 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई: किसी भी आपराधिक वारदात पर त्वरित रिस्पांस के लिए 100 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. पहले हमने 500 गाड़ियां देने की घोषणा की थी. अब इस बजट में फिर 500 गाड़ियां देने की घोषणा की है. किसी भी इमरजेंसी में 112 पर कॉल करने पर तत्काल यह गाड़ी मौके पर पहुंचेगी. गाड़ियों की संख्या हम लगातार बढ़ाते जाएंगे. अब गारंटी दी है कि समय आने पर पूरे राजस्थान में इस तरह की 2500 गाड़ियां होंगी.

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