जयपुर. राजधानी जयपुर में आपसी विवाद में एक युवक की हत्या की घटना के बाद गहलोत सरकार ने पीड़ित परिवार को बतौर मुआवजा 50 लाख की आर्थिक सहायता के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी और डेयरी बूथ देने की घोषणा की है. जिस पर भाजपा की ओर से आपत्ति जताई गई. साथ ही भाजपा ने राज्य की गहलोत सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया.
गहलोत सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप - प्रदेश भाजपा के महामंत्री लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार एक समुदाय विशेष पर खास मेहरबान है. उन्होंने कहा कि जयपुर में शुक्रवार की रात को दो लड़कों की गाड़ी आपस में भिड़ गई थी, जिसको लेकर विवाद हो गया था, जिसमें एक इकबाल नाम के युवक की मौत हो गई थी.
वहीं, कांग्रेस सरकार ने मृतक इकबाल के परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और डेयरी बूथ देने की घोषणा की है. आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की ये घोषणा पक्षपात पूर्ण है, क्योंकि इसी कांग्रेस राज में 7700 से अधिक निर्दोष लोगों की जान गई है, लेकिन इस सरकार ने उनको कोई मुआवजा राशि नहीं दी. अगर सरकार इतनी ही संवेदनशील है तो इन सभी परिवारों को मुआवजा राशि जारी करनी चाहिए.
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भारद्वाज ने कहा कि गहलोत सरकार हमेशा से ही तुष्टिकरण की राजनीति करती रही है और अब मुआवजा राशि में भी भेदभाव देखने को मिला है. उन्होंने ने कहा कि प्रदेश में चुनाव है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक वर्ग विशेष को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि सड़क जाम करके बैठे लोगों की वजह से आम लोगों को परेशान होना पड़ रहा है, लेकिन ये सरकार उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेगी.
ये है पूरा मामला - बता दें कि शुक्रवार रात को जयपुर में दो बाइक सवार युवकों की टक्कर के बाद विवाद शुरू हो गया था. देखते ही देखते नौबत मारपीट की आ गई और इस घटना में एक युवक की मौत हो गई. युवक की मौत के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल हो गया और दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए. एक समुदाय विशेष की ओर से मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए बतौर मुआवजा देने की मांग की, जिस पर राज्य सरकार की ओर से मृतक के परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और डेयरी बूथ देने की घोषणा की गई.