जयपुर. कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक पर बीजेपी की नजर है. विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही अब प्रदेश भाजपा ने ST-SC वोट बैंक पर अपनी नजरें जमा ली हैं. प्रदेश का 29 फीसदी वोट बैंक जो कि कांग्रेस का मूल वोट बैंक माना जाता है, उस पर विशेष फोकस करने के लिए एससी-एसटी मोर्चा को जिम्मेदारी दी गई है. इतना ही नहीं पार्टी ने विशेष विस्तारक भी मैदान में उतार दिया जो मोदी सरकार की योजनाओं को एससी-एसटी बाहुल्य क्षेत्रों में घर-घर तक पहुंचाएंगे.
विस्तारकों को जिम्मेदारी
बीजेपी ने मिशन 2023 पर काम शुरू कर दिया है. सभी 200 सीटों पर जीत की रणनीति बनाने के लिए पूर्णकालिक और अल्पकालीन विस्तारक बना कर चुनावी मैदान में उतार दिए हैं. ये विस्तारक घर-घर जाकर केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे. इसके साथ ही पार्टी की रीति और नीति के जरिए योजनाओं से लाभार्थियों को जोड़ने का काम करेंगे. इस बीच पार्टी ने एससी और एसटी बाहुल्य सीटों पर भी विशेष फोकस किया है. इन क्षेत्रों में अलग से एसटी के 100 बूथों के लिए 46 और एससी के 100 बूथों के लिए 25 पूर्णकालिक विस्तारक लगाए गए हैं, जो इन बूथ पर काम कर केंद्र की योजनाओं के जरिये भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार करेंगे.
20 हजार बूथों पर चिन्हित
भाजपा ने 200 विधानसभा सीटों पर 52 हजार बूथों के लिए अपनी टीम उतारी है. इनमें से विशेषकर कमजोर सीटों वाले बूथ के साथ करीब 20 हजार उन बूथों को चिन्हित किया है जो ST-SC बाहुल्य हैं. पार्टी की कोशिश है कि बूथ लेवल के जरिए कांग्रेस का जो परंपरागत वोट बैंक रहा है उसमें सेंधमारी की जाए. इन वोटरों को केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रति जागरूक करने के साथ ही उसका लाभ भी दिलाया जाएगा. इन वोटरों को पार्टी की रीति और नीति की जानकारी देते हुए पार्टी से जोड़ा जाए. इसे लेकर एससी-एसटी मोर्चा अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए भाजपा के पक्ष में माहौल खड़ा कर रहा है.
एससी मोर्चा के प्रदेश महामंत्री मुकेश गर्ग ने बताया कि हाल ही में अंबेडकर जयंती से बुद्ध पूर्णिमा तक सेवा पखवाड़ा शुरू किया गया है जिसके जरिए बस्तियों और मोहल्लों सेवाभाव के साथ काम किया जाएगा. इसके साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एससी मोर्चा पार्टी के निर्देशानुसार एससी बाहुल्य क्षेत्रों में बूथ लेवल पर प्रचार प्रसार कर रहा है.
नड्डा कर चुके एससी-एसटी सम्मेलन
अप्रैल 2022 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सवाई माधोपुर और भरतपुर में दो दिन तक एससी-एसटी सम्मेलन के जरिए कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दे दिया है. नड्डा ने सवाई माधोपुर जनजाति के प्रबुद्धजनों का सम्मेलन और इसके बाद भरतपुर संभाग के जिलों के अनुसूचित जनजाति से संबंधित प्रबुद्धजनों के साथ बैठक कर चुके हैं. नड्डा ने एससी-एसटी सम्मेलन में साफ संदेश दे दिया था कि पार्टी का हर कार्यकर्ता केंद्र की योजनाओं को गांव ढाणी तक पहुंचाए.
30 फीसदी वोट बैंक
प्रदेश के राजनीतिक समीकरण के हिसाब से देखा जाए तो राजस्थान में 13 फीसदी ST और 17 फीसदी SC वोट बैंक है. रिजर्व सीटों की बात की जाए तो ST 25 और SC की 34 सीटें हैं, लेकिन इसके अलावा भी कई सामान्य सीटों पर ST- SC अपना प्रभाव रखती है. लिहाजा सामान्य सीटों से भी इस वर्ग के उम्मीदवार जीत कर आते हैं. मौजूदा वक्त में ST के पास 32 और SC के 35 विधायक हैं जो अलग-अलग पार्टियों से जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं. ST वर्ग का दावा रहा है कि प्रदेश में उनका करीब 40 से अधिक सीटों पर सीधा प्रभाव है जबकि SC वर्ग भी इतनी ही सीटों से ज्यादा पर अपना प्रभाव बताता है.
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कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी
वैसे तो SC-ST का वोट बैंक मूल रूप से कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है. यही वजह है कि बीजेपी इस बार कांग्रेस की इस वोट बैंक पर सेंधमारी करना चाह रही है. विधानसभा सीटों के लिए लिहाज से देखें तो राजस्थान में एससी एसटी के 67 विधायक हैं. इसमें एसटी के 32 और एससी के 35 हैं, लेकिन ज्यादा संख्या कांग्रेस विधायकों की है. एससी के कांग्रेस विधायकों की संख्या 21, बीजेपी विधायकों की संख्या 12 है, जबकि 2 अन्य विधायक है. इसी तरह से एसटी के कांग्रेस विधायकों की संख्या 18, बीजेपी विधायकों की संख्या 9, बीटीपी विधायकों की संख्या 2, जबकि 5 अन्य विधायक हैं.