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Kanhaiyalal Murder case: गहलोत का पलटवार, कहा-हत्यारे भाजपा कार्यकर्ता, इसलिए अमित शाह ने बोला झूठ - Satish Poonia replied to CM Gehlot

उदयपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कन्हैयालाल हत्या मामले में दिए बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अमित शाह झूठ बोल रहे हैं. वह संभवतः इसलिए क्योंकि कन्हैयालाल के हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं.

CM Gehlot hits back at Amit Shah, says this is why Shah told lie in Udaipur
Kanhaiyalal Murder case: गहलोत का पलटवार, कहा-हत्यारे भाजपा कार्यकर्ता, इसलिए अमित शाह ने बोला झूठ
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Published : Jun 30, 2023, 7:35 PM IST

सतीश पूनिया ने कन्हैयालाल हत्या मामले मेंं गहलोत के बयान पर दी प्रतिक्रिया

जयपुर. उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड पर एक बार फिर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उदयपुर में मंच से कन्हैया लाल हत्याकांड मामले पर गहलोत सरकार को जमकर घेरा. शाह ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया. गहलोत ने अमित शाह के बयानों को झूठा करार दिया और कहा कि वे संभवतः इसलिए झूठ बोल रहे हैं. क्योंकि उन्हें इस बात का पता है कि कन्हैया लाल के हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. वहीं गहलोत के इस बयान पर उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया ने जवाब दिया और सवाल उठाया कि अगर प्रदेश की कानून व्यवस्था इतनी दुरस्त है, तो फिर एनआईएस की जरूरत क्यों पड़ी. अमित शाह झूठ बोल रहे हैं.

सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति नहीं करेंगे, लेकिन आज उदयपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो किया वह एक गैर जिम्मेदाराना कार्य है. अमित शाह की ओर से उदयपुर में झूठ बोला गया कि कन्हैया लाल के हत्यारों रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को NIA ने पकड़ा, जबकि सत्य यह है कि इन्हें घटना के महज चार घंटों में राजस्थान पुलिस ने पकड़ लिया था.

Gehlot tweet
कन्हैयालाल हत्या मामले मेंं गहलोत ने किया ये ट्वीट

पढ़ें: Rajasthan : अमित शाह बोले- स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होती तो कन्हैयालाल के हत्यारे फांसी पर लटक चुके होते, विपक्ष के नेताओं को अपने बेटों की चिंता

गहलोत ने कहा कि यह दुखद घटना 28 जून, 2022 को हुई थी. जबकि NIA को इस केस की फाइल 2 जुलाई, 2022 को ट्रांसफर हुई. अमित शाह को संभवतः जानकारी में होगा कि ये दोनों हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे. उन्हें ये जांच करवानी चाहिए कि इन दोनों के मददगार कौन भाजपा नेता थे, जो इनके लिए पुलिस थानों में फोन करते थे. एक ओपन एंड शट केस में चार्जशीट फाइल होने में भी इतना अधिक समय क्यों लगा और इन्हें अब तक सजा क्यों नहीं हुई?

पढ़ें: Rajasthan Politics : हमने कन्हैयालाल के परिवार को दी सबसे बड़ी सहायता, अमित शाह विपक्ष की बैठक के बाद बौखलाए हैं- गोविंद सिंह डोटासरा

NIA की जरूत क्यों पड़ी: उधर उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार किया. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री को मेरी नेक सलाह है कि वह बातों को घुमाए नहीं और इधर-उधर की बातें ना करें, क्योंकि मुख्यमंत्री इस तरह के बयान से राजस्थान की जनता को भ्रमित करना चाहते हैं. जिसमें वे सफल नहीं होंगे. पहला सवाल राजस्थान की कानून व्यवस्था है और दूसरा सवाल खुलेआम कन्हैयालाल की गर्दन काट कर हत्या करना. ऐसा राजस्थान में कभी नहीं हुआ. वे घटनाएं क्यों हुई?

साथ ही पूनिया ने कहा कि सीएम ने जो भाजपा कार्यकर्ता होने का आरोप लगाया है, वह गलत है. दोनों भाजपा के कार्यकर्ता नहीं थे. मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि उनके शासनकाल में अगर कानून व्यवस्था मजबूत होती, तो क्यों पीएफआई पनपती, क्यों इस तरह की आतंकवादी घटनाएं होती. लेकिन मुख्यमंत्री अपनी अक्षमता को छुपाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. सीएम गहलोत यह भी जवाब दें कि आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि प्रदेश में एनआईए को आना पड़ा? पूनिया ने कहा कि एनआइए के आने के बाद प्रदेश की जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही है.

पढ़ें: Kanhaiyalal Murder : मुख्यमंत्री गहलोत की केंद्रीय गृह मंत्री से मांग, कन्हैयालाल के हत्यारों को जल्द मिले सजा

ये कहा था शाह नेः बता दें कि शुक्रवार को उदयपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया. अमित शाह ने कहा कि पिछले साल हुई कन्हैया लाल की हत्या इस सरकार का नाकामी का बड़ा उदाहरण है. आखिर क्यों उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई? शाह ने कहा कि कन्हैया लाल के हत्यारों को एनआईए ने पकड़ा, गहलोत वोट बैंक की राजनीति करते हैं.

सतीश पूनिया ने कन्हैयालाल हत्या मामले मेंं गहलोत के बयान पर दी प्रतिक्रिया

जयपुर. उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड पर एक बार फिर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उदयपुर में मंच से कन्हैया लाल हत्याकांड मामले पर गहलोत सरकार को जमकर घेरा. शाह ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया. गहलोत ने अमित शाह के बयानों को झूठा करार दिया और कहा कि वे संभवतः इसलिए झूठ बोल रहे हैं. क्योंकि उन्हें इस बात का पता है कि कन्हैया लाल के हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. वहीं गहलोत के इस बयान पर उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया ने जवाब दिया और सवाल उठाया कि अगर प्रदेश की कानून व्यवस्था इतनी दुरस्त है, तो फिर एनआईएस की जरूरत क्यों पड़ी. अमित शाह झूठ बोल रहे हैं.

सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति नहीं करेंगे, लेकिन आज उदयपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो किया वह एक गैर जिम्मेदाराना कार्य है. अमित शाह की ओर से उदयपुर में झूठ बोला गया कि कन्हैया लाल के हत्यारों रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को NIA ने पकड़ा, जबकि सत्य यह है कि इन्हें घटना के महज चार घंटों में राजस्थान पुलिस ने पकड़ लिया था.

Gehlot tweet
कन्हैयालाल हत्या मामले मेंं गहलोत ने किया ये ट्वीट

पढ़ें: Rajasthan : अमित शाह बोले- स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होती तो कन्हैयालाल के हत्यारे फांसी पर लटक चुके होते, विपक्ष के नेताओं को अपने बेटों की चिंता

गहलोत ने कहा कि यह दुखद घटना 28 जून, 2022 को हुई थी. जबकि NIA को इस केस की फाइल 2 जुलाई, 2022 को ट्रांसफर हुई. अमित शाह को संभवतः जानकारी में होगा कि ये दोनों हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे. उन्हें ये जांच करवानी चाहिए कि इन दोनों के मददगार कौन भाजपा नेता थे, जो इनके लिए पुलिस थानों में फोन करते थे. एक ओपन एंड शट केस में चार्जशीट फाइल होने में भी इतना अधिक समय क्यों लगा और इन्हें अब तक सजा क्यों नहीं हुई?

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NIA की जरूत क्यों पड़ी: उधर उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार किया. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री को मेरी नेक सलाह है कि वह बातों को घुमाए नहीं और इधर-उधर की बातें ना करें, क्योंकि मुख्यमंत्री इस तरह के बयान से राजस्थान की जनता को भ्रमित करना चाहते हैं. जिसमें वे सफल नहीं होंगे. पहला सवाल राजस्थान की कानून व्यवस्था है और दूसरा सवाल खुलेआम कन्हैयालाल की गर्दन काट कर हत्या करना. ऐसा राजस्थान में कभी नहीं हुआ. वे घटनाएं क्यों हुई?

साथ ही पूनिया ने कहा कि सीएम ने जो भाजपा कार्यकर्ता होने का आरोप लगाया है, वह गलत है. दोनों भाजपा के कार्यकर्ता नहीं थे. मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि उनके शासनकाल में अगर कानून व्यवस्था मजबूत होती, तो क्यों पीएफआई पनपती, क्यों इस तरह की आतंकवादी घटनाएं होती. लेकिन मुख्यमंत्री अपनी अक्षमता को छुपाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. सीएम गहलोत यह भी जवाब दें कि आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि प्रदेश में एनआईए को आना पड़ा? पूनिया ने कहा कि एनआइए के आने के बाद प्रदेश की जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही है.

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ये कहा था शाह नेः बता दें कि शुक्रवार को उदयपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया. अमित शाह ने कहा कि पिछले साल हुई कन्हैया लाल की हत्या इस सरकार का नाकामी का बड़ा उदाहरण है. आखिर क्यों उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई? शाह ने कहा कि कन्हैया लाल के हत्यारों को एनआईए ने पकड़ा, गहलोत वोट बैंक की राजनीति करते हैं.

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