जयपुर: प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी सवाई मानसिंह अस्पताल में मरीजों के लिए हर तरह का इलाज संभव है. विगत कुछ समय से रोबोटिक सर्जरी से भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. फिलहाल अस्पताल में जनरल सर्जरी और यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में ही रोबोट से सर्जरी की जा रही है, लेकिन जल्द ही अस्पताल के अस्थि रोग विभाग में भी रोबोट के जरिए मरीजों का इलाज किया जाएगा.
अस्पताल के अस्थि रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ रमेश चन्द बंशीवाल ने बताया कि आजकल घुटने व कुल्हे के प्रत्यारोपण के मरीज दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. फिलहाल SMS अस्पताल में कंप्यूटर नेविगेशन से जोड़ प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू की गई है और जल्द ही रोबोटिक सर्जरी द्वारा भी मरीजों का इलाज किया जाएगा.
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सटीक इलाज संभव: डॉक्टर बंशीवाल का कहना है कि रोबोटिक सर्जरी से इलाज काफी आसान हो जाता है. खासकर ज्वाइंट से जुड़ी सर्जरी को आसानी से अंजाम दिया जा सकता है, क्योंकि हड्डी को काटने और जोड़ने में काफी आसानी रहती है. इससे मरीज को सटीक इलाज मिल पाता है. एसएमएस अस्पताल के रोबोटिक एवं जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ मुकेश असवाल ने बताया कि हड्डियों का इलाज करने के लिए काफी नई तकनीक आ रही हैं, लेकिन रोबोटिक सर्जरी अहम है, क्योंकि रोबोटिक सर्जरी से यह पहले ही पता लगाया जा सकता है कि सर्जरी के बाद उसके क्या परिणाम होंगे.
100 से अधिक रोबोटिक सर्जरी: एसएमएस में यूरोलॉजी विभाग में अभी तक कुल 100 से अधिक रोबोटिक सर्जरी को अंजाम दिया जा चुका है. इसके साथ ही दुनिया में होने वाली लगभग सभी सर्जरी को एसएमएस अस्पताल में अंजाम दिया जा रहा है. दरअसल, डेढ़ साल पहले 50 करोड़ की लागत से दो रोबोटिक सिस्टम अस्पताल में स्थापित किए गए थे. डॉक्टरों का कहना है कि मरीज के शरीर में ऐसी कई जगह होती है,जहां सर्जरी के दौरान हाथ नहीं पहुंच पाता, लेकिन रोबोट आसानी से शरीर के किसी भी हिस्से में पहुंच सकता है. हालांकि, रोबोटिक सर्जरी में रोबोट को ऑपरेट सर्जन द्वारा ही किया जाता है. अभी अस्पताल में प्रोस्टेट कैंसर, पेशाब की थैली का कैंसर समेत अन्य सर्जरी को रोबोट के माध्यम से किया जा रहा है. एसएमएस अस्पताल देश का दूसरा सरकारी चिकित्सा संस्थान है, जहां रोबोट स्थापित किए गए हैं.