जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह ने दिव्यांगों की बड़ी आबादी के विकास पर जोर देते हुए कहा कि इन्हें भी समान अधिकार मिलने चाहिए. समाज का कोई भी व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित नहीं रहे और सामाजिक व आर्थिक भेदभाव के बिना उन्हें सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए. सीजे मसीह ने यह विचार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित विशिष्ट योग्यजनों के कार्ड व अन्य योजनाओं का लाभ दिलवाने वाली स्कीम और आदर्श विधिक सेवा केन्द्र की लॉन्चिंग के कार्यक्रम में रखे.
सीजे मसीह ने कहा कि प्राधिकरण की यह योजना निश्चित तौर पर अच्छा कदम है. इससे उन्हें समान अधिकार और अवसर मिलने के साथ ही वे मुख्य धारा में भी शामिल हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि समाज में किसी को भी उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता और रालसा की ये स्कीम आमजन व विशिष्ट जनों के लिए उपयोगी साबित होंगी. रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एमएम श्रीवास्तव ने कहा कि तालुका स्तर पर विशेष योग्यजनों को चिन्हित कर उन्हें यूडीआईडी कार्ड मिल सकेंगे.
इन कार्ड के बिना अब कोई भी व्यक्ति राज्य की कल्याणकारी स्कीमों या कृत्रिम अंग प्राप्त करने से वंचित नहीं रहेगा. इसके अलावा तालुकाओं में भी विधिक जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए आमजन को ना केवल कानून के प्रति जागरूक किया जाएगा, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी. इस मौके पर रालसा एट ए ग्लांस पुस्तक का भी विमोचन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश व प्राधिकरण के कई पदाधिकारी जोधपुर से वीसी के जरिए जुडे़.