जयपुर. प्रदेश के 11 जिलों में आयोजित हो रही समान पात्रता परीक्षा के जरिए अभ्यर्थी वनपाल, छात्रावास, अधीक्षक, लिपिक ग्रेड 2, कनिष्ठ सहायक, जमादार ग्रेड 2 और कॉन्स्टेबल के लिए निकलने वाली भर्ती में पात्र होंगे. परीक्षा के दूसरे दिन पहली पारी में 2 लाख 72 हजार 272 अभ्यार्थी पंजीकृत किए गए हैं. परीक्षा का आयोजन प्रदेश के 828 परीक्षा केंद्रों पर किया जा रहा है. राजधानी जयपुर में यह परीक्षा 183 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जा रही है. समान पात्रता (सीनियर सेकेंडरी लेवल) परीक्षा में रविवार को पहली पारी में 71.85 % और दूसरी पारी में 73.71 % उपस्थिति रही. दोनों पारियों में 5 लाख 44 हजार 544 अभ्यर्थी पंजीकृत थे.
पिछले दिनों हुई कई भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े के मामले सामने आने के बाद चयन बोर्ड ने सीईटी के साथ ही भविष्य में होने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं का आयोजन प्रदेश के 11 जिलों में ही करने का फैसला लिया है. ऐसे में ये परीक्षा भी राजधानी जयपुर के साथ अजमेर, अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, जोधपुर, कोटा, श्रीगंगानगर, टोंक और उदयपुर में हो रही है. परीक्षा के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से निर्धारित की गई ड्रेस कोड की पालना करना भी अनिवार्य किया गया है. बोर्ड ने अभ्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड तय किया था, जिसमें वो सूट, टाई, मफलर, जैकेट, कोट, जरकीन, ब्लेजर, शॉल आदि पर पाबंदी लगाई गई.
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परीक्षार्थियों को शर्ट, बिना जेब वाली गर्म जर्सी या स्वेटर पहनकर आने के लिए निर्देशित किया गया. महिला अभ्यार्थियों को अपने बालों में रबर बैंड या साधारण किस्म की हेयरपिन लगा कर आने की छूट दी गई. ऐसे में जिन अभ्यार्थियों ने ड्रेस कोड की पालना नहीं की, उन्हें परेशानी उठानी पड़ी. वहीं, अभ्यर्थियों का परीक्षा के निर्धारित समय से एक घंटा पहले प्रवेश बंद कर दिया गया. अभ्यार्थियों ने सुबह जल्दी पहुंचना शुरू कर दिया था. पहली पारी में सुबह 8 बजे तक ही प्रवेश दिया गया. हालांकि, दूसरे दिन भी देरी से पहुंचे कई अभ्यर्थी परीक्षा देने से वंचित रहे.
इससे पहले परीक्षा केंद्रों पर अभ्यार्थियों को कड़ी जांच के बाद ही प्रवेश दिया गया. परीक्षा के दौरान पानी की बोतल, पर्स, बैग, ज्योमैट्री, पेंसिल बॉक्स, प्लास्टिक पाउच, कैल्कुलेटर, तख्ती, पैड, गत्ता, पैन ड्राइव, रबर, टेबल स्कैनर, किताबें, नोटबुक, पर्चियां, व्हाइटनर लाने पर रोक ला दी गई थी. एचएचडी प्रक्रिया द्वारा अभ्यार्थी की फ्रिस्किंग की गई, जिससे किसी भी प्रकार की गोपनीय डिवाइस का पता किया जा सके.