जयपुर. प्रदेश में गहलोत सरकार के खिलाफ बीजेपी युवा मोर्चा की ओर से 4 मार्च को विरोध प्रदर्शन किया गया. इसी दिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी सालासर बालाजी धाम पर अपना जन्मदिन मनाया. बीजेपी के एक ही दिन हुए दो कार्यक्रमों को आपसी गुटबाजी के साथ-साथ शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है.
चर्चा है कि जहां एक ओर वसुंधरा राजे ने जन्मदिन के बहाने अपनी ताकत दिखाई, वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी युवा मोर्चा के विरोध प्रदर्शन के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन किया. सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज होने पर पूनिया ने इस विरोध प्रदर्शन को शक्ति प्रदर्शन मानने से इनकार किया है. पूनिया ने बुधवार को अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि युवा मोर्चा का कार्यक्रम संगठन की ओर से निर्धारित कार्यक्रम था. सरकार को आईना दिखाने के लिए मुखर होकर किया गया काम कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है. पूनिया ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सरकार को आड़े हाथों लिया.
शक्ति प्रदर्शन नहीं, सरकार को आईना दिखाया : पूनिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संगठन एक बड़ी ताकत है. संगठन का काम करने के लिए रीति-नीति और एक व्यवहार है. इसी के अनुसार काम को आगे बढ़ाते हैं. संगठनात्मक संरचना और सामाजिक सरोकार के नाते भी समय समय पर आंदोलन किए जाते हैं. इसलिए पार्टी का कोई भी कार्यक्रम शक्ति प्रदर्शन नहीं होता है. पेपर लीक, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महिला हिंसा जैसे मुद्दों पर पार्टी ने मुखर होकर सरकार को घेरने काम किया है. पूनिया ने कहा कि पहले भी इस तरह से विरोध प्रदर्शन किए जाते रहे हैं, आज भी कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. इसको शक्ति प्रदर्शन की तरह नहीं देखना चाहिए.
अपराध का जंगल राज : पूनिया ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. पूनिया ने कहा कि सर्वाधिक अपराध के लिए पहले उत्तर प्रदेश और बिहार का नाम सबसे ज्यादा लिया जाता वहीं अब इस श्रेणी में राजस्थान का नाम सिरमौर हो गया है. जिस तरह से हाल ही में अलवर में हुई घटना ने यह बता दिया है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है. यहां जंगल राज चल रहा है. पूनिया ने कहा कि राजस्थान में अपराधियों, हत्यारों, माफियाओं का राज है.
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उन्होंने कहा कि जिस सरकार में पुलिसिंग कमजोर होती है वहां पर अपराध बढ़ता है. सरकार का इकबाल खत्म हो गया है. इसलिए राजस्थान में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. पूनिया ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका उदाहरण हाल ही में मुख्यमंत्री की ओर से पेश किए गए बजट में देखने को मिला. जहां पुलिस महकमे के लिए 3 फीसदी बजट की व्यवस्था की गई है. इस राज में पुलिस को राजनीतिक हस्तक्षेप के जरिए प्रभावित करने की कोशिश की गई है. उनका मनोबल गिराने की कोशिश हो रही है.
राजनीति प्रतिशोध से काम हो रहा : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर सीएम के आरोपों को लेकर पूनिया ने कहा कि जिस तरह से सीएम गहलोत ने एक्ट किया है उससे साफ है कि ये सिर्फ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से किया जा रहा है. बेटे की हार के बाद से गहलोत बौखला गए थे, इसलिए व्यक्तिगत आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने शेखावत पर सीधे-सीधे ऐसे आरोप लगाए जैसे वे एसओजी के मुखिया हों. मुख्यमंत्री के पद पर बैठा हुआ व्यक्ति इस तरह से राजनीतिक द्वेष से बयान जारी करेगा तो उसका रिएक्शन तो होगा ही. इसलिए केंद्रीय मंत्री ने मानहानि का दावा किया है. पूनिया ने यह भी कहा कि जब से केंद्रीय मंत्री ने मानहानि का दवा किया है उसके बाद सीएम गहलोत प्रायोजित स्क्रिप्ट के जरिए हर दिन लोगों का वीडियो शेयर कर रहे हैं.
4 मार्च को दो कार्यक्रम : बता दें कि 4 मार्च को प्रदेश बीजेपी में दो बड़े कार्यक्रम हुए. इसमें पहला कार्यक्रम था पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जन्मदिवस समारोह. दूसरा युवा मोर्चा का पेपर लीक मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन. दोनों ही कार्यक्रम को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. चर्चाएं हैं कि राजे के जन्म दिवस समारोह को कमजोर करने के लिए प्रदेश बीजेपी संगठन ने ये विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा था. हालांकि विधानसभा नहीं होने के चलते बड़ी संख्या विधायक राजे को जन्म दिन की शुभमनाएं देने सालासर धाम पहुंचे थे.