जयपुर. राजस्थान में महिला हिंसा और दुष्कर्म के मामलों में घिरी गहलोत सरकार अब और ज्यादा विपक्ष के निशाने पर आ गई है. इस बार विपक्ष ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में नाबालिग के साथ दुराचार के मामलों में उन्हें निशाने पर लिया है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, पूर्व महिला आयोग के अध्यक्ष और भाजपा नेत्री सुमन शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जब सीएम और गृहमंत्री के गृह जिले में ही नाबालिग सुरक्षित नहीं हैं तो अन्य जिलों का तो राम रखवाला है. उन्होंने कहा कि यह सरकार सिर्फ साढ़े चार साल तक अपनी कुर्सी बचाने में लगी रही और प्रदेश की महिलाओं-बच्चियों को असुरक्षित माहौल में जीने के लिए छोड़ दिया गया.
सुरक्षित नहीं नाबालिग : बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि राजस्थान में जिस जिले से मुख्यमंत्री आते हैं और जिनके पास गृह मंत्रालय भी है, उसी जिले में पिछले 9 महीने में 185 से ज्यादा नाबालिगों के साथ दुराचार के मामले सामने आए हैं. आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि प्रदेश में जब मुख्यमंत्री का गृह जिला सुरक्षित नहीं है तो अन्य जिलों के हालत क्या होंगे.
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इस सरकार ने सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए इन साढ़े चार सालों में काम किया, प्रदेश की जनता को जो सुरक्षित माहौल देना चाहिए था वह देने में यह पूरी तरीके से नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता इस पुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकार से तंग आ चुकी है और अपना पूरा मन बना चुकी है कि अगले विधानसभा चुनाव में इस कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर निकल फेंकेगी.
आंकड़े सरकार के, बीजेपी के नहीं : पूर्व महिला आयोग के अध्यक्ष और भाजपा नेत्री सुमन शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जब सीएम और ग्रहमंत्री के गृह जिले में ही नाबालिग सुरक्षित नहीं हैं तो अन्य जिलों का तो राम रखवाला है. सुमन शर्मा ने कहा कि ये जो पुलिस के आंकड़े सामने आए हैं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते रहते हैं कि भाजपा झूठे आरोप लगाती है, लेकिन ये आंकड़े बीजेपी के नही हैं. मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के जिले में सामने आए इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि जो अपने घर को सुरक्षित नहीं रख सकते वे दूसरों के घरों को क्या सुरक्षा देंगे.
बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले में 9 महीने के दौरान नाबालिग के साथ दुराचार के 185 मामले सामने आए हैं. हालांकि, पुलिस जांच में 39 मामलों को झूठा पाया गया. वहीं, 80 की करीब मामलों में पुलिस ने चालान भी पेश कर दिया है. मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के क्षेत्र में दुराचार के आंकड़े बता रहे हैं कि प्रदेश में सुरक्षित माहौल का दम भरने वाली गहलोत सरकार की सच्चाई क्या है.