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कोरोना से बचने के लिए CAB ड्राइवर का नायाब तरीका, प्रोटेक्टिव लेयर लगाकर कार को किया मॉडिफाई

जयपुर के रहने वाले कैब चालक राकेश भाटी ने कोरोना से बचाव के लिए अपनी कार में मोडिफिकेशन किया. राकेश ने चालक और सवारी के बीच एक प्रोटेक्टिव लेयर लगाई है. प्रोटेक्टिव लेयर लगाने के बाद चालक और सवारी के बीच में डायरेक्ट कांटेक्ट नहीं हो सकेगा. अगर चालक या सवारी में से कोई कोरोना संक्रमित है तो वह एक दूसरे के संपर्क में नहीं आ सकेंगे.

CAB driver, CAB ड्राइवर
कैब के अंदर लगी प्रोटेक्टिव लेयर
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Published : May 21, 2020, 11:57 PM IST

जयपुर. लॉकडाउन 4.0 की शुरुआत के साथ ही सरकार ने रेड जोन में भी कैब चलाने की अनुमति दी है. हालांकि कैब में ड्राइवर के अलावा दो ही सवारी बैठ सकेंगी और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य गाइड लाइन की भी पालना करना जरूरी होगा. राजधानी के एक कैब चालक राकेश भाटी ने कोरोना से बचाव का उपाय करते हुए अपनी कार में मोडिफिकेशन किया. चालक और सवारी के बीच में एक प्रोटेक्टिव लेयर लगाई गई. प्रोटेक्टिव लेयर लगाने के बाद चालक और सवारी के बीच में डायरेक्ट कांटेक्ट नहीं हो सकेगा और यदि चालक या सवारी में से कोई कोरोना संक्रमित है तो वह एक दूसरे के संपर्क में नहीं आ सकेंगे.

कोरोना से बचने के लिए CAB ड्राइवर की नायाब तरकीब
कैब चालक द्वारा किए गए मॉडिफिकेशन का जायजा लेने हम पहुंचे. मॉडिफिकेशन के साथ ही अब लॉकडाउन 4.0 के दौरान कैब सर्विस किस तरह से शहरों में संचालित होंगी इसकी भी जानकारी हासिल की. कैब चालक राकेश भाटी ने बताया कि कोरोना के लगातार बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उन्होंने कार की बॉडी में किसी भी तरह की छेड़छाड़ ना करते हुए बिना नट या पेच कसे मॉडिफिकेशन करने की बात सोची.
CAB driver, CAB ड्राइवर
कैब के अंदर लगी प्रोटेक्टिव लेयर

इसके लिए उन्होंने सबसे पहले इस चीज के बारे में पता लगाया कि आखिर किस तरह से चालक और सवारी के बीच में डायरेक्ट कांटेक्ट के बिना कैब का संचालन किया जा सके. इसके बाद राकेश भाटी ने एक प्रोटेक्टिव लेयर बनाकर उसे कार में ड्राइवर सीट के पिछले भाग में फिट किया.

सिलिकॉन रबर की बनी है प्रोटेक्टिव लेयर:
कैब चालक राकेश भाटी ने कोरोना वायरस के बचाओ के लिए जिस प्रोटेक्टिव लेयर का निर्माण किया है वह सिलिकॉन रबर की बनी हुई है जो काफी मजबूत और पारदर्शी भी है. प्रोटेक्टिव लेयर लगाने के बाद चालक और सवारी के बीच में डायरेक्ट कांटेक्ट नहीं हो सकता और ना ही किसी तरह की वायु या वायरस का आदान-प्रदान हो सकता है. कोरोना से बचाने के साथ-साथ प्रोटेक्टिव लेयर दुर्घटना के वक्त सवारी की जान को भी बचाएगी. दरअसल सड़क दुर्घटना होने पर यह प्रोटेक्टिव लेयर एक एयर बैग की तरह काम करेगी और कार में पीछे बैठी सवारी को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करेगी.

CAB driver, CAB ड्राइवर
कैब के अंदर बैठा युवक
सवारी लेने से पहले कैब होगी सैनिटाइज:भाटी ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए बुकिंग आने पर पहले कैब को सैनिटाइज किया जाएगा और फिर जिस व्यक्ति ने कैब बुक कराई है उसके पास भेजा जाएगा. कैब चालक सबसे पहले सवारी के हाथ सैनिटाइज करवाएगा और फिर गाड़ी में बैठने पर स्टेरिंग, गियर व अन्य चीजों को सैनिटाइज करेगा.

ये भी पढ़ें: ग्राउंड रिपोर्ट: गुलाबी नगरी में खुले बाजार...लेकिन कोरोना के डर से ग्राहक गायब

वहीं सवारी को गंतव्य पर छोड़ने के बाद कैब की बुकिंग होने पर दूसरी सवारी के पास कैब तभी भेजी जाएगी जब वह फिर से सैनिटाइज की जाएगी. कैब को बाहर और अंदर दोनों जगहों से सैनिटाइज किया जाएगा. कैब में विशेष किस्म के लेदर कवर लगाए गए हैं जो बार-बार सैनिटाइज करने पर खराब नहीं होंगे.

कलेक्ट्रेट से मिली अनुमति:
कोरोना से बचाव के लिए कैब में किए गए इस मॉडिफिकेशन को कलेक्ट्रेट से भी मंजूरी मिल गई है. हालांकि कैब में कुछ अन्य मॉडिफिकेशन करने के सुझाव प्रशासन से भी मांगे गए हैं जो कि फिलहाल अभी पेंडिंग बताए जा रहे हैं.

कैब चालक राकेश भाटी ने बताया कि जरूरत के आधार पर कैब में और भी मॉडिफिकेशन किए जाएंगे. फिलहाल कैब में सैनिटाइजर की 3 बोतल हमेशा मौजूद रहेगी. जिसमें से एक चालाक और दो पीछे बैठने वाली सवारियों के लिए होगी. इसके साथ ही कैब में बैठने वाली सवारी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध कैब सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगे.

ये भी पढ़ें: रोजी पर संकटः सुनहरी दुनिया को कैद करने वालों की जिंदगी पर 'लॉकडाउन'

शेयरिंग कैब की बुकिंग नहीं होगी:
कोरोना के प्रकोप को देखते हुए फिलहाल कैब संचालकों ने शेयरिंग कैब बुकिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. जहां पहले कैब शेयरिंग की व्यवस्था मौजूद थी तो वहीं अब केवल एक ही परिवार के 2 सदस्य कैब सर्विस का लाभ उठा सकेंगे.

कैब चालक राकेश भाटी का कहना है कि कैब शेयरिंग बुकिंग होने पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. यदि कैब शेयरिंग बुकिंग पर 2 सवारियों को एक ही समय में पिक कर उनके गंतव्य पर ड्राप करना हो और यदि दोनों में से कोई एक भी कोरोना से संक्रमित हो तो दूसरे व्यक्ति में कोरोना होने की संभावना बढ़ जाती है. जिसे देखते हुए कैब शेयरिंग की व्यवस्था को फिलहाल बंद किया गया है.

जयपुर. लॉकडाउन 4.0 की शुरुआत के साथ ही सरकार ने रेड जोन में भी कैब चलाने की अनुमति दी है. हालांकि कैब में ड्राइवर के अलावा दो ही सवारी बैठ सकेंगी और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य गाइड लाइन की भी पालना करना जरूरी होगा. राजधानी के एक कैब चालक राकेश भाटी ने कोरोना से बचाव का उपाय करते हुए अपनी कार में मोडिफिकेशन किया. चालक और सवारी के बीच में एक प्रोटेक्टिव लेयर लगाई गई. प्रोटेक्टिव लेयर लगाने के बाद चालक और सवारी के बीच में डायरेक्ट कांटेक्ट नहीं हो सकेगा और यदि चालक या सवारी में से कोई कोरोना संक्रमित है तो वह एक दूसरे के संपर्क में नहीं आ सकेंगे.

कोरोना से बचने के लिए CAB ड्राइवर की नायाब तरकीब
कैब चालक द्वारा किए गए मॉडिफिकेशन का जायजा लेने हम पहुंचे. मॉडिफिकेशन के साथ ही अब लॉकडाउन 4.0 के दौरान कैब सर्विस किस तरह से शहरों में संचालित होंगी इसकी भी जानकारी हासिल की. कैब चालक राकेश भाटी ने बताया कि कोरोना के लगातार बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उन्होंने कार की बॉडी में किसी भी तरह की छेड़छाड़ ना करते हुए बिना नट या पेच कसे मॉडिफिकेशन करने की बात सोची.
CAB driver, CAB ड्राइवर
कैब के अंदर लगी प्रोटेक्टिव लेयर

इसके लिए उन्होंने सबसे पहले इस चीज के बारे में पता लगाया कि आखिर किस तरह से चालक और सवारी के बीच में डायरेक्ट कांटेक्ट के बिना कैब का संचालन किया जा सके. इसके बाद राकेश भाटी ने एक प्रोटेक्टिव लेयर बनाकर उसे कार में ड्राइवर सीट के पिछले भाग में फिट किया.

सिलिकॉन रबर की बनी है प्रोटेक्टिव लेयर:
कैब चालक राकेश भाटी ने कोरोना वायरस के बचाओ के लिए जिस प्रोटेक्टिव लेयर का निर्माण किया है वह सिलिकॉन रबर की बनी हुई है जो काफी मजबूत और पारदर्शी भी है. प्रोटेक्टिव लेयर लगाने के बाद चालक और सवारी के बीच में डायरेक्ट कांटेक्ट नहीं हो सकता और ना ही किसी तरह की वायु या वायरस का आदान-प्रदान हो सकता है. कोरोना से बचाने के साथ-साथ प्रोटेक्टिव लेयर दुर्घटना के वक्त सवारी की जान को भी बचाएगी. दरअसल सड़क दुर्घटना होने पर यह प्रोटेक्टिव लेयर एक एयर बैग की तरह काम करेगी और कार में पीछे बैठी सवारी को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करेगी.

CAB driver, CAB ड्राइवर
कैब के अंदर बैठा युवक
सवारी लेने से पहले कैब होगी सैनिटाइज:भाटी ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए बुकिंग आने पर पहले कैब को सैनिटाइज किया जाएगा और फिर जिस व्यक्ति ने कैब बुक कराई है उसके पास भेजा जाएगा. कैब चालक सबसे पहले सवारी के हाथ सैनिटाइज करवाएगा और फिर गाड़ी में बैठने पर स्टेरिंग, गियर व अन्य चीजों को सैनिटाइज करेगा.

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वहीं सवारी को गंतव्य पर छोड़ने के बाद कैब की बुकिंग होने पर दूसरी सवारी के पास कैब तभी भेजी जाएगी जब वह फिर से सैनिटाइज की जाएगी. कैब को बाहर और अंदर दोनों जगहों से सैनिटाइज किया जाएगा. कैब में विशेष किस्म के लेदर कवर लगाए गए हैं जो बार-बार सैनिटाइज करने पर खराब नहीं होंगे.

कलेक्ट्रेट से मिली अनुमति:
कोरोना से बचाव के लिए कैब में किए गए इस मॉडिफिकेशन को कलेक्ट्रेट से भी मंजूरी मिल गई है. हालांकि कैब में कुछ अन्य मॉडिफिकेशन करने के सुझाव प्रशासन से भी मांगे गए हैं जो कि फिलहाल अभी पेंडिंग बताए जा रहे हैं.

कैब चालक राकेश भाटी ने बताया कि जरूरत के आधार पर कैब में और भी मॉडिफिकेशन किए जाएंगे. फिलहाल कैब में सैनिटाइजर की 3 बोतल हमेशा मौजूद रहेगी. जिसमें से एक चालाक और दो पीछे बैठने वाली सवारियों के लिए होगी. इसके साथ ही कैब में बैठने वाली सवारी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध कैब सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगे.

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शेयरिंग कैब की बुकिंग नहीं होगी:
कोरोना के प्रकोप को देखते हुए फिलहाल कैब संचालकों ने शेयरिंग कैब बुकिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. जहां पहले कैब शेयरिंग की व्यवस्था मौजूद थी तो वहीं अब केवल एक ही परिवार के 2 सदस्य कैब सर्विस का लाभ उठा सकेंगे.

कैब चालक राकेश भाटी का कहना है कि कैब शेयरिंग बुकिंग होने पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. यदि कैब शेयरिंग बुकिंग पर 2 सवारियों को एक ही समय में पिक कर उनके गंतव्य पर ड्राप करना हो और यदि दोनों में से कोई एक भी कोरोना से संक्रमित हो तो दूसरे व्यक्ति में कोरोना होने की संभावना बढ़ जाती है. जिसे देखते हुए कैब शेयरिंग की व्यवस्था को फिलहाल बंद किया गया है.

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