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Jaipur Serial Blast Case : कमजोर पैरवी के कारण हटाए गए AAG राजेंद्र यादव, CM गहलोत ने मीटिंग में लिया फैसला

जयपुर ब्लास्ट में 4 आरोपियों के हाईकोर्ट से छूटने के बाद प्रदेश की गहलोत सरकार ने बड़ा एक्शन लिया. कमजोर पैरवी करने पर अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) राजेंद्र यादव की सेवाएं समाप्त कर दी हैं.

Jaipur Serial Blast Case
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Published : Apr 1, 2023, 8:26 AM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट से जयपुर बम ब्लास्ट के अभियुक्तों को राहत मिलने के बाद राजस्थान में न केवल सियासत गरमा गई है, बल्कि आम जनता में भी रोष दिखने लगा है. अलग-अलग आ रही प्रतिक्रियाओं के बीच अब प्रदेश की गहलोत सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय किया है. शुक्रवार को देर रात तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्च अधिकारियों के साथ में अपने निवास पर बैठक कर मामले में विधिक जानकारी ली. बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए ट्वीट करते हुए कहा कि राज्य सरकार 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में बरी हुए आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करेगी.

अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव गृह आनंद कुमार, पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा, एडीजी एसओजी एटीएस अशोक राठौड़, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन एडीजी इंटेलिजेंस एस. सेंगथिर, प्रमुख शासन सचिव विधि ज्ञान प्रकाश गुप्ता एवं सचिव गृह (विधि) रवि शर्मा मौजूद रहे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी अधिकारियों से इस पूरे मामले पर न केवल जानकारी ली, बल्कि इस बात पर मंथन किया कि आखिर बम ब्लास्ट की विशेष अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में किन कारणों से रद्द किया है. बैठक को इस बात पर भी चर्चा हुई कि क्या हाईकोर्ट में सरकार की ओर से कमजोर पैरवी रही, जिसकी वजह से ब्लास्ट के अभियुक्तों की सजा को रद्द कर दिया गया. बैठक में बम ब्लास्ट पैरवी करने के लिए नियुक्त अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र यादव की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया.

एसएलली होगी दायर : मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर में ब्लास्ट कर अशांति फैलाने वाले कि भी दोषी की बख्शा नही जाएगा. साल 2019 के जिला न्यायालय के फैसले को पलटते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, इसलिए हाईकोर्ट के फैसले को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र ही विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल कर चुनोती देगी.

  • उच्च स्तरीय बैठक में परीक्षण के बाद जयपुर बम ब्लास्ट के मामले में हाईकोर्ट के निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील का फैसला लिया है। राज्य सरकार सर्वश्रेष्ठ वकील लगाकर पीड़ितों के साथ न्याय सुनिश्चित करेगी।

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें : Jaipur Serial Blast Case : हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी गहलोत सरकार

बीजेपी देगी धरना : बता दें कि जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद बीजेपी इस पूरे मामले पर आक्रामक है. बीजेपी शनिवार को दोपहर 1 बजे छोटी चौपड़ पर ब्लास्ट के पीड़ित परिवारों के साथ धरना देगी. इतना ही नहीं बीजेपी इसके बाद 4 अप्रैल को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देने की घोषणा कर चुकी है. प्रदेश में बीजेपी ने गहलोत सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप भी लगाया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट से जयपुर बम ब्लास्ट के अभियुक्तों को राहत मिलने के बाद राजस्थान में न केवल सियासत गरमा गई है, बल्कि आम जनता में भी रोष दिखने लगा है. अलग-अलग आ रही प्रतिक्रियाओं के बीच अब प्रदेश की गहलोत सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय किया है. शुक्रवार को देर रात तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्च अधिकारियों के साथ में अपने निवास पर बैठक कर मामले में विधिक जानकारी ली. बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए ट्वीट करते हुए कहा कि राज्य सरकार 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में बरी हुए आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करेगी.

अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव गृह आनंद कुमार, पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा, एडीजी एसओजी एटीएस अशोक राठौड़, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन एडीजी इंटेलिजेंस एस. सेंगथिर, प्रमुख शासन सचिव विधि ज्ञान प्रकाश गुप्ता एवं सचिव गृह (विधि) रवि शर्मा मौजूद रहे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी अधिकारियों से इस पूरे मामले पर न केवल जानकारी ली, बल्कि इस बात पर मंथन किया कि आखिर बम ब्लास्ट की विशेष अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में किन कारणों से रद्द किया है. बैठक को इस बात पर भी चर्चा हुई कि क्या हाईकोर्ट में सरकार की ओर से कमजोर पैरवी रही, जिसकी वजह से ब्लास्ट के अभियुक्तों की सजा को रद्द कर दिया गया. बैठक में बम ब्लास्ट पैरवी करने के लिए नियुक्त अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र यादव की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया.

एसएलली होगी दायर : मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर में ब्लास्ट कर अशांति फैलाने वाले कि भी दोषी की बख्शा नही जाएगा. साल 2019 के जिला न्यायालय के फैसले को पलटते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, इसलिए हाईकोर्ट के फैसले को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र ही विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल कर चुनोती देगी.

  • उच्च स्तरीय बैठक में परीक्षण के बाद जयपुर बम ब्लास्ट के मामले में हाईकोर्ट के निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील का फैसला लिया है। राज्य सरकार सर्वश्रेष्ठ वकील लगाकर पीड़ितों के साथ न्याय सुनिश्चित करेगी।

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पढ़ें : Jaipur Serial Blast Case : हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी गहलोत सरकार

बीजेपी देगी धरना : बता दें कि जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद बीजेपी इस पूरे मामले पर आक्रामक है. बीजेपी शनिवार को दोपहर 1 बजे छोटी चौपड़ पर ब्लास्ट के पीड़ित परिवारों के साथ धरना देगी. इतना ही नहीं बीजेपी इसके बाद 4 अप्रैल को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देने की घोषणा कर चुकी है. प्रदेश में बीजेपी ने गहलोत सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप भी लगाया है.

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