जयपुर. संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड पर कई राज्यों में दो लाख से ज्यादा निवेशकों के साथ 953 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने का आरोप है. इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मुल्जिम बताया, जिस पर शेखावत अब दिल्ली स्थित राउस एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का दावा करने जा रहे हैं.
मानहानि का स्वागत है- गहलोत
गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री यदि मानहानि का केस करने जा रहे हैं, तो इसका स्वागत करते हैं. कम से कम इस बहाने की यर केस आगे बढ़ेगा. जो गरीब चर्चा में नहीं थे उनका भला होगा. अब कम से कम डेढ़ दो लाख जिन लोग का पैसा डूब चुका है. किसी का एक करोड़, किसी का 50 लाख, 25 लाख वो पैसा कहां गया है. इथोपिया में गया है, यहां पर गबन हुआ है. कई लोग जेल में बैठे हुए हैं. गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह खुद मुल्जिम हैं. इसमें उनकी पत्नी, उनका साला, उनके पिताजी का नाम है, उनकी माता जी, जिनका देहांत हो गया है. ये हकीकत है, लेकिन इस प्रकरण में उन्होंने आज तक जुबान नहीं खोली.
'इनको शर्म आनी चाहिए'
आज ये केंद्रीय मंत्री बने हुए हैं, इनको शर्म आनी चाहिए थी कि मंत्री बनने के बाद जिम्मेदारी बढ़ जाती है. तो आगे बढ़ कर के सबको बुलाकर बातचीत करें. खुद की कोई मजबूरी है तो वो बताएं या संजीवनी को ऑपरेटिव सोसाइटी के जो लोग जेल में बैठे हुए हैं उनकी प्रॉपर्टी जब्त कराने को लेकर सहयोग करते.
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सीएम ने बताई अपनी मजबूरी!
सीएम ने कहा कि ईडी ही प्रॉपर्टी को जब्त कर सकती है, एसओजी प्रॉपर्टी जब्त नहीं कर सकती. वरना अब तक प्रॉपर्टी जब्त कर लेते और उसको बेच करके जो पैसा आता उसे लोगों को चुका देते. पूरा पैसा भले ही नहीं मिलता लेकिन कुछ तो लोगों के पास पहुंचता. उन्होंने बताया कि जब पीड़ित लोग उनसे मिले तो आंखों में आंसू आ गए. बुजुर्ग लोग, महिलाएं उनसे आकर मिली. बेटियों की शादी के लिए जो कमाई इकट्ठी की थी, वो सब डूब गई. इन लोगों को उनके आंसुओं पर भी शर्म नहीं आती, ना दया आती.
'मानहानि से केस आगे बढ़ेगा'
उन्होंने कहा कि मानहानि का केस कर रहे हैं अच्छा लगेगा. इसी बहाने केस आगे बढ़ेगा. गरीबों का ये प्रकरण नेशनल लेवल पर बनेगा. वो खुद चाहते हैं कि ये बात प्रधानमंत्री और गृह मंत्री तक जाए. अमित शाह खुद कोऑपरेटिव मिनिस्टर हैं. उन्हीं के अंडर में ये कोऑपरेटिव सोसाइटी आती है. इनसे निपटने का काम केंद्र सरकार का है. इसे लेकर 5 बार ईडी वालों को लिखकर दे चुके हैं लेकिन वो केस लेने को तैयार नहीं. ईडी वाले हिंदुस्तान भर में छापे डाल रहे हैं. जबकि ये छापे का केस तो परफेक्ट है.
सीएम का पीएम से सवाल
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा व्यक्ति केंद्रीय मंत्री कैसे रह सकता है? अफसोस इस बात का है कि प्रधानमंत्री गृहमंत्री के नॉलेज में अब तक इतना बड़ा घपला नहीं आया. ऐसे घपलेबाज को प्रधानमंत्री कैसे अपने मंत्रिमंडल में रख सकते हैं, ये एक बड़ा सवाल है.यह हकीकत कागजों में, पेपरों में, हाईकोर्ट में है. केंद्र सरकार ने लिक्विडेटर बैठाया हुआ है. अगर वो (गजेंद्र सिंह) चाहे तो सरकार उनको सहयोग कर सकती है. अगर वो चाहते हैं कि किस तरह से इसका निपटारा करें, इसमें कोई राजनीति नहीं करनी. हकीकत बतानी पड़ेगी, ये फर्ज है. वो पूछते हैं स्टेट गवर्नमेंट इस विषय में क्या कर रही है, उनसे यही कहना चाहते हैं कि यदि स्टेट गवर्नमेंट से कोई सहयोग चाहिए तो सहयोग देने को तैयार हैं. आप उन गरीबों को पैसा दिलवाइए.
'कई हैं किस्से कहानियां'
सीएम ने आखिर में कहा कि लोग कहते हैं ब्याज गया भाड़ में, कम से कम मूल तो दिलवाइए ताकि बेटियों की शादी कर सके. एक बुजुर्ग आदमी के 5 स्टंट लगने हैं, उसने जिद पकड़ रखी है जो पैसा वापस मिलेगा, उसी से स्टंट लगवाएंगे. ऐसे कई किस्से कहानियां हैं. अच्छा है वो स्वागत करते हैं कि यदि उनके खिलाफ केस करते हैं, तो इसी बहाने गरीबों का भला होता हो तो उन्हें अच्छा लगेगा.