जयपुर. गुर्जर आरक्षण मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दिए गए बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है. पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार में आने से पहले अपने घोषणापत्र में गुर्जर सहित अन्य जातियों को 5% आरक्षण देने की घोषणा की थी. ऐसे में सरकार वैधानिक रोड मेप के आधार पर अपना वादा निभाए.
गुर्जर आरक्षण मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दिए गए बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार में आने से पहले अपने घोषणापत्र में गुर्जर सहित अन्य जातियों को 5% आरक्षण देने की घोषणा की थी. आज प्रदेश में अराजकता का माहौल बना हुआ है. ऐसे में सरकार वैधानिक रोड मेप के आधार पर अपना वादा निभाए. गौरतलब है कि गुर्जर आरक्षण मामले के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बयान में केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.
अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत गुर्जर आरक्षण के मुद्दे को केंद्र सरकार के पाले में डाल रहे हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सरकार संपूर्ण कर्ज माफी की तरह आरक्षण से भी पलट रही है. भाजपा सरकार के समय 2008 में गुर्जरों के लिए एसबीसी कैटेगरी में आरक्षण का बिल बीजेपी विधानसभा में लेकर आई थी उसी समय में इसे 9वीं अनुसूची में डलवाने के लिए विधानसभा में ध्वनि मत प्रस्ताव पारित हुआ था. उसे केंद्र सरकार के पास भेजा गया उस समय केंद्र में कांग्रेस सरकार थी.
कांग्रेस ने इस विधेयक को राज्यपाल के पास रोक कर रखा जब भाजपा विधायकों ने विधानसभा से राजभवन तक मार्च किया तो राज्यपाल ने इस पर हस्ताक्षर किए. बिना परिवर्तन के कांग्रेस ने इसे विलंबित करने का काम किया. अरुण चतुर्वेदी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गुर्जर समाज ने सरकार को 1 महीने पहले ही अल्टीमेटम दे दिया था. लेकिन सरकार ने गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता नहीं की. लेकिन जब गुर्जर समाज के लोग पटरी पर बैठ गए तब जाकर सरकार ने मंत्री समूह की समिति बनाई. लेकिन उसमें भी गुर्जर समाज का प्रतिनिधि नहीं है.