जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज पुलिस मुख्यालय जाएंगे, जहां पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात की समीक्षा करेंगे. प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अब छह महीने से भी कम समय बचा है. ऐसे में सरकार का यही प्रयास रहेगा कि चुनावी साल में राज्य में कानून व्यवस्था बड़ा मुद्दा नहीं बने. इसी को लेकर पुलिस से कमर कसने की बात कही जा सकती है. हालांकि, प्रमुख विपक्षी दल भाजपा इस सरकार के शासन में कानून व्यवस्था को लगातार मुद्दा बनाकर सरकार पर हमलावर रहा है. ऐसे में सरकार और पुलिस की आने वाले दिनों के लिए यह रणनीति होगी कि कानून व्यवस्था किसी भी कीमत पर बड़ा मुद्दा नहीं बने ताकि विपक्ष इस मामले में सरकार को घेर नहीं पाए.
यह अधिकारी शामिल होंगे बैठक में - पुलिस मुख्यालय में आज दोपहर बाद होने वाली इस बैठक में डीजीपी उमेश मिश्रा, सभी एडीजी और सभी रेंज आईजी शामिल होंगे. सभी जिलों के एसपी को जयपुर नहीं बुलाया गया है. ऐसे में संभावना है कि जिलों के एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक से जुड़ सकते हैं.
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महिला उत्पीड़न के मामलों पर हमलावर है भाजपा - इस सरकार के लगभग पूरे कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी ने महिला उत्पीड़न के मामलों को लेकर सरकार को लगातार घेरने का प्रयास किया है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की पिछले साल की रिकॉर्ड में दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मुकदमें राजस्थान में दर्ज होने को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया था. हालांकि, पुलिस और खुद मुख्यमंत्री ने इस मामले में सफाई दी थी. उनका तर्क था कि राजस्थान में अनिवार्य एफआईआर का प्रावधान होने के कारण मुकदमों की संख्या में इजाफा हुआ है. पुलिस ने यह कहकर भी बचाव किया था कि जांच में कई मामले झूठे भी पाए जाते हैं.
जैसलमेर और डूंगरपुर मामले पर विपक्ष ने घेरा - डूंगरपुर में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक रमेशचंद कटारा द्वारा बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करने का मामला हो या जैसलमेर में एक युवक द्वारा लड़की का अपहरण कर जबरन फेरे लेने का मामला. भाजपा नेता सोशल मीडिया पर लगातार सरकार को घेर रहे हैं. इन दोनों घटनाओं को लेकर भाजपा के कमोबेश सभी नेताओं ने प्रदेश में कानून व्यवस्था, महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं.