जयपुर. राजस्थान के सभी विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी जन आक्रोश यात्रा निकालेगी. जन आक्रोश अभियान की शुरुआत शुक्रवार से सोशल मीडिया पर हो गई, लेकिन अभियान के पहले ही दिन पार्टी के बड़े नेताओं की इस अभियान से दूरी दिखी. प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारियों ने तो सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल जन आक्रोश यात्रा के नाम पर बदल ली, लेकिन बड़े नेता अभी भी इस अभियान से दूर हैं.
25 से 30 नवंबर तक सोशल मीडिया पर अभियान: दरअसल प्रदेश की गहलोत सरकार के दिसंबर में चार साल पूरे हो रहे हैं. सरकार के इन चार सालों की नाकामियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बीजेपी ने 20 दिन का जन आक्रोश अभियान शुरू किया है. इसकी शुरुआत शुक्रवार से सोशल मीडिया के जरिए हुई. पूनिया ने अपनी सोशल मीडिया पर जन आक्रोश यात्रा की प्रोफाइल लगाकर इस अभियान की शुरुआत (Poonia changed profile picture for Aakrosh rally) की. पूनिया ने जन आक्रोश यात्रा का लोगो लगाया, जिसमें 'जंगलराज, भ्रष्टाचार और कुशासन के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी राजस्थान की जन आक्रोश यात्रा' लिखा है.
इन्होंने नहीं दिखाई रूची: सोशल मीडिया पर शुरू हुए जन आक्रोश अभियान में पूनिया ने अपनी प्रोफाइल को बदला, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद किरोड़ी लाल मीणा, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सहित कई नेताओं ने अभी तक इस अभियान से अपने आप को नहीं जोड़ा है. जबकि युवा मोर्चा अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों ने अपनी प्रोफाइल बदल ली है. बीजेपी का ये सोशल मीडिया पर अभियान 25 से 30 नवंबर तक जारी रहेगा. इसमें हर दिन सरकार की नाकामियों के खिलाफ पोस्ट किए जाएंगे.
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200 विधानसभा में रथ पर सवार होकर निकलेगी जन आक्रोश यात्रा: बता दें कि गहलोत सरकार के खिलाफ 1 दिसंबर से बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा रथ पर सवार होकर निकलेगी. ये यात्रा सभी 33 जिलों की 200 विधानसभा सीटों तक पहुंचेगी, जिसमें पार्टी के बड़े नेता शामिल होंगे. जन आक्रोश यात्रा के लिए जिलों में प्रभारी नियुक्त हो गए हैं. यात्रा के दौरान अलग-अलग स्थानों पर कम से कम 8 से 10 चौपाल और वेलकम पॉइंट बनाए जाएंगे और हर एक विधानसभा में 100 से ज्यादा चौपाल बनाई जाएगी. लक्ष्य रखा गया है कि चौपाल के जरिए बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जाए.
17 दिसंबर को काला दिवस: बताया जा रहा है कि तीन लाख कार्यकर्ताओं को इस जन आक्रोश यात्रा से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इससे पहले 27 नवंबर को सभी जिलों में बीजेपी नेता प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे. वहीं 29 नवम्बर को जयपुर में प्रदेश स्तरीय रथ यात्रा की लॉन्चिंग की जाएगी. 30 नवम्बर को जिलों में और 1 दिसंबर को सभी 200 विधानसभा क्षेत्र में रथयात्राएं निकलनी शुरू हो जाएंगी. इसके अलावा 17 दिसंबर को राजस्थान में बीजेपी काला दिवस (BJP to mark Black day on Dec 17) मनाएगी, जिसमें सरकार के खिलाफ ब्लैक पेपर जारी किया जाएगा. ग्राम पंचायत स्तर पर 1 से 10 दिसंबर तक ग्राम चौपालें लगाई जाएंगी.
ये होंगे जन आक्रोश यात्रा के मुद्दे: जन आक्रोश यात्रा के जरिए बीजेपी के नेता सरकार के कर्ज माफी की घोषणा, बेरोजगारों को रोजगार के लिए किए गए वादे, किसानों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा और कानून व्यवस्था सहित एक दर्जन मुद्दों पर सरकार की नाकामी जन—जन तक पहुंचाई जाएगी. बीजेपी की रणनीति है कि जिन फ्लैगशिप योजनाओं के जरिए सरकार चुनाव में जनता के बीच जाने वाली है, उन योजनाओं की नाकामियों को वह जनता तक पहुंचाएं.