जयपुर. इमीग्रेशन के दौरान जयपुर एयरपोर्ट पर फर्जी पासपोर्ट के साथ एक बांग्लादेशी नागरिक पकड़ा गया था. अब एयरपोर्ट थाने में उसके खिलाफ शुक्रवार को रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. जयपुर एयरपोर्ट के इमीग्रेशन अधिकारी बजरंग लाल ने बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम एक्ट समेत आईपीसी की कई धाराओं में केस दर्ज करवाया. मामले की जांच कर रहे अधिकारी कैलाश प्रसाद ने बताया कि 22 दिसंबर को कुवैत से इमरजेंसी सर्टिफिकेट पर यात्रा कर जयपुर पहुंचे व्यक्ति से इमीग्रेशन क्लीयरेंस के दौरान कुछ सवाल पूछे गए, जिनका उत्तर देने में वह असमर्थ रहा, जिस पर इमीग्रेशन अथॉरिटी को उस पर शक हुआ और उसके दस्तावेजों की जांच की गई. सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने खुद के भारतीय नागरिक न होकर बांग्लादेशी नागरिक होने की बात कबूल की. उन्होंने बताया कि इस शख्स के बारे में बांग्लादेश दूतावास को सूचना देने के बाद इमीग्रेशन अथॉरिटी ने मुकदमा दर्ज करवाया.
इस तरह हुआ खुलासा: मोहम्मद सोहिल मोला निवासी हुगली पश्चिम बंगाल 22 दिसंबर को कुवैत से जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा. जहां पर इमीग्रेशन अथॉरिटी ने उससे पूछताछ की तो उसकी बातें संदिग्ध लगी. साथ ही जिस इमरजेंसी सर्टिफिकेट पर वह कुवैत से यात्रा कर जयपुर लौटा था. वह सर्टिफिकेट भी धोखाधड़ी से प्राप्त करने का शक इमीग्रेशन अथॉरिटी को हुआ. शक होने पर जब मोहम्मद सोहेल से सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने खुद के बांग्लादेशी नागरिक होने की बात कबूल की. चेकिंग के दौरान आरोपी के पास से उसकी बांग्लादेश की राष्ट्रीय आईडी भी प्राप्त हुई, जिसमें उसका नाम मोहम्मद अब्दुल शहीद गाजी निवासी सतखिरा बांग्लादेश होना उजागर हुआ.
भारत में अवैध रूप से प्रवेश: बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद अब्दुल शहीद गाजी से जब पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि साल 2016 में उसने भुंभरा बांग्लादेश सीमा चौकी से भारत की सीमा में अवैध रूप से प्रवेश किया था. इसके बाद वह वहां से कोलकाता पहुंचा और पतंजलि की बिस्किट फैक्ट्री में काम करने लगा. फैक्ट्री में काम करने के दौरान उसकी मुलाकात जहांगीर नामक व्यक्ति से हुई. जहांगीर ने उसको कुवैत भेजकर अच्छी नौकरी लगाने की बात कही. इसके बाद जहांगीर ने आरोपी का फर्जी भारतीय पासपोर्ट तैयार करवाया और कुवैत के लिए वर्किंग वीजा की व्यवस्था की. इसके बाद फरवरी 2017 में मुंबई हवाई अड्डे से काम के लिए कुवैत भेज दिया.
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कुवैत पुलिस ने किया गिरफ्तार: कुवैत पहुंचने पर उसने अब्बू खलीफा नामक व्यक्ति के पास जाकर उसकी मवेशियों की देखभाल करना शुरू कर दिया. तकरीबन 2 साल तक उसके पास काम किया और अबू खलीफा द्वारा पर्याप्त पैसा नहीं दिए जाने पर काम छोड़ दिया. इस दौरान अब्बू खलीफा ने आरोपी का पासपोर्ट अपने पास ही रख लिया. उसके बाद आरोपी ने कुवैत के जाहिरा में फ्रीलांसर वर्कर के रूप में काम किया और बिना पासपोर्ट और वीजा के मिलने पर कुवैत पुलिस ने उसे पकड़कर 1 महीना 5 दिन के लिए हिरासत में रखा. इसके बाद कुवैत दूतावास ने इसकी सूचना भारतीय दूतावास को दी और भारतीय दूतावास की उचित प्रक्रिया के बाद कुवैत ने आरोपी का आपातकालीन प्रमाण पत्र बनाकर उसे वापस भारत भेज दिया.
इन धाराओं में केस दर्ज: 22 दिसंबर को जब आरोपी जयपुर एयरपोर्ट पर उतरा तो भारतीय दूतावास के निर्देश पर उसके दस्तावेजों की जांच की गई और तब जाकर इस पूरे मामले का पर्दाफाश हो सका. आरोपी के पास से उसके बांग्लादेश के नागरिक होने के दस्तावेज, उसकी पत्नी की बांग्लादेश की आईडी, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए. फिलहाल पुलिस ने मोहम्मद सोहिल मोला उर्फ मोहम्मद अब्दुल शहीद गाजी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 12 पासपोर्ट अधिनियम एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच करना शुरू किया.