जयपुर. समिति में सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया, विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष चन्द्रकांता मेघवाल, विधायक संदीप शर्मा और प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य आनंद गर्ग शामिल हैं. यह समिति मौके पर जाकर पीड़ितों से मुलाकात कर हालात की जानकारी लेगी और डॉ. पूनिया को तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपेगी.
पूनिया ने छबड़ा दंगे मामले पर बयान जारी कर कहा कि यह मुख्यमंत्री और गृहमंत्री अशोक गहलोत की नाकामी है. उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति गहलोत सरकार कर रही है. प्रदेश का बहुसंख्यक हिन्दू समाज गहलोत सरकार के शासन में सुरक्षित नहीं है. पूनिया ने कहा कि प्रदेश के अलवर सहित मेवात क्षेत्र में भी आये दिन हिन्दुओं पर अत्याचार के मामले सामने आते हैं.
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पूनिया ने कहा कि, छबड़ा मामले में राज्य सरकार को संयम रहते उपाय करना चाहिये था. लेकिन इस पूरे मामले को लेकर इंटेलीजेंस पूरी तरह फेल रहा. गहलोत सरकार के संरक्षण में प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. आम लोगों में डर और भय है.वहीं सरकार की कार्य प्रणाली से पुलिस का भी मनोबल गिर रह है.
क्या है मामला...
राजस्थान के बारां जिले के छाबड़ा में सांप्रदायिक हिसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया गया है. फसाद की शुरुआत छबड़ा उपखंड मुख्यालय के धरनावदा चैराहे पर शनिवार शाम 10 अप्रैल 2021 की शाम चाकूबाजी की घटना से हुई. रविवार (11 अप्रैल) को हालात तब और बिगड़ गए जब उपद्रवियों ने पत्थरबाजी करते हुए आगजनी और लूटपाट की. कई दुकानों को फूंका गया. पुलिस और दमकल की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया.