जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस एक बार फिर सियासी संकट में फंसी (Rajasthan Political Crisis) हुई है. गहलोत समर्थक विधायकों के आलाकमान के आदेशों की नाफरमानी के बाद अब सूबे की सियासी गलियारों में अगले सीएम को लेकर (High command angry with Gehlot supporters) चर्चाएं तेज हो गई हैं. वहीं, अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करते हैं तो ऐसी स्थिति में राजस्थान का सीएम बदलना (Chances of changing CM in Rajasthan) तय है. लेकिन अगर गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन नहीं करते हैं तो भी उनके सीएम रखने को लेकर फिलहाल संशय की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि पार्टी आलाकमान गहलोत से खासा नाराज है. यही कारण है कि बीते 3 दिनों में राजस्थान में हुई सियासी नियुक्तियों को लेकर अब हर ओर सवाल उठ रहे हैं.
पार्टी के करीबियों की मानें तो मौजूदा हालात को देखते हुए सीएम अपने लोगों की नियुक्तियों में जुट गए हैं, ताकि आगे किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटा जा सके. हालांकि, इन सबके बीच गौर करने वाली बात यह है कि बीते 4 सालों से सामान्य स्थितियों में नियुक्तियां नहीं की गई. लेकिन बीते 3 दिनों में जिस प्रकार से नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हुआ है, उससे यह साफ है कि आगे सूबे में कुछ बड़ा उलटफेर होने की संभावना बन रही है.
वहीं, बीते 3 दिनों में शिल्प एवं माटी कला बोर्ड में 5 सदस्यों की नियुक्ति की गई है तो वहीं, गौ सेवा आयोग में 6 सदस्य, बाल अधिकारिता विभाग में 3 सदस्यों की नियुक्ति के साथ ही बाल अधिकारिता विभाग के अध्यक्ष पद पर दोबारा अनिता बेनीवाल को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा राज्य अल्पसंख्यक आयोग में 5 सदस्यों की नियुक्ति के साथ ही राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में निदेशक की नियुक्ति (Dozen appointments in three days) की गई है.
इधर, जानकार इसे सियासी नियुक्ति करार दे रहे हैं. उनकी मानें तो ये नियुक्तियां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर (Appointments are being done at behest of CM Gehlot) ही की जा रही है, क्योंकि आने वाले दिनों में सूबे में आलाकमान की दखल बढ़ने वाली है. जिसे गहलोत अच्छी तरह से भाप चुके हैं. यही कारण है कि विभिन्न विभागों व पदों पर सीएम अब अपने लोगों को सेट करने में जुट गए हैं. इसी क्रम में अब जोधपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर भी नियुक्ति की संभावना है.
ये है सियासी नियुक्तियों के पीछे की वजह
- सूबे में बढ़ेगा आलाकमान का हस्तक्षेप: अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बने और किसी तरह अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो भी गए तो भी आलाकमान उन्हें फ्री हैंड नहीं (Reasons for political appointments in Rajasthan) देगा. ऐसे में आने वाले दिनों में सियासी नियुक्तियां करने के लिए गहलोत को आलाकमान की ओर देखना होगा. यही कारण है कि गहलोत अपने समर्थकों को पहले ही विभिन्न पदों पर नियुक्त करने में जुट गए हैं.
- अगर पायलट बने सीएम तो गहलोत समर्थकों की बढ़ेगी मुश्किलें: अगर अशोक गहलोत सीएम की कुर्सी छोड़ते हैं और सचिन पायलट को सीएम बनाया जाता है तो गहलोत समर्थकों की मुश्किलें बढ़नी तय है. गहलोत को अपने लोगों की सियासी नियुक्ति के लिए भी पायलट पर डिपेंड रहना पड़ेगा.
- कोई तीसरा बना तो भी होगी दिक्कत: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के अलावा भी अगर कोई तीसरा मुख्यमंत्री बनता है तो भी गहलोत खुलकर अपने समर्थकों की सियासी नियुक्ति नहीं करा पाएंगे. ऐसे में बीते कुछ दिनों में हुई नियुक्तियां इसी ओर इशारा कर रही है.
इनकी हुई नियुक्ति
- बाल अधिकार संरक्षण आयोग: जोधपुर की संगीता बेनीवाल को 3 साल के लिए बाल अधिकार आयोग का एक बार फिर से अध्यक्ष बनाया गया है.
- राज्य मेला प्राधिकरण: राज्य मेला प्राधिकरण में राजनीतिक नियुक्ति तो नहीं की गई है, लेकिन इस प्राधिकरण में उपाध्यक्ष रमेश बोराणा को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया. जबकि बाकी बचे उपाध्यक्षों को अब तक यह दर्जा नहीं मिला है.
- बाल अधिकारिता संरक्षण आयोग में सदस्यों की नियुक्ति: बाल अधिकार संरक्षण आयोग में संगीता गर्ग, साबो मीणा और राजीव मेघवाल को सदस्य बनाया गया है.
- राजस्थान गौ सेवा आयोग: राजस्थान गोसेवा आयोग में भी 6 सदस्यों की नियुक्ति की गई है. इनमें मोतीलाल साखला, प्रताप पुरोहित, भगवान दास राठी ,विट्ठल महाराज ,ब्रजकिशोर पाठक और भोरेलाल बागड़ी को सदस्य मनोनीत किया गया है.
- शिल्प एवं माटी कला बोर्ड: शिल्पा एवं माटी कला बोर्ड में चार सदस्यों की नियुक्ति की गई है. इनमें संपत राज कुमावत, रामकरण कुमावत, कैलाश कुमावत, रघुनाथ परिहार और सुरेश कुमार शामिल हैं.
- राज्य अल्पसंख्यक आयोग: राज्य अल्पसंख्यक आयोग में 4 सदस्यों की नियुक्ति की गई है. इनमें रफीक कुरैशी, पिंकी ग्रोवर, हरदीप चहल और शांति मेहता शामिल हैं.
- शांति लाल निंबा को राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का निदेशक बनाया गया.
- त्रिवेदी को बनाया राज्य स्तरीय समिति का सदस्य: सियासी नियुक्तियों की दूसरी पारी के तहत सीएम ने पूर्व प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अजय त्रिवेदी के नाम को शामिल किया. डॉ. त्रिवेदी को राज्य स्तरीय जन अभियोग निराकरण समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है.
- अजय शर्मा को बनाया लघु उद्योग निगम का सदस्य: हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी व पूर्व जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव अजय शर्मा को भी इस बार सरकार ने राजनीतिक नियुक्ति देते हुए लघु उद्योग विकास निगम का सदस्य बनाया है.इसके अलावा जोधपुर के ही पीपाड से राधेश्याम सोमानी को भी इस निगम का सदस्य बनाया गया है.
- राजस्थान व्यापारी कल्याण बोर्ड में 7 सदस्यों की नियुक्ति: इसी तरह से व्यापारियों व उद्यमियों के कल्याण हेतु गठित राजस्थान व्यापारी कल्याण बोर्ड के 7 सदस्यों की नियुक्ति की गई. जिसमें जोधपुर से मनीष राठी और इकबाल बैंडबॉक्स को सदस्य बनाया गया है.