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सीएम तय होने के बाद अब मंत्री बनने के लिए लॉबिंग, वरिष्ठता के साथ मंत्रिमंडल में दिखेगा जातिगत समीकरण - वरिष्ठता के साथ जातीय समीकरण

BJP in Rajasthan, राजस्थान के नए मुख्यमंत्री का नाम तय हो गया है. 15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री का नाम तय होने के साथ ही मंत्रिमंडल के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है.

CM Bhajanlal Sharma
राजस्थान के नए सीएम भजनलाल शर्मा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 13, 2023, 9:00 AM IST

जयपुर. राजस्थान का सीएम कौन होगा ? यह गुत्थी मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर हुई बैठक में सुलझ गई. पार्टी प्रदेश महामंत्री और सांगानेर से पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा के रूप में प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल गया. इसके साथ पार्टी ने दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया है. सीएम के अनाउंसमेंट के साथ ही विधायकों ने मंत्री बनने के लिए दौड़ शुरू कर दी है.

मंत्री बनने की लॉबिंग शुरू : बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने का एलान कर सब को चौंकाने का काम तो किया ही, साथ ही यह भी संदेश दिया कि पार्टी में एक कार्यकर्ता भी मुख्यमंत्री के पद तक पहुंच सकता है. संघ और संगठन के पृष्ठभूमि से सीएम बनने के बाद विधायकों ने अपनी-अपनी लॉबिंग शुरू कर दी. कोई संघ से संपर्क साध रहा है तो कोई वरिष्ठ नेताओं को फोन करके 'दावेदारी मजबूत' कर रहा है. कई विधायक आलाकमान के नजदीकी नेताओं को भी दिल्ली फोन कराने के प्रयास में जुट गए हैं, ताकि मंत्री का पद मिल जाए.

एक दर्जन मंत्री ले सकते हैं शपथ : पार्टी सूत्रों के अनुसार सीएम के साथ करीब एक दर्जन मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है. इसलिए सीएम के नाम के साथ नए मंत्रियों की भी सूची तैयार की जा रही है. माना जा रहा है कि इस बार वरिष्ठ विधायकों के साथ नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. इसमें जातिगत संतुलन रखा जाएगा, ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके. दरअसल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की शपथ के साथ पहली कैबिनेट की बैठक में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय भी लेने हैं, जिससे प्रदेश की जनता में एक संदेश जाए और उसका असर 6 महीने बाद होने वाले चुनाव में दिखे.

पढ़ें : बीजेपी की नई टीम पर दीया कुमारी का बयान, कहा- मिलकर करेंगे राजस्थान का विकास

वरिष्ठता के साथ जातीय समीकरण : भाजपा के वरिष्ठ विधायकों में से एक वासुदेव देवनानी को 16वीं विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है. देवनानी के जरिए पार्टी ने सिंधी समाज को साधने का काम किया. वहीं, दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाकर राजपूत और एससी समाज को साधने के काम किया. इसके बाद अब बात मंत्रिमंडल की आती है. माना जा रहा है कि सीएम के साथ एक दर्जन विधायक मंत्रिमंडल की शपथ लेंगे, जिसमे दोनों डिप्टी के अलावा 10 अन्य विधायक हो सकते हैं.

वरिष्ठता और जातीय समीकरण के लिहाज से देखें तो वैश्य समाज से आने वाले कालीचरण सराफ, मीणा समाज से आने वाले किरोड़ी लाल मीणा, जाट समाज से आने वाले कन्हयालाल चौधरी और कुलदीप धनकड़ में एक, वहीं गुर्जर समाज से उदयलाल भड़ाना. इसके साथ वरिष्ठ नेताओं के लिहाज से मदन दिलावर, प्रताप सिंह सिंघवी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत का नाम माना जा सकता है. इसके अलावा हिंदुत्व के चेहरे के लिहाज से बाबा बालकनाथ और बालमुकुंदाचार्य को मंत्री बनाया जा सकता है. महिलाओं में देखें तो पूर्वमंत्री अनिता भदेल, दीप्ति किरण माहेश्वरी का नाम माना जा सकता है.

वसुंधरा राजे को लेकर सस्पेंस : मुख्यमंत्री बनने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं. राजनीति के पंडित इस बात को मानते हैं कि भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शायद ही मंत्री के रूप में वसुंधरा राजे शामिल होने को लेकर तैयार हों. ऐसे में पार्टी शीर्ष नेतृत्व अब उनकी नई भूमिका को लेकर विचार कर रहा है. इसके साथ पार्टी में दो वरिष्ठ नेता जिसमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां जो चुनाव हार गए हैं, उनको लेकर भी पार्टी शीर्ष नेतृत्व अच्छे विकल्प के पद देने पर विचार कर रहा है.

जयपुर. राजस्थान का सीएम कौन होगा ? यह गुत्थी मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर हुई बैठक में सुलझ गई. पार्टी प्रदेश महामंत्री और सांगानेर से पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा के रूप में प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल गया. इसके साथ पार्टी ने दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया है. सीएम के अनाउंसमेंट के साथ ही विधायकों ने मंत्री बनने के लिए दौड़ शुरू कर दी है.

मंत्री बनने की लॉबिंग शुरू : बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने का एलान कर सब को चौंकाने का काम तो किया ही, साथ ही यह भी संदेश दिया कि पार्टी में एक कार्यकर्ता भी मुख्यमंत्री के पद तक पहुंच सकता है. संघ और संगठन के पृष्ठभूमि से सीएम बनने के बाद विधायकों ने अपनी-अपनी लॉबिंग शुरू कर दी. कोई संघ से संपर्क साध रहा है तो कोई वरिष्ठ नेताओं को फोन करके 'दावेदारी मजबूत' कर रहा है. कई विधायक आलाकमान के नजदीकी नेताओं को भी दिल्ली फोन कराने के प्रयास में जुट गए हैं, ताकि मंत्री का पद मिल जाए.

एक दर्जन मंत्री ले सकते हैं शपथ : पार्टी सूत्रों के अनुसार सीएम के साथ करीब एक दर्जन मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है. इसलिए सीएम के नाम के साथ नए मंत्रियों की भी सूची तैयार की जा रही है. माना जा रहा है कि इस बार वरिष्ठ विधायकों के साथ नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. इसमें जातिगत संतुलन रखा जाएगा, ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके. दरअसल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की शपथ के साथ पहली कैबिनेट की बैठक में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय भी लेने हैं, जिससे प्रदेश की जनता में एक संदेश जाए और उसका असर 6 महीने बाद होने वाले चुनाव में दिखे.

पढ़ें : बीजेपी की नई टीम पर दीया कुमारी का बयान, कहा- मिलकर करेंगे राजस्थान का विकास

वरिष्ठता के साथ जातीय समीकरण : भाजपा के वरिष्ठ विधायकों में से एक वासुदेव देवनानी को 16वीं विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है. देवनानी के जरिए पार्टी ने सिंधी समाज को साधने का काम किया. वहीं, दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाकर राजपूत और एससी समाज को साधने के काम किया. इसके बाद अब बात मंत्रिमंडल की आती है. माना जा रहा है कि सीएम के साथ एक दर्जन विधायक मंत्रिमंडल की शपथ लेंगे, जिसमे दोनों डिप्टी के अलावा 10 अन्य विधायक हो सकते हैं.

वरिष्ठता और जातीय समीकरण के लिहाज से देखें तो वैश्य समाज से आने वाले कालीचरण सराफ, मीणा समाज से आने वाले किरोड़ी लाल मीणा, जाट समाज से आने वाले कन्हयालाल चौधरी और कुलदीप धनकड़ में एक, वहीं गुर्जर समाज से उदयलाल भड़ाना. इसके साथ वरिष्ठ नेताओं के लिहाज से मदन दिलावर, प्रताप सिंह सिंघवी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत का नाम माना जा सकता है. इसके अलावा हिंदुत्व के चेहरे के लिहाज से बाबा बालकनाथ और बालमुकुंदाचार्य को मंत्री बनाया जा सकता है. महिलाओं में देखें तो पूर्वमंत्री अनिता भदेल, दीप्ति किरण माहेश्वरी का नाम माना जा सकता है.

वसुंधरा राजे को लेकर सस्पेंस : मुख्यमंत्री बनने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं. राजनीति के पंडित इस बात को मानते हैं कि भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शायद ही मंत्री के रूप में वसुंधरा राजे शामिल होने को लेकर तैयार हों. ऐसे में पार्टी शीर्ष नेतृत्व अब उनकी नई भूमिका को लेकर विचार कर रहा है. इसके साथ पार्टी में दो वरिष्ठ नेता जिसमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां जो चुनाव हार गए हैं, उनको लेकर भी पार्टी शीर्ष नेतृत्व अच्छे विकल्प के पद देने पर विचार कर रहा है.

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