जयपुर. प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. खास कर खोई हुई सत्ता को फिर से हासिल करने के लिए बीजेपी ने मिशन 2023 के लिए थ्री लेयर मास्टर प्लान तैयार किया है. पार्टी की ओर से ABC के आधार पर बांटी गई 200 विधानसभा सीटों में से उन सीटों पर ज्यादा फोकस है जहां दो या ज्यादा बार लगातार हार का सामना करना पड़ रहा (BJP divided assembly seats in ABC category) है.
'A श्रेणी' जहां लगातार तीन बार या ज्यादा हार मिल रही: बीजेपी ने सबसे पहले उन एक दर्जन से ज्यादा सीटों को चिन्हित किया है, जहां पर 3 या ज्यादा बार लगातार पार्टी को हार का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी ने ऐसी 14 सीटों को 'A श्रेणी' में शामिल किया है. इन सीटों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा, झुंझुनूं, लक्ष्मणगढ़, खींवसर, कोटपूतली, बाड़ी, बागीदौरा, सपोटरा, सिकराय, सरदारशहर, बस्सी और फतेहपुर शेखावाटी है. लक्ष्मणगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का निर्वाचन क्षेत्र है, वहीं सपोटरा कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा का निर्वाचन क्षेत्र है. बड़ी बात यह है कि जयपुर जिले के बस्सी विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार निर्दलीय चुनाव जीते हैं.
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'B श्रेणी' लगातार दो बार हारी हुई सीटें: वहीं प्रदेश में कुछ सीटें ऐसी भी हैं जहां लगातार दो बार बीजेपी को हार का सामना करना पड़ रहा है. उन सीटों में राजाखेड़ा, श्रीगंगानगर, करौली, टोडाभीम, हिंडोली और बानसूर है. हिंडोली से अशोक चांदना लगातार दूसरी बार कांग्रेस के विधायक हैं, तो बानसूर से कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत दूसरी बार विधायक हैं.
'C श्रेणी' ऐसी सीटें जहां बड़े अंतर से हार हुई: पार्टी ने करीब 35 ऐसी विधानसभा सीटों को भी चिन्हित किया है, जहां हार तो पहली बार हुई है लेकिन हार का अंतर ज्यादा है. पार्टी इस बार मिशन 2023 फतह के लिए ऐसी कोई भी कमी नहीं रखना चाहती. यही वजह है कि बड़े अंतर से एक बार हार वाली सीटों पर फोकस किया जा रहा है.
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आंतरिक सर्वे: बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने इस ABC श्रेणियों के आधार पर आंतरिक सर्वे भी कराया है. जिसमें हार के कारणों पर विशेष ध्यान दिया गया है. माना ये जा रहा है कि इन सीटों पर पार्टी को जिताऊ उम्मीदवार की तलाश है. पार्टी सूत्रों की माने तो बीजेपी को प्रदेश की जिन डेढ़ दर्जन से ज्यादा सीटों पर लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है, उन सीटों पर पार्टी की ओर से आंतरिक सर्वे भी करवाया गया है.
इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर इन सीटों पर लगातार हार की वजह क्या है? बूथ मैनेजमेंट से लेकर तमाम तरह की गतिविधियों का फीडबैक लिया गया है. साथ ही लगातार जिन सीटों पर कांग्रेस के विधायक चुनाव जीत रहे हैं, उनके बारे में भी आतंरिक सर्वे में फीडबैक लिया गया है. यह भी मालूम करने की कोशिश की गई है कि कांग्रेस विधायकों के सामने भाजपा का जिताऊ प्रत्याशी कौन हो सकता हैं.
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सिर्फ मोदी होगा चेहरा: हाल ही में दिल्ली में हुई कोर ग्रुप की बैठक में भी इस विशेष मास्टर प्लान पर चर्चा हुई. प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रभारी अरुण सिंह ने पूरा फीडबैक दिया. बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ संदेश दे दिया कि इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चेहरा होंगे. किसी भी प्रदेश के नेता के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा जाएगा. इसलिए सभी नेता एकजुट होकर पार्टी को 2023 में विजय दिलाने पर काम करें.