जयपुर. गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी के बाद बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री गहलोत को सीधा कटघरे में खड़ा किया है. बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गुढ़ा पर हुई बर्खास्तगी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार में सच बोलना गुनाह है. राजेंद्र गुढ़ा को उसी की सजा मिली है.
सरकार जाने वाली हैः बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार जाने वाली है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी यह सब समझ में आ गया कि अब उनकी सरकार का जाना तय है, इसलिए जाति हुई सरकार में वह इस तरह से अपने मंत्रियों की बर्खास्तगी कर रहे हैं. अरुण सिंह ने कहा कि अभी तो राजेंद्र सिंह गुढ़ा पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्रवाई की है, लेकिन आने वाले समय में विधायक दिव्या मदेरणा और भरत सिंह पर भी इसी तरह से कार्रवाई होने वाली है. इस सरकार में अगर कोई सच बोलता है, तो वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बर्दाश्त नहीं होता है. सच सुनने की ताकत अब सरकार में नहीं रही, इसलिए अपने लोगों पर कार्रवाई का डंडा चला रही है.
सच बोलने की मिली सजाः राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त करने पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार में निपटाओ अभियान चल रहा है. उसी के तहत राजेंद्र गुढ़ा को निपटाया गया है. गुढ़ा का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने विधानसभा में सच बोल दिया. गुढ़ा ने सदन में इस बात को स्वीकारा कि हमारी सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम रही है. हमें पहले अपनी गिरेबान को देख लेना चाहिए. गुढ़ा का यही बयान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रास नहीं आया.
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उन्होंने कहा कि इस सरकार में सच सुनने की क्षमता नहीं रही है, कोई भी अगर सच बोलता है, तो उसके खिलाफ इस तरह से कार्रवाई की जा रही है. राजेंद्र गुढ़ा को भी सच बोलने की सजा मिली है. राठौड़ ने कहा कि एक वक्त था जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजेंद्र गुढ़ा को लेकर कहते थे कि इनकी वजह से मेरी सरकार बची है. आज उसी लाडले अपने साथी को मंत्री परिषद से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
गहलोत राज में सच बोलना मना हैः मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त करने पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि गहलोत राज में सच बोलना मना है. सत्य स्वीकार कर पाने का साहस नहीं है ’सीएम साहब’ में. उनके मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में सच कह दिया, तो सीएम गहलोत को इतना बुरा लगा कि उन्हें पद से ही हटा दिया. शेखावत ने कहा कि गहलोत साहब ने इस तरह अपने साथियों को चेतावनी दी है, सच बोलोगे तो बख्शे नहीं जाओगे. अपने ही साथियों को डराना, उनका मुंह सी देना, इसे भी तो दमन कहेंगे.