जयपुर. प्रदेश भाजपा ने गहलोत सरकार को घेरने के लिए आगामी आठ फरवरी को तमाम जिला मुख्यालयों पर जेलभरों आन्दोलन करने जा रही है जिसकी तैयारियां बडे स्तर पर हो रही है..लेकिन जिन तीन बड़े मुद्दों को लेकर भाजपा जेलभरो आन्दोलन कर रही है उसमें से दो मामलो पर राज्य सरकार ने पहले ही घोषणा कर दी और तीसरे मुद्दे पर सरकार ने काम शुरु कर दिया है.
![undefined](https://s3.amazonaws.com/saranyu-test/etv-bharath-assests/images/ad.png)
अब भाजपा कह रही है उनके दबाव में सरकार ने काम तेजी से किया है. लेकिन असल कहानी है लोकसभा चुनावों में तीन बडे वोट बैंक पर कौन कब्जा जमाए. आगामी लोकसभा चुनावों से पहले प्रदेश की गहलोत सरकार को उन्ही की पार्टी के जनघोषणा पत्र के तीन अहम घोषणाओं को लागू करने को लेकर भाजपा ने सरकार पर दवाब बनाने के लिए आगामी आठ फरवरी को सभी जिला मुख्यालय पर जेल भरो आन्दोलन करने जा रही है.
भाजपा के इस आन्दोलन की मॉनिटरिंग भाजपा प्रदेश मुख्यालय से हो रही है...और तमाम जिलों में पार्टी के बडे नेता और जिलें के नेता विधायक...पूर्व विधायक ..सांसद कार्यकर्ता गिरफ्तारी देंगे ...लेकिन जिन घोषणाओं को लेकर भाजपा मैदान में उतरी है. उन पर तो गहलोत सरकार ने घोषणाओं या फिर कहे की उन घोषणाओं को कब से शुरू किया जाएगा इसका ऐलान सरकरा कर चूकी है .भाजपा के महामंत्री अभिषेक मटोरिया ने कहा कि भाजपा ने सरकार पर दवाब बनाया इसलिए सरकार को काम करना पड रहा है.
इधर कांग्रेस पार्टी के मुताबिक जिन तीन मुद्दों को लेकर भाजपा जेल भरो आन्दोंलन कर रही है उसमें से किसान कर्ज माफी की घोषणा सरकार कर चूकी है और आठ फरवरी से जो किसान कर्ज माफी की अहर्ता पूरी कर रहे हैं उन्हे कर्ज माफी का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. वहीं 3 फरवरी को बेरोजगारों को भत्ता देने के सम्बन्ध में राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं जो कि एक मार्च से प्रभावी होंगे. इसके अलावा दस फीसदी गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के सम्बन्ध में विधि विभाग मे विचाराधीन है. लिहाजा कांग्रेस सीधे तौर पर भाजपा पर आरोप लगा रही है की जो मुद्दे भाजपा उठा रही है वो केवल लोकसभा चुनावों में फायदा लेने के लिए है.
असल में भाजपा ने जिन तीन बडे मुद्दों को हाथ में लिया है वो प्रदेश के सबसे बडे वोटर वर्ग में आते है जिसमें एक तरफ किसान हैं तो दूसरी ओर युवा वर्ग, वहीं तीसरा मुद्दा लोवर मिडिल क्लास का है जो अब तक आर्थिक आधार पर आरक्षण से वंचित रहा. लिहाजा भाजपा तीनों को साधने के लिए आन्दोलन कर रही है तो वहीं गहलोत सरकार कांग्रेस के जनघोषणा पत्र के बिन्दुओ को लागु करने में जुटी है. ताकि वोटबैंक को कोई साध ना सके. बहरहाल देखना ये होगा कि भाजपा का ये आन्दोलन वोटरों को कितना आकर्षित कर पाता है.