नई दिल्ली/जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा सोमवार को पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचे. क्राइम ब्रांच ने करीब एक घंटे तक लोकेश शर्मा से पूछताछ की. पूछताछ के बाद लोकेश शर्मा ने गजेंद्र शेखावत की मंशा पर भी सवालिया निशान खड़े किए. राजस्थान में कथित तौर पर हुआ फोन टैपिंग का मामला अभी शांत नहीं हुआ है. राजस्थान का यह चर्चित मामला दिल्ली में भी प्रवेश कर चुका है.
दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच दफ्तर में लोकेश शर्मा से करीब एक घंटे तक पूछताछ के दौरान सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा. एक घंटे चली पूछताछ के बाद लोकेश शर्मा ने कहा कि उनपर फोन टैपिंग का आरोप गलत है. उनके पास सोशल मीडिया के माध्यम से एक रिकॉर्डिंग आई थी जिसे उन्होंने अपने पत्रकार साथियों को भेजा. इससे यह साफ किया हो सकेगा कि किस तरह एक लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश चल रही है. शर्मा ने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं. इसकी जांच होनी चाहिए कि वह ऑडियो किसकी है, उसमें किसकी आवाज है.
उन्होंने कहा कि वह साफतौर पर बता चुके हैं कि इस फोन टैपिंग के मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है. उनकी भूमिका मात्र इतनी है कि सोशल मीडिया के जरिए रिकॉर्डिंग उनके पास आई और उन्होंने इसे सार्वजनिक किया. लोकेश शर्मा ने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने के लिए इस केस को राजस्थान ट्रांसफर करने की उन्होंने अपील कोर्ट से की है. इस पर अगली तारीख 20 फरवरी है.
ये था मामला : मार्च 2021 में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. राजस्थान का यह फोन टैप विवाद 2020 का है, जब कांग्रेस नेता सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट के बीच विवाद चल रहा था. इसी विवाद के बीच गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत का यह ऑडियो क्लिप सामने आया था. ऑडियो लीक होने पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को ई-मेल भेजकर शिकायत की थी, जिसमें लोकेश शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. अब तक इस मामले में कुल पांच बार क्राइम ब्रांच लोकेश शर्मा को पूछताछ के लिए बुला चुकी है. आज तीसरी बार लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच के सवालों का सामना किया है.