जयपुर. प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन पर मलमास के बादल मंडरा रहे हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को 1:05 पर ग्रह, नक्षत्र, वार, तिथि को ध्यान में रखते हुए शुभ मुहूर्त में शपथ ग्रहण की, लेकिन शनिवार दोपहर 3:58 से मलमास शुरू हो रहा है. इसके चलते एक महीने तक मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी. ऐसे में प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन को लेकर ज्योतिषाचार्यों में दो मत हैं. कुछ का मानना है कि मलमास में शुभ कार्य वर्जित होने के चलते मंत्रिमंडल का गठन होने से अस्थिरता रहेगी. वहीं, कुछ ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि अब मंत्रिमंडल विस्तार होना है, क्योंकि 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री के साथ दो उपमुख्यमंत्री पद पर शपथ ली जा चुकी है. ऐसे में मलमास में मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है.
मलमास में निषेध होते हैं मांगलिक कार्य : सूर्य देव हर महीने एक राशि में गोचर करते हैं. इस तरह पूरे साल में 12 राशियों में गोचर करते हैं. वर्तमान में भगवान सूर्य वृश्चिक राशि में विराजमान हैं, लेकिन शनिवार दोपहर 3:58 पर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. जैसे ही राशि परिवर्तन होगा, वैसे ही धनु मलमास शुरू हो जाएगा, जिसे खरमास भी कहते हैं. इस मलमास के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. ज्योतिष आचार्य योगेश पारीक ने बताया कि मलमास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. विवाह, जलवा पूजन, नींव का मुहूर्त, गृह प्रवेश, नए व्यापार की शुरुआत जैसे मांगलिक कार्य निषेध हो जाते हैं.
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ये काम नहीं हैं वर्जित : मलमास 14 जनवरी 2024 को रात को 2:44 मिनट तक रहेगा. इसके बाद सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगा. जो मांगलिक कार्यों के लिए अनुकूल होगा. उन्होंने बताया कि इस दौरान अनुष्ठान या पूजा पाठ में भगवान विष्णु की आराधना, भगवद् गीता का पाठ, यज्ञ, हवन जैसे कार्य किए जा सकते हैं. साथ ही नित्य रामायण का पाठ, आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ कर सकतें है. तुलसी जी में जल अर्पित करें, भगवान सूर्य को जल अर्पित करना अच्छा माना जाता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार इससे व्यक्तिगत स्थिति भी अनुकूल होने लगेगी और मलमास में भी अनुकूल परिणाम आने लगेंगे.
लोकसभा के लिए अभी से तैयारी : मलमास में मांगलिक कार्य वर्जित हैं, ऐसे में प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कुछ ज्योतिष गुरुओं का मानना है कि यदि शुभ मुहूर्त को देखा जाए तो प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन में करीब एक महीने का इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन जिस तरह आगामी वर्ष में लोकसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी सरकार के सामने मोदी गारंटियों को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी है, जो बिना विभाग बांटे संभव नहीं है. उसे ध्यान में रखते हुए राजनीतिक गुरुओं का मानना है कि मंत्रिमंडल का गठन मलमास में ही करना होगा.