जयपुर. राजस्थान में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और सत्ताधारी कांग्रेस पूरी तरह से चुनावी रंग में घुलती दिख रही है. लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस बार के इलेक्शन में कौन बाजी मारेगा?. एक ओर विपक्ष जहां सत्ता विरोधी लहर के दम पर वापसी की राह देख रहा है तो वहीं सरकार के मुखिया अशोक गहलोत मोदी के फॉर्मूले पर काम शुरू कर रहे हैं. जाहिर है कि साल 2013 में आम चुनावों के दौरान भाजपा ने महंगाई का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया था. वहीं अब गहलोत भी भाजपा की चाल से उसे ही मात देने की तैयारी में है. यही वजह है कि बीते एक हफ्ते से गहलोत के दौरों से लेकर उनके सोशल मीडिया पर लगातार महंगाई और राहत का जिक्र छाया हुआ है.
यहां तक कि दो दिन तक विधायकों के साथ की गई रायशुमारी के बाद भी सीएम गहलोत ने अपने ट्विटर पर बजत, राहत और बढ़त के फॉर्मूले की चर्चा कर रहे हैं. जिसमें महंगाई राहत कैंप को मील का पत्थर बताया जा रहा है. विधायकों के साथ होने वाले इस वन टू वन संवाद में जोर दिया जा रहा है कि MLA इन शिविरों की कामयाबी पर फोकस करें, न कि सोशल मीडिया पर पोस्ट और इंगेजमेंट बढ़ाकर चर्चा में शुमार हों. यह महंगाई राहत कैंप 24 अप्रैल से लगाए जाएंगे. जिनमें आमजन और वंचित वर्ग को महंगाई की मार से उभारने का दावा किया जा रहा है.
ये है महंगाई से राहत का फॉर्मूला - राजस्थान सरकार की ओर से लगाए जाने वाले महंगाई राहत शिविर के तहत राज्य में 30 जून तक हर ग्राम पंचायत और शहरों के वार्डों में दो-दो दिन शिविर लगाए जाएंगे. इन कैंपों में पात्र लाभार्थियों को 10 योजनाओं में रजिस्ट्रेशन के बाद मौके पर ही गारंटी कार्ड या संशोधन के बाद मंजूरी के आदेश मुहैया होंगे. योजनाओं का फायदा लेने के लिए कैंप में रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा. महंगाई राहत कैंप में आगाज के साथ ही 10 स्कीम्स को शामिल किया गया है. हालांकि लाभ लेने वालों को अपनी एलिजिबिलिटी के बाद यह तय करना है कि वे सरकार की कौन सी योजना से लाभान्वित होंगे.
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राज्य सरकार की इस मुहिम के तहत प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान के हर कैंप में महंगाई राहत शिविर के काउंटर लगेंगे. प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत 11 हजार 283 पंचायतों और शहरों के 7 हजार 500 वार्डों में कैंप लगेंगे. इसके अलावा 2000 स्थाई महंगाई राहत कैंप भी लगेंगे, जो की सरकारी अस्पताल, गैस एजेंसी, बस स्टैंड, मुख्य बाजार, शॉपिंग मॉल्स, रेलवे स्टेशन, कलेक्ट्रेट, पंचायत समिति, नगर पालिका और अन्य सरकारी दफ्तरों या सार्वजनिक जगहों पर लगाए जाएंगे. खास बात यह है कि इन शिविरों में अधिकारों, योजनाओं और पात्रता की जानकारी देकर आमजन को सशक्त बनाने का दावा किया जा रहा है. गौरतलब है कि किसी भी जिले का व्यक्ति राज्य के दूसरे जिलों के कैंप में भी जनाधार कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकता है. सरकार बाकायदा 21 अप्रैल से वेबसाइट और टोल फ्री नंबर पर इसकी तैयारी के लिए जानकारी भी देगी. जिसमें mehngaairahatcamp.rajasthan.gov.in वेबसाइट और 181 टोल फ्री नंबर दिए गए हैं.
महंगाई राहत के 10 फॉर्मूले
- मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर गारंटी कार्ड योजना
- मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना (घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट प्रतिमाह)
- मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना (कृषि उपभोक्ताओं को 2000 यूनिट प्रतिमाह)
- मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना
- महात्मा गांधी नरेगा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (25 अतिरिक्त दिवस तथा कथौड़ी, सहरिया व विशेष योग्यजन को 100 दिवस अतिरिक्त )
- इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना (125 दिवस)
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना (न्यूनतम 1000 रुपये पेंशन प्रतिमाह)
- मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना
- मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना (अब 25 लाख रुपए का बीमा)
- मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना (अब 10 लाख रुपए का बीमा)
पात्रता के लिए ये जरूरी होगा - अशोक गहलोत सरकार के महंगाई राहत के 10 बिंदुओं में फायदा लेने के लिए मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना के बिल पर अंकित नंबर या कनेक्शन नंबर के अलावा गैस सिलेंडर योजना के लिए गैस कनेक्शन नंबर और एजेंसी का नाम देना होगा. इसी तरह से महात्मा गांधी नरेगा योजना के लिए जॉब कार्ड नंबर उपलब्ध करवाने होंगे. जबकि अन्य सभी योजनाओं के लिए जन आधार नंबर का होना अनिवार्य है. इसके बाद 24 अप्रैल से 30 जून 2023 तक कैंप में रजिस्ट्रेशन करवाए जा सकेंगे. ये कैंप सोमवार से शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक लगेंगे.