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Nahargarh Biological Park : वन्यजीवों की डाइट में बदलाव, सर्दी से बचाव के लिए विशेष प्रबंध

Wildlife Diet In Winter, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में सर्दियों को देखते हुए विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों के खान-पान में बदलाव किया गया है. भालू को उबले अंडे के साथ गर्म दूध, गुड़ और पिंड खजूर दिया जा रहा है. शाकाहारी वन्यजीवों के लिए भी दाल की मात्रा बढ़ाई गई है.

Change in diet of wildlife in Nahargarh Biological Park
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की डाइट में बदलाव
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 13, 2023, 10:07 AM IST

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की डाइट में बदलाव

जयपुर. राजस्थान में सर्दियों की आहट शुरू हो चुकी है. सुबह-शाम गुलाबी सर्दी का एहसास होने लगा है. सर्दियों की शुरुआत के साथ ही राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों की डाइट में बदलाव किया गया है. टाइगर, लॉयन व पैंथर की डाइट में दो बॉईल एग शामिल करने के साथ-साथ चिकन की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है. भालू को उबले अंडे के साथ गर्म दूध, गुड़ और पिंड खजूर दिया जा रहा है. साथ ही शहद की मात्रा भी बढ़ा दी गई है. शाकाहारी वन्यजीवों के लिए भी दाल की मात्रा बढ़ाई गई है.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के क्षेत्रीय वन अधिकारी नितिन शर्मा ने बताया कि पार्क में विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों के खान-पान में बदलाव किया गया है. भालू की डाइट में शहद की मात्रा 100 ग्राम बढ़ा दी गई है और पिंड खजूर दिया जा रहा है. शक्कर की जगह गुड़ दिया जा रहा है. रोटी के साथ गर्म दूध और दो अंडे बॉईल करके दिए जा रहे है. लॉयन, पैंथर और टाइगर को दो-दो बॉयल अंडे दिए जा रहे हैं. वहीं, शाकाहारी वन्यजीवों के लिए 100 ग्राम दाल बढ़ाई गई है. इसके अलावा गाजर भी खिलाई जाएगी.

पिंजरों में भरा जा रहा पराल-भूसा : वहीं, वन्यजीवों को ठंड से बचाने के लिए वन विभाग ने खास इंतजाम किए हैं. धीरे-धीरे अब सर्दी में तेजी देखने को मिलेगी. तेज सर्दी की आशंका को देखते हुए वन्यजीवों के एंक्लोजर्स के बाहर पर्दे लगाए गए है और अंदर हीटर लगाए गए हैं. साथ ही वन्यजीवों के पिंजरों में पराल-भूसा बिछाया जा रहा है और बोरियां भी लगाई जा रही है ताकि तेज सर्दी से बचाव हो सके.

पढ़ें : वन्यजीव गोद योजना : क्या आप लॉयन या टाइगर गोद लेना चाहेंगे, खर्च करने होंगे सालाना 5 लाख...25 हजार में चिंकारा भी ले सकते हैं गोद

रेप्टाइल प्रजातियों के जानवरों के भोजन में कमी : वहीं, रेप्टाइल प्रजातियों के जानवरों जैसे मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल के भोजन में कमी कर दी गई है, क्योंकि सर्दियों में इन वन्यजीवों का मेटाबॉलिज्म पचाने की क्षमता कम हो जाती है. दिन में सभी वन्यजीवों को बारी-बारी से बाहर छोड़ा जाएगा, ताकि धूप की तपन मिल सके.

हिरण प्रजाति के वन्यजीवों को खिलाई जाएगी गाजर : क्षेत्रीय वन अधिकारी नितिन शर्मा के मुताबिक जानवरों के लिए सर्दी में डाइट बदल दी जाती है. हिरण प्रजाति के वन्यजीवों को गाजर खिलाई जाएगी. साथ ही चना की मात्रा बढ़ा दी गई है. तमाम व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग भी की जा रही है. सर्दी में वन्यजीवों की देखभाल के लिए कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की डाइट में बदलाव

जयपुर. राजस्थान में सर्दियों की आहट शुरू हो चुकी है. सुबह-शाम गुलाबी सर्दी का एहसास होने लगा है. सर्दियों की शुरुआत के साथ ही राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों की डाइट में बदलाव किया गया है. टाइगर, लॉयन व पैंथर की डाइट में दो बॉईल एग शामिल करने के साथ-साथ चिकन की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है. भालू को उबले अंडे के साथ गर्म दूध, गुड़ और पिंड खजूर दिया जा रहा है. साथ ही शहद की मात्रा भी बढ़ा दी गई है. शाकाहारी वन्यजीवों के लिए भी दाल की मात्रा बढ़ाई गई है.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के क्षेत्रीय वन अधिकारी नितिन शर्मा ने बताया कि पार्क में विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों के खान-पान में बदलाव किया गया है. भालू की डाइट में शहद की मात्रा 100 ग्राम बढ़ा दी गई है और पिंड खजूर दिया जा रहा है. शक्कर की जगह गुड़ दिया जा रहा है. रोटी के साथ गर्म दूध और दो अंडे बॉईल करके दिए जा रहे है. लॉयन, पैंथर और टाइगर को दो-दो बॉयल अंडे दिए जा रहे हैं. वहीं, शाकाहारी वन्यजीवों के लिए 100 ग्राम दाल बढ़ाई गई है. इसके अलावा गाजर भी खिलाई जाएगी.

पिंजरों में भरा जा रहा पराल-भूसा : वहीं, वन्यजीवों को ठंड से बचाने के लिए वन विभाग ने खास इंतजाम किए हैं. धीरे-धीरे अब सर्दी में तेजी देखने को मिलेगी. तेज सर्दी की आशंका को देखते हुए वन्यजीवों के एंक्लोजर्स के बाहर पर्दे लगाए गए है और अंदर हीटर लगाए गए हैं. साथ ही वन्यजीवों के पिंजरों में पराल-भूसा बिछाया जा रहा है और बोरियां भी लगाई जा रही है ताकि तेज सर्दी से बचाव हो सके.

पढ़ें : वन्यजीव गोद योजना : क्या आप लॉयन या टाइगर गोद लेना चाहेंगे, खर्च करने होंगे सालाना 5 लाख...25 हजार में चिंकारा भी ले सकते हैं गोद

रेप्टाइल प्रजातियों के जानवरों के भोजन में कमी : वहीं, रेप्टाइल प्रजातियों के जानवरों जैसे मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल के भोजन में कमी कर दी गई है, क्योंकि सर्दियों में इन वन्यजीवों का मेटाबॉलिज्म पचाने की क्षमता कम हो जाती है. दिन में सभी वन्यजीवों को बारी-बारी से बाहर छोड़ा जाएगा, ताकि धूप की तपन मिल सके.

हिरण प्रजाति के वन्यजीवों को खिलाई जाएगी गाजर : क्षेत्रीय वन अधिकारी नितिन शर्मा के मुताबिक जानवरों के लिए सर्दी में डाइट बदल दी जाती है. हिरण प्रजाति के वन्यजीवों को गाजर खिलाई जाएगी. साथ ही चना की मात्रा बढ़ा दी गई है. तमाम व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग भी की जा रही है. सर्दी में वन्यजीवों की देखभाल के लिए कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है.

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