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चुनाव के बाद परिजनों संग भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने बिताया वक्त, कहा- जीत को लेकर हूं आश्वस्त

Rajasthan Assembly Election 2023, मालवीय नगर सीट से भाजपा प्रत्याशी व क्षेत्र के मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है. वहीं, चुनाव संपन्न होने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा, ''चुनावी तैयारी में व्यस्तता होने के कारण वो परिवार के लोगों को समय नहीं दे पा रहे थे. ऐसे में आज उन्होंने अपने परिवार के लोगों के साथ वक्त बिताया और सभी एक साथ बैठकर चाय पिए. वहीं, जहां तक चुनाव जीतने की बात है तो जनता ने भाजपा को अपना समर्थन दिया है.''

Rajasthan Assembly Election 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 26, 2023, 6:31 PM IST

Updated : Nov 26, 2023, 8:47 PM IST

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने परिजनों संग बिताया वक्त

जयपुर. मालवीय नगर से लगातार जीत दर्ज करने वाले भाजपा विधायक कालीचरण सराफ इस बार भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है. हालांकि, चुनाव की भागदौड़ के बीच करीब एक माह बाद उन्होंने रविवार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर चाय पी. वहीं, ईटीवी भारत से बात कहते हुए उन्होंने कहा, ''चुनाव किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे परिवार, कार्यकर्ताओं और पार्टी का होता है.'' दरअसल, शनिवार को मतदान संपन्न होने के बाद रविवार को भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सराफ अपने पूरे परिवार के साथ समय बिताते नजर आए और महीने भर की थकान उतारी.

महीने भर बाद सराफ ने घरवालों के साथ बिताया वक्त : भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सराफ ने बताया, ''चुनाव की व्यस्तता के बाद अब फ्री हुआ हूं. मैं सुबह 7:30 बजे तक सोया था और उसके बाद मालिश वाले को बुलाकर मालिश करवाई और अब रिलैक्स मूड में परिवार वालों के साथ चाय पीने का मौका मिला. जबकि बीते दिनों 5:30 बजे उठकर तैयार हो जाता था और 6 बजे से जनसंपर्क के लिए निकल जाया करता था. वहीं, घर लौटते-लौटते रात के 11-12 बजे जाते थे.'' उन्होंने बताया- ''पहले चाय घर में कम कार्यकर्ताओं के पास ज्यादा करती थी. किसी-किसी दिन तो 10-10 चाय हो जाया करती थी, लेकिन काफी दिनों बाद अब पहली चाय घरवालों के साथ चाय पीने का मौका मिला है.''

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पत्नी ने कही ये बात : वहीं, सराफ की धर्मपत्नी अलका सराफ ने बताया, ''करीब एक महीने से जनसंपर्क में लगे थे. आखिरकार रविवार को चुनाव के बाद हम सब एक साथ बैठकर चाय पी सके हैं.'' उन्होंने बताया, ''प्रचार के दौरान वक्त न होने के कारण वो किसी तरह से 5 मिनट में पूजा कर भगवान से माफी मांग करके घर से निकल जाते थे. वहीं, रविवार को कई दिनों की कसर पूरी हुई और करीब आधे घंटे तक उन्होंने पूजा-अर्चना की.

चुनाव में लगा था पूरा परिवार : वहीं, उनकी पुत्रवधू सीमा सराफ ने बताया, ''चुनाव में व्यस्तता होने के कारण उनके पिता के पास एक साथ बैठने तक की फुरसत नहीं थी. वो पूरे दिन जनसंपर्क और लोगों से भेंट मुलाकात में लगे रहते थे. रात को डिनर भी हम साथ नहीं कर पाते थे.'' वहीं, सीए की पढ़ाई कर रहे सराफ के पोते निखिल ने कहा, ''1 महीने तक सभी बिजी थे. दादाजी अलग, पिताजी अलग, चाचा अलग, महिलाएं अलग और वो खुद भी अलग-अलग इलाकों में जनसंपर्क और चुनाव जीतने की प्लानिंग में जुटे रहते थे. साथ में बैठने का टाइम तक नहीं मिलता था. हालांकि, पिछले चुनाव में भी यही स्थिति थी, लेकिन तब वो छोटे थे. इस वजह से इतने इंवॉल्व नहीं हुए थे.''

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बेटों ने सुनाई चुनावी तैयारी की कहानी : सराफ के बड़े बेटे आशीष सराफ ने बताया, ''आज रविवार का दिन है और चुनाव भी संपन्न हो चुका है. ऐसे में हम सभी एक साथ बैठकर एक-दूसरे से बातचीत किए और हमारा बहुत अच्छा समय व्यतीत हुआ. फिर भी पूरा रिलैक्स 3 दिसंबर को होंगे. जब जीत का सेहरा बंधेगा. महीने भर तक तो इसी एक्सरसाइज में लगे थे कि किस तरह चुनाव प्रचार करना है. किस तरह चुनाव को उठाना है. कार्यकर्ताओं को किस तरह मोटिवेट करना है. वोटर अधिक से अधिक संख्या में निकले, इसकी प्लानिंग में रहते थे और अब किस बूथ से कितने वोट मिले हैं और कितने परसेंट वोट उनके खाते आए होंगे इसकी चर्चा शुरू हो गई है.'' वहीं, छोटे बेटे विवेक ने कहा, ''जहां तक बिजनेस संभालने की बात है तो अभी तक उस पर किसी का कोई विशेष फोकस नहीं था. सुबह जल्दी उठकर जाना रात को लेट घर आना होता था. ऐसे में बिजनेस संभालने का मौका ही नहीं मिलता था.''

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने परिजनों संग बिताया वक्त

जयपुर. मालवीय नगर से लगातार जीत दर्ज करने वाले भाजपा विधायक कालीचरण सराफ इस बार भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है. हालांकि, चुनाव की भागदौड़ के बीच करीब एक माह बाद उन्होंने रविवार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर चाय पी. वहीं, ईटीवी भारत से बात कहते हुए उन्होंने कहा, ''चुनाव किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे परिवार, कार्यकर्ताओं और पार्टी का होता है.'' दरअसल, शनिवार को मतदान संपन्न होने के बाद रविवार को भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सराफ अपने पूरे परिवार के साथ समय बिताते नजर आए और महीने भर की थकान उतारी.

महीने भर बाद सराफ ने घरवालों के साथ बिताया वक्त : भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सराफ ने बताया, ''चुनाव की व्यस्तता के बाद अब फ्री हुआ हूं. मैं सुबह 7:30 बजे तक सोया था और उसके बाद मालिश वाले को बुलाकर मालिश करवाई और अब रिलैक्स मूड में परिवार वालों के साथ चाय पीने का मौका मिला. जबकि बीते दिनों 5:30 बजे उठकर तैयार हो जाता था और 6 बजे से जनसंपर्क के लिए निकल जाया करता था. वहीं, घर लौटते-लौटते रात के 11-12 बजे जाते थे.'' उन्होंने बताया- ''पहले चाय घर में कम कार्यकर्ताओं के पास ज्यादा करती थी. किसी-किसी दिन तो 10-10 चाय हो जाया करती थी, लेकिन काफी दिनों बाद अब पहली चाय घरवालों के साथ चाय पीने का मौका मिला है.''

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पत्नी ने कही ये बात : वहीं, सराफ की धर्मपत्नी अलका सराफ ने बताया, ''करीब एक महीने से जनसंपर्क में लगे थे. आखिरकार रविवार को चुनाव के बाद हम सब एक साथ बैठकर चाय पी सके हैं.'' उन्होंने बताया, ''प्रचार के दौरान वक्त न होने के कारण वो किसी तरह से 5 मिनट में पूजा कर भगवान से माफी मांग करके घर से निकल जाते थे. वहीं, रविवार को कई दिनों की कसर पूरी हुई और करीब आधे घंटे तक उन्होंने पूजा-अर्चना की.

चुनाव में लगा था पूरा परिवार : वहीं, उनकी पुत्रवधू सीमा सराफ ने बताया, ''चुनाव में व्यस्तता होने के कारण उनके पिता के पास एक साथ बैठने तक की फुरसत नहीं थी. वो पूरे दिन जनसंपर्क और लोगों से भेंट मुलाकात में लगे रहते थे. रात को डिनर भी हम साथ नहीं कर पाते थे.'' वहीं, सीए की पढ़ाई कर रहे सराफ के पोते निखिल ने कहा, ''1 महीने तक सभी बिजी थे. दादाजी अलग, पिताजी अलग, चाचा अलग, महिलाएं अलग और वो खुद भी अलग-अलग इलाकों में जनसंपर्क और चुनाव जीतने की प्लानिंग में जुटे रहते थे. साथ में बैठने का टाइम तक नहीं मिलता था. हालांकि, पिछले चुनाव में भी यही स्थिति थी, लेकिन तब वो छोटे थे. इस वजह से इतने इंवॉल्व नहीं हुए थे.''

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बेटों ने सुनाई चुनावी तैयारी की कहानी : सराफ के बड़े बेटे आशीष सराफ ने बताया, ''आज रविवार का दिन है और चुनाव भी संपन्न हो चुका है. ऐसे में हम सभी एक साथ बैठकर एक-दूसरे से बातचीत किए और हमारा बहुत अच्छा समय व्यतीत हुआ. फिर भी पूरा रिलैक्स 3 दिसंबर को होंगे. जब जीत का सेहरा बंधेगा. महीने भर तक तो इसी एक्सरसाइज में लगे थे कि किस तरह चुनाव प्रचार करना है. किस तरह चुनाव को उठाना है. कार्यकर्ताओं को किस तरह मोटिवेट करना है. वोटर अधिक से अधिक संख्या में निकले, इसकी प्लानिंग में रहते थे और अब किस बूथ से कितने वोट मिले हैं और कितने परसेंट वोट उनके खाते आए होंगे इसकी चर्चा शुरू हो गई है.'' वहीं, छोटे बेटे विवेक ने कहा, ''जहां तक बिजनेस संभालने की बात है तो अभी तक उस पर किसी का कोई विशेष फोकस नहीं था. सुबह जल्दी उठकर जाना रात को लेट घर आना होता था. ऐसे में बिजनेस संभालने का मौका ही नहीं मिलता था.''

Last Updated : Nov 26, 2023, 8:47 PM IST
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