जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी कांग्रेस को चोतरफा घेर कर हमला कर रही है. महिला सुरक्षा, कानून व्यवस्था, किसान कर्ज माफी और बेरोजगारी के साथ-साथ सरकार से लाभ ले रहे अधिकारियों के मुद्दे पर भी बीजेपी ने आक्रामक रुख अपना लिया है. यही वजह है कि भाजपा ने मुख्य सचिव उषा शर्मा को हटाने की मांग उठाई. बीजेपी का आरोप है कि आदर्श आचार संहिता के नियम अनुसार एक्सटेंशन वाला अधिकारी अपने पद पर बना नहीं रह सकता.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन : नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के नेतृत्व में बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी (C.E.O) प्रवीण गुप्ता के पास पहुंचकर सीएस को हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के कुछ नियम-कायदे हैं, जिसके आधार पर चुनाव होते हैं. इसके तहत आचार संहिता लगने के बाद कोई भी एक्सटेंशन वाला अधिकारी अपने पद पर नहीं रह सकता. उन्होंने ज्ञापन देकर आयोग से मांग की है कि वो सुनिश्चित करें कि 31 दिसंबर तक एक्सटेंशन पाने वाली सीएस को तुरंत उनके पद से हटाया जाए.
ये कहा ज्ञापन में : ज्ञापन में कहा गया कि 2 जून 2023 के अनुसार वे अधिकारी, जिनका सेवा काल बढ़ाया गया है, वे चुनाव सम्बंधित किसी भी कार्य से जुड़े हुए नहीं रह सकते. वर्तमान में उषा शर्मा आईएएस राजस्थान सरकार में मुख्य सचिव पद पर नियुक्त हैं. उक्त उषा शर्मा का भारतीय सिविल सेवा में कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद कार्यकाल आगे बढ़ाए जाने के लिए प्रस्ताव राजस्थान सरकार की ओर से 16 जून 2023 को केन्द्र सरकार को प्रेषित किया गया. इसे केंद्र सरकार की ओर से 28 जून 2023 स्वीकार करते हुए उनका सेवाकाल 1 जुलाई 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
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निष्पक्षता की उम्मीद नहीं की जा सकती : राज्य शासन के सामान्य अनुक्रम में और चुनाव के समय आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों को लागू करते समय मुख्य सचिव की अहम भूमिका रहती है. चुनावी गतिविधियों सहित अन्य कार्य के लिए जो स्क्रीनिंग कमेटी गठित की गई है, उसका नियंत्रण बतौर चेयरमैन मुख्य सचिव के नियंत्रण में होता है. इसके साथ प्रस्ताव भेजने वाले विभाग के सचिव, जीएडी के सचिव इस कमेटी के अन्य सदस्य बनाए गए हैं. उनका काम आदर्श आचार संहिता में कई प्रस्तावों पर अनुमति के लिए अनुशासन करना होता है, ऐसे में निष्पक्षता की उम्मीद नहीं की जा सकती.
ये रहे मौजूद : निर्वाचन विभाग को ज्ञापन देने के लिए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक नारायण पंचारिया, प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति सह संयोजक राजेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण सिंह बगड़ी और प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज सहित प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग से मिले.