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चुनावी साल में किसानों को राहत, सीएम गहलोत ने दिए आगामी 10 दिनों में गिरदावरी पूर्ण कर राहत देने के निर्देश

गहलोत सरकार ने फसल खराबे से प्रभावित किसानों को जल्द राहत मिलेगी, सीएम गहलोत ने किसानों को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं . गहलोत ने अगले 10 दिन में गिरदावरी का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

CM Ashok Gehlot meeting to review crop damage in state
CM Ashok Gehlot meeting to review crop damage in state
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 28, 2023, 10:09 AM IST

जयपुर. इस वर्ष कई जिलों में असामान्य वर्षा से फसलों को लगातार नुकसान हुआ है. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने गिरदावरी आगामी 10 दिवस के भीतर करवाकर किसानों को राहत देने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने बुधवार शाम को सीएम निवास पर फसल नुकसान, इनपुट सब्सिडी, फसल बीमा एवं गिरदावरी की समीक्षा बैठक ली. उन्होंने कहा कि खराब हुई फसलों का आंकलन कर प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा देेने के लिए गिरदावरी का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए. साथ ही, प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की गिरदावरी अविलंब करवाकर फसलों के नुकसान की रिपोर्ट भिजवाने के भी निर्देश दिए. जिससे प्रभावित किसानों को तत्काल सहायता उपलब्ध करवाई जा सके.

गुलाबी सुण्डी कीट के प्रकोप से प्रभावित किसानों को मिलेगी राहत : बैठक में बताया गया कि हनुमानगढ़, गंगानगर जिले में कपास की फसल में गुलाबी सुण्डी कीट के प्रकोप से दोनों जिलों में 2 लाख 56 हजार हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. जिससे 73 हजार कृषक प्रभावित हुए हैं. जिनमें 5 से 45 प्रतिशत नुकसान का अनुमान है. फसल बीमा योजना के अंतर्गत कीट रोग के प्रकोप के कारण कपास फसल का उत्पादन प्रभावित होने पर बीमित किसानों को नुकसान के किए क्लेम देय हैं. वर्तमान में खरीफ 2023 के कपास की फसल कटाई प्रयोग प्रक्रियाधीन है. इन प्रयोगों से प्राप्त औसत उपज आंकड़ों के आधार पर नियमानुसार क्लेम दिया जाएगा.

पढ़ें सफेद सोने पर गुलाबी सुंडी का प्रकोप, अब किसान लड़ेंगे आर पार की लड़ाई : सयुंक्त किसान मोर्चा

पात्र काश्तकारों को षि आदान अनुदान का हो रहा तत्काल भुगतान : बैठक में बताया गया कि एसडीआरएफ नॉर्म्स के अनुसार काश्तकारों को अनुदान राशि के भुगतान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत बीमा क्लेम राशि के समायोजन के प्रावधान के कारण काफी विलम्ब हो रहा है. मुख्यमंत्री के आग्रह पर भारत सरकार ने 11 जुलाई 2023 को एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन कर उक्त प्रावधान को समाप्त कर दिया. संशोधित नॉर्म्स के अनुसार अधिकतम किसानों को कृषि आदान-अनुदान का भुगतान किया जा चुका है. सीएम गहलोत ने कहा कि शेष किसानों को भी जल्द भुगतान सुनिश्चित किया जाए.

पढ़ें किसान नेता रामपाल जाट बोले - अबकी किसान उनके साथ, जो देगा फसल का पूरा दाम

968.48 करोड़ रूपए का कृषि आदान-अनुदान वितरित: बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022-23 और 2023-24 में राज्य में घटित प्राकृतिक आपदाओं यथा बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि पाला एवं शीतलहर से प्रभावित 10.61 लाख पात्र काश्तकारों को राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) नॉर्म्स के अनुसार 968.48 करोड़ रूपए का षि आदान अनुदान वितरित किया गया है. साथ ही, वर्ष 2022-23 रबी के 1895 करोड़ के बीमा क्लेम किसानों को वितरित किये जा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 रबी के लम्बित बीमा क्लेम किसानों को शीघ्र वितरित कराये जाए. बैठक में बताया गया कि बाढ में 7.72 लाख किसानो को 563.03 करोड़ रूपए, पाला/शीतलहर में 2.65 लाख किसानों को 375.72 करोड़ रूपए, ओलावृष्टि में 6762 किसानों को 13.13 करोड़ रूपए एवं सूखा में 17089 किसानों को 16.60 करोड़ रूपए की सहायता उपलब्ध कराई गई. वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के पात्र किसानो को डीएमआईएस पोर्टल के माध्यम से सहायता प्रदान की जा चुकी है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में वर्षा की स्थिति को देखते हुए सूखा पड़ने की संभावना है. सूखे की स्थिति से निपटने हेतु जिलों में आवश्यक तैयारी की जाए.

जयपुर. इस वर्ष कई जिलों में असामान्य वर्षा से फसलों को लगातार नुकसान हुआ है. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने गिरदावरी आगामी 10 दिवस के भीतर करवाकर किसानों को राहत देने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने बुधवार शाम को सीएम निवास पर फसल नुकसान, इनपुट सब्सिडी, फसल बीमा एवं गिरदावरी की समीक्षा बैठक ली. उन्होंने कहा कि खराब हुई फसलों का आंकलन कर प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा देेने के लिए गिरदावरी का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए. साथ ही, प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की गिरदावरी अविलंब करवाकर फसलों के नुकसान की रिपोर्ट भिजवाने के भी निर्देश दिए. जिससे प्रभावित किसानों को तत्काल सहायता उपलब्ध करवाई जा सके.

गुलाबी सुण्डी कीट के प्रकोप से प्रभावित किसानों को मिलेगी राहत : बैठक में बताया गया कि हनुमानगढ़, गंगानगर जिले में कपास की फसल में गुलाबी सुण्डी कीट के प्रकोप से दोनों जिलों में 2 लाख 56 हजार हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. जिससे 73 हजार कृषक प्रभावित हुए हैं. जिनमें 5 से 45 प्रतिशत नुकसान का अनुमान है. फसल बीमा योजना के अंतर्गत कीट रोग के प्रकोप के कारण कपास फसल का उत्पादन प्रभावित होने पर बीमित किसानों को नुकसान के किए क्लेम देय हैं. वर्तमान में खरीफ 2023 के कपास की फसल कटाई प्रयोग प्रक्रियाधीन है. इन प्रयोगों से प्राप्त औसत उपज आंकड़ों के आधार पर नियमानुसार क्लेम दिया जाएगा.

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पात्र काश्तकारों को षि आदान अनुदान का हो रहा तत्काल भुगतान : बैठक में बताया गया कि एसडीआरएफ नॉर्म्स के अनुसार काश्तकारों को अनुदान राशि के भुगतान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत बीमा क्लेम राशि के समायोजन के प्रावधान के कारण काफी विलम्ब हो रहा है. मुख्यमंत्री के आग्रह पर भारत सरकार ने 11 जुलाई 2023 को एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन कर उक्त प्रावधान को समाप्त कर दिया. संशोधित नॉर्म्स के अनुसार अधिकतम किसानों को कृषि आदान-अनुदान का भुगतान किया जा चुका है. सीएम गहलोत ने कहा कि शेष किसानों को भी जल्द भुगतान सुनिश्चित किया जाए.

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968.48 करोड़ रूपए का कृषि आदान-अनुदान वितरित: बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022-23 और 2023-24 में राज्य में घटित प्राकृतिक आपदाओं यथा बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि पाला एवं शीतलहर से प्रभावित 10.61 लाख पात्र काश्तकारों को राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) नॉर्म्स के अनुसार 968.48 करोड़ रूपए का षि आदान अनुदान वितरित किया गया है. साथ ही, वर्ष 2022-23 रबी के 1895 करोड़ के बीमा क्लेम किसानों को वितरित किये जा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 रबी के लम्बित बीमा क्लेम किसानों को शीघ्र वितरित कराये जाए. बैठक में बताया गया कि बाढ में 7.72 लाख किसानो को 563.03 करोड़ रूपए, पाला/शीतलहर में 2.65 लाख किसानों को 375.72 करोड़ रूपए, ओलावृष्टि में 6762 किसानों को 13.13 करोड़ रूपए एवं सूखा में 17089 किसानों को 16.60 करोड़ रूपए की सहायता उपलब्ध कराई गई. वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के पात्र किसानो को डीएमआईएस पोर्टल के माध्यम से सहायता प्रदान की जा चुकी है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में वर्षा की स्थिति को देखते हुए सूखा पड़ने की संभावना है. सूखे की स्थिति से निपटने हेतु जिलों में आवश्यक तैयारी की जाए.

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