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भाजपा ने गहलोत सरकार पर लगाया तुष्टीकरण का आरोप, कहा- कन्हैया के हत्यारों के परिजनों को सुरक्षा, संकट में 'जांबाज' - BJP accused Gehlot government of appeasement

उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़वाने वालों की सुरक्षा को लेकर गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है. शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और सांसद दीया कुमारी ने राज्य की गहलोत सरकार पर हमला बोला. साथ ही दोनों नेताओं ने गहलोत सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप (BJP accused Gehlot government of appeasement) लगाया.

BJP accused Gehlot government of appeasement
BJP accused Gehlot government of appeasement
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Published : Jun 9, 2023, 6:39 PM IST

भाजपा ने गहलोत सरकार पर लगाया तुष्टीकरण का आरोप.

जयपुर. विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर कन्हैयालाल हत्याकांड सुर्खियों में है, क्योंकि भाजपा ने गहलोत सरकार को तुष्टीकरण के आरोपों के साथ कटघरे में खड़ा कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और सांसद दीया कुमारी ने कहा कि उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़वाने वाले युवकों को रोजगार देना तो दूर उनकी सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों के परिजनों को सुरक्षा दी जा रही है, लेकिन आतंकियों को पकड़वाने वाले जांबाजों को सुरक्षा नहीं दी जा रही है. ऐसे में दोनों जांबाज खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं. वहीं, राठौड़ ने महिलाओं को दिए जाने वाले स्मार्ट फोन, कानून-व्यवस्था, तुष्टीकरण सहित अन्य मुद्दों पर भी सरकार को घेरा.

खौफ में जांबाज - नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि उदयपुर हत्याकांड हम सबके सामने सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण हुआ. आज हालात ये हैं कि आतंकियों को पकड़वाने वाले युवक शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं. राठौड़ ने कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद आतंकियों पकड़ने में शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी. दोनों ने 25 किलोमीटर तक आतंकियों का पीछा कर पुलिस को लोकेशन भेजा था, जिसके बाद आतंकी पकड़े गए थे.

इसे भी पढ़ें - सीएम अशोक गहलोत बोले- देश में जहां भी चुनाव होते हैं, वहां ED पहले पहुंच जाती है

राठौड़ ने आगे कहा कि दोनों सूरत में नौकरी करते थे, लेकिन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद मालिक ने दोनों को यह कहते हुए काम से निकाल दिया कि आप के साथ हमारी भी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. घटना के बाद तत्कालीन जिला कलेक्टर ने 15 अगस्त को दोनों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया था. जिला एसपी ने भी इनको हथियार रखने की अभिशंषा की थी. यहां तक कि स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी दोनों की पीठ थपथपाई थी और आश्वासन दिया था कि उनहें नौकरी व सुरक्षा दोनों ही प्रदान की जाएगी, लेकिन मौजूदा समय में हालात यह है कि इन्हें तो नौकरी मुहैया कराई गई और न ही सुरक्षा मिली. वहीं, प्रभारी मंत्री उदयलाल आंजना से सुरक्षा की मांग की गई तो मंत्री ने कहा कि जब कभी घटना होगी तो फिर सुरक्षा की बात करेंगे.

आतंकियों के परिवारों को सुरक्षा - राजेन्द्र राठौड़ और सांसद दीया कुमारी ने आरोप लगाया कि गिरफ्तार आतंकी आसींद के रहने वाले थे. पुलिस ने उनके घरों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए, जबकि आतंकियों को पकड़वाने वाले शक्ति और प्रह्लाद सिंह को बीच मझधार में छोड़ दिया. ऐसे में उन्हें आज हर वक्त अनहोनी की आशंका लगी रहती है, लेकिन इन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई. इतना ही नहीं पुलिस ने दोनों को बिना पूछे बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगा दी है. सांसद दीया कुमारी ने कहा कि शक्ति सिंह न्याय और सुरक्षा के लिए बीते एक साल से लड़ रहे हैं, उनसे किए वादे अब तक नहीं निभाए गए हैं.

भाजपा ने गहलोत सरकार पर लगाया तुष्टीकरण का आरोप.

जयपुर. विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर कन्हैयालाल हत्याकांड सुर्खियों में है, क्योंकि भाजपा ने गहलोत सरकार को तुष्टीकरण के आरोपों के साथ कटघरे में खड़ा कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और सांसद दीया कुमारी ने कहा कि उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़वाने वाले युवकों को रोजगार देना तो दूर उनकी सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों के परिजनों को सुरक्षा दी जा रही है, लेकिन आतंकियों को पकड़वाने वाले जांबाजों को सुरक्षा नहीं दी जा रही है. ऐसे में दोनों जांबाज खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं. वहीं, राठौड़ ने महिलाओं को दिए जाने वाले स्मार्ट फोन, कानून-व्यवस्था, तुष्टीकरण सहित अन्य मुद्दों पर भी सरकार को घेरा.

खौफ में जांबाज - नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि उदयपुर हत्याकांड हम सबके सामने सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण हुआ. आज हालात ये हैं कि आतंकियों को पकड़वाने वाले युवक शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं. राठौड़ ने कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद आतंकियों पकड़ने में शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी. दोनों ने 25 किलोमीटर तक आतंकियों का पीछा कर पुलिस को लोकेशन भेजा था, जिसके बाद आतंकी पकड़े गए थे.

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राठौड़ ने आगे कहा कि दोनों सूरत में नौकरी करते थे, लेकिन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद मालिक ने दोनों को यह कहते हुए काम से निकाल दिया कि आप के साथ हमारी भी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. घटना के बाद तत्कालीन जिला कलेक्टर ने 15 अगस्त को दोनों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया था. जिला एसपी ने भी इनको हथियार रखने की अभिशंषा की थी. यहां तक कि स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी दोनों की पीठ थपथपाई थी और आश्वासन दिया था कि उनहें नौकरी व सुरक्षा दोनों ही प्रदान की जाएगी, लेकिन मौजूदा समय में हालात यह है कि इन्हें तो नौकरी मुहैया कराई गई और न ही सुरक्षा मिली. वहीं, प्रभारी मंत्री उदयलाल आंजना से सुरक्षा की मांग की गई तो मंत्री ने कहा कि जब कभी घटना होगी तो फिर सुरक्षा की बात करेंगे.

आतंकियों के परिवारों को सुरक्षा - राजेन्द्र राठौड़ और सांसद दीया कुमारी ने आरोप लगाया कि गिरफ्तार आतंकी आसींद के रहने वाले थे. पुलिस ने उनके घरों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए, जबकि आतंकियों को पकड़वाने वाले शक्ति और प्रह्लाद सिंह को बीच मझधार में छोड़ दिया. ऐसे में उन्हें आज हर वक्त अनहोनी की आशंका लगी रहती है, लेकिन इन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई. इतना ही नहीं पुलिस ने दोनों को बिना पूछे बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगा दी है. सांसद दीया कुमारी ने कहा कि शक्ति सिंह न्याय और सुरक्षा के लिए बीते एक साल से लड़ रहे हैं, उनसे किए वादे अब तक नहीं निभाए गए हैं.

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