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बीजेपी बोली-मदन नहीं तो सदन नहीं, विपक्ष ने विधानसभा के बाहर निकाली प्रतीकात्मक लाल डायरी

राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी को लेकर सदन में हंगामा हुआ. इसके साथ ही मदन दिलावर को निलंबित किया गया. इस पर बीजेपी ने कहा मदन नहीं, तो सदन नहीं.

BJP opposed suspension of Madan Dilawar
बीजेपी बोली-मदन नहीं तो सदन नहीं, विपक्ष ने विधानसभा के बाहर निकाली प्रतीकात्मक लाल डायरी
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Published : Jul 24, 2023, 9:08 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 9:59 AM IST

मदन दिलावर के निलंबन पर बीजेपी हुई हमलावर...

जयपुर. विधानसभा में अनुशासनहीनता पर विधायक राजेंद्र गुढ़ा और मदन दिलावर को 15वीं विधानसभा की शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया है. दिलावर के निलंबन के बाद अब बीजेपी और ज्यादा आक्रामक हो गई है. बीजेपी ने साफ कर दिया कि मदन नहीं तो सदन नहीं. इसके साथ ही बीजेपी ने सदन के बाहर प्रतीकात्मक लाल डायरी को पेश किया, जिसके चलते सदन में काफी हंगामा हुआ.

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया ने कहा की भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर जवाब देने से सत्ता पक्ष भाग रहा है. लाल डायरी का रहस्य ना खुल जाए, इसलिए उन्होंने झूठे आरोपों के साथ में प्रतिपक्ष के सदस्य को सदन की शेष कार्यवाही से निलंबित किया है, लेकिन इससे विपक्ष छोड़ने वाला नहीं है. सदन में अगर मदन नहीं, तो सदन नहीं. लाल डायरी के मुद्दे के बीच विपक्ष ने विधानसभा के बाहर लाल डायरी का प्रतीकात्मक पोस्टर के साथ विरोध दर्ज कराया.

पढ़ें: Rajasthan Politics : गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- लाल डायरी में जरूर कुछ काला, ये रहस्य जानना चाहती है जनता

नियम विरुद्ध 4 प्रस्ताव पास हुएः राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की विधानसभा में आज जो दृश्य उत्पन्न हुआ, उसने राजस्थान के इतिहास को कलंकित किया है. विधानसभा के पहले चरण में लाल डायरी छाई रही. दूसरे चरण में आज 4 साल के संकल्प लेकर आए. लेकिन जो संकल्प सत्ता पक्ष की तरफ से लाए गए, मेरे संसद इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. विधानसभा के नियमों के तहत यह लिखा है कि सरकार संकल्प ला सकती है, लेकिन वह संकल्प ऐसे होने चाहिए जिनका संबंध राजस्थान सरकार से हो.

राठौड़ ने कहा कि आज सरकार संकल्प लेकर आई उसमें पहला मणिपुर की घटना से संबंधित था, दूसरा म्त्ब्च् परियोजना से जुड़ा हुआ, तीसरा राष्ट्रीय कृत बैंकों से किसानों की कर्ज माफी का, वहीं चौथा 2011 की जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग. ये सभी भारत सरकार से जुड़े हुए थे जिन्हें राजस्थान विधानसभा के सर्वसम्मति से पास किया गया. संसदीय नियमों में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.

मदन नहीं तो सदन नहींः राठौड़ ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा के साथ मदन दिलावर को निलंबित किया गया. जबकि सदन जानना चाहता था आखिर क्या है लाल डायरी में. सता पक्ष के लोगों ने जिस तरीके से डायरी को छीना, वो निंदनीय है. कांग्रेस किस राज से पर्दा उठने से डर रही है. राठौड़ ने कहा कि सदन में सदस्य जो चीज रख देता है, वो सदन की हो जाती है. गुढ़ा सदन में लाल डायरी लेकर आए, उस पर अध्यक्ष को जांच के लिए देना चाहिए था.

उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के सदस्य मदन दिलावर ने कोई भी अनुशासनहीनता नहीं की. जिसके आरोप के साथ उनको सदन की आगे की कार्यवाही से निलंबित किया है. मदन दिलावर का अगर निलंबन रद्द नहीं हुआ, तो हम विरोध करेंगे और सदन को चलने नहीं देंगे. विधानसभा के बहार नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया ने लाल डायरी के प्रतिकात्मक पोस्टर के साथ विरोध दर्ज करवाया. इसके साथ विपक्ष ने साफ कर दिया कि प्रतिपक्ष के नेता का निलंबन सहन नहीं होगा.

पढ़ें: गुढ़ा की लाल डायरी पर सदन में हंगामा, विपक्ष ने हाथों में लहराई...राठौड़ बोले- राजस्थान की विधानसभा शर्मसार हुई

उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस लाल डायरी को सदन और सड़क तक लेकर जाएगी. हमने विधायक गुढा से भी मांग की है कि लाल धब्बे के तथ्य हमें उपलब्ध कराएं. विधायक गुढ़ा के साथ सदन में लाल डायरी छीनने और छीना झपटी की घटना से लोकतंत्र के मंदिर को कलंकित करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म मामलों में राजस्थान पहले पायदान पर क्यों है.

पढ़ें: लाल डायरी लेकर विधानसभा में पहुंचे गुढ़ा, कहा मैं सदन में टेबल करने आया, लेकिन विधायकों और मंत्रियों ने मारपीट कर छीन ली वो डायरी

जनता जानना चाहती है लाल डायरी का सचः भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ अरुण चतुर्वेदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे प्रदेश की जनता को लाल डायरी का सत्य बताएं. उन्होंने कहा कि जनता को सत्य जानने का अधिकार है. गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने जिस प्रकार का बयान जारी कर लाल डायरी गायब कर गहलोत सरकार को बचाने की बात कही है, वह कांग्रेस सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रही है.

इसलिए मुख्यमंत्री को इस मामले पर राज्य की जनता को स्पष्टीकरण देना चाहिए. साथ ही डॉ. चतुर्वेदी ने केंद्र और राज्य स्तरीय समस्त जांच एजेंसियों से भी मांग की है. गहलोत सरकार को बचाने वाले बसपा से कांग्रेस में आकर मंत्री पद पाने वाले राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनसे कहा था कि लाल डायरी लेकर आओ. उन्होंने भारी सुरक्षा के बीच लाल डायरी लाकर सबूत नष्ट करने की बात कहकर स्वयं ही अपराध में शामिल होना भी स्वीकारा है- इसलिए यह मामला उच्च स्तरीय जांच की श्रेणी में आता है.

मदन दिलावर के निलंबन पर बीजेपी हुई हमलावर...

जयपुर. विधानसभा में अनुशासनहीनता पर विधायक राजेंद्र गुढ़ा और मदन दिलावर को 15वीं विधानसभा की शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया है. दिलावर के निलंबन के बाद अब बीजेपी और ज्यादा आक्रामक हो गई है. बीजेपी ने साफ कर दिया कि मदन नहीं तो सदन नहीं. इसके साथ ही बीजेपी ने सदन के बाहर प्रतीकात्मक लाल डायरी को पेश किया, जिसके चलते सदन में काफी हंगामा हुआ.

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया ने कहा की भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर जवाब देने से सत्ता पक्ष भाग रहा है. लाल डायरी का रहस्य ना खुल जाए, इसलिए उन्होंने झूठे आरोपों के साथ में प्रतिपक्ष के सदस्य को सदन की शेष कार्यवाही से निलंबित किया है, लेकिन इससे विपक्ष छोड़ने वाला नहीं है. सदन में अगर मदन नहीं, तो सदन नहीं. लाल डायरी के मुद्दे के बीच विपक्ष ने विधानसभा के बाहर लाल डायरी का प्रतीकात्मक पोस्टर के साथ विरोध दर्ज कराया.

पढ़ें: Rajasthan Politics : गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- लाल डायरी में जरूर कुछ काला, ये रहस्य जानना चाहती है जनता

नियम विरुद्ध 4 प्रस्ताव पास हुएः राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की विधानसभा में आज जो दृश्य उत्पन्न हुआ, उसने राजस्थान के इतिहास को कलंकित किया है. विधानसभा के पहले चरण में लाल डायरी छाई रही. दूसरे चरण में आज 4 साल के संकल्प लेकर आए. लेकिन जो संकल्प सत्ता पक्ष की तरफ से लाए गए, मेरे संसद इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. विधानसभा के नियमों के तहत यह लिखा है कि सरकार संकल्प ला सकती है, लेकिन वह संकल्प ऐसे होने चाहिए जिनका संबंध राजस्थान सरकार से हो.

राठौड़ ने कहा कि आज सरकार संकल्प लेकर आई उसमें पहला मणिपुर की घटना से संबंधित था, दूसरा म्त्ब्च् परियोजना से जुड़ा हुआ, तीसरा राष्ट्रीय कृत बैंकों से किसानों की कर्ज माफी का, वहीं चौथा 2011 की जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग. ये सभी भारत सरकार से जुड़े हुए थे जिन्हें राजस्थान विधानसभा के सर्वसम्मति से पास किया गया. संसदीय नियमों में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.

मदन नहीं तो सदन नहींः राठौड़ ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा के साथ मदन दिलावर को निलंबित किया गया. जबकि सदन जानना चाहता था आखिर क्या है लाल डायरी में. सता पक्ष के लोगों ने जिस तरीके से डायरी को छीना, वो निंदनीय है. कांग्रेस किस राज से पर्दा उठने से डर रही है. राठौड़ ने कहा कि सदन में सदस्य जो चीज रख देता है, वो सदन की हो जाती है. गुढ़ा सदन में लाल डायरी लेकर आए, उस पर अध्यक्ष को जांच के लिए देना चाहिए था.

उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के सदस्य मदन दिलावर ने कोई भी अनुशासनहीनता नहीं की. जिसके आरोप के साथ उनको सदन की आगे की कार्यवाही से निलंबित किया है. मदन दिलावर का अगर निलंबन रद्द नहीं हुआ, तो हम विरोध करेंगे और सदन को चलने नहीं देंगे. विधानसभा के बहार नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया ने लाल डायरी के प्रतिकात्मक पोस्टर के साथ विरोध दर्ज करवाया. इसके साथ विपक्ष ने साफ कर दिया कि प्रतिपक्ष के नेता का निलंबन सहन नहीं होगा.

पढ़ें: गुढ़ा की लाल डायरी पर सदन में हंगामा, विपक्ष ने हाथों में लहराई...राठौड़ बोले- राजस्थान की विधानसभा शर्मसार हुई

उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस लाल डायरी को सदन और सड़क तक लेकर जाएगी. हमने विधायक गुढा से भी मांग की है कि लाल धब्बे के तथ्य हमें उपलब्ध कराएं. विधायक गुढ़ा के साथ सदन में लाल डायरी छीनने और छीना झपटी की घटना से लोकतंत्र के मंदिर को कलंकित करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म मामलों में राजस्थान पहले पायदान पर क्यों है.

पढ़ें: लाल डायरी लेकर विधानसभा में पहुंचे गुढ़ा, कहा मैं सदन में टेबल करने आया, लेकिन विधायकों और मंत्रियों ने मारपीट कर छीन ली वो डायरी

जनता जानना चाहती है लाल डायरी का सचः भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ अरुण चतुर्वेदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे प्रदेश की जनता को लाल डायरी का सत्य बताएं. उन्होंने कहा कि जनता को सत्य जानने का अधिकार है. गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने जिस प्रकार का बयान जारी कर लाल डायरी गायब कर गहलोत सरकार को बचाने की बात कही है, वह कांग्रेस सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रही है.

इसलिए मुख्यमंत्री को इस मामले पर राज्य की जनता को स्पष्टीकरण देना चाहिए. साथ ही डॉ. चतुर्वेदी ने केंद्र और राज्य स्तरीय समस्त जांच एजेंसियों से भी मांग की है. गहलोत सरकार को बचाने वाले बसपा से कांग्रेस में आकर मंत्री पद पाने वाले राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनसे कहा था कि लाल डायरी लेकर आओ. उन्होंने भारी सुरक्षा के बीच लाल डायरी लाकर सबूत नष्ट करने की बात कहकर स्वयं ही अपराध में शामिल होना भी स्वीकारा है- इसलिए यह मामला उच्च स्तरीय जांच की श्रेणी में आता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 9:59 AM IST
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