जयपुर. केंद्र सरकार ने फ्यूचरिस्टिक बजट पेश किया है. पीएम मोदी रेवड़ियां बांटने में विश्वास नहीं रखते. लोगों को सशक्त बनाने पर उनका फोकस रहता है. ये कहना है बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी का. जयपुर पहुंचे सुशील मोदी ने आम बजट पर फोर्टी की ओर से रखे गए संवाद कार्यक्रम में शिरकत की. प्रदेश के उद्योगपतियों और व्यापारियों को राज्यसभा सांसद ने इस बजट के मायने भी समझाए. उन्होंने इसे असामान्य परिस्थितियों में पेश किया गया बजट बताते हुए महंगाई बढ़ने की वजह 3f (फर्टिलाइजर, फ्यूल और फूड) को बताया. साथ ही देश के ग्रीन हाइड्रोजन पर काम करने और डिजिटल सुपर पावर के रूप में विकसित होने की बात कही.
1 फरवरी को केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. बजट में सबसे ज्यादा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया गया. वहीं विपक्ष ने महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जाने पर सवाल खड़े किए. इन सवालों का जवाब देते हुए जयपुर पहुंचे राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने महंगाई को कंट्रोल किया है. आज दुनिया में सबसे कम महंगाई भारत के अंदर है.
अमेरिका, यूके, जर्मनी, फ्रांस के क्या हाल है, पाकिस्तान में दो सौ पर्सेंट महंगाई है. देश में जो महंगाई थी या है वह भी अंतरराष्ट्रीय कारणों से है. अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमत बढ़ गई, खाद्य तेल बाहर से आयात करना पड़ता है. फर्टिलाइजर, यूरिया-खाद 21 प्रतिशत से ज्यादा विदेशों से आयात करते हैं. इन कारणों से महंगाई बढ़ी है, लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे बहुत बेहतर ढंग से कंट्रोल किया है.
उन्होंने कहा कि इस बजट की खासियत ये है कि बड़े पैमाने पर इस बजट से रोजगार पैदा होगा. 13 लाख 70 हजार करोड़ रुपए विकास कार्यों पर खर्च होगा. इससे सड़क, पुल- पुलिया, फोरलेन, सिक्स लेन, हाईवे, एक्सप्रेस वे, एयरपोर्ट का निर्माण होगा. इससे रोजगार को पंख लगेंगे क्योंकि निर्माण कार्य से ही रोजगार के अवसर बढ़ते हैं. इस बजट से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और जो कैपिटल एक्सपेंडिचर हैं उसका ढाई गुना अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है.
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वन नेशन वन ग्रिड में सफलता
सुशील मोदी ने कहा कि अभी वन नेशन वन ग्रिड में सफलता मिली है. अभी वन नेशन वन रेट पर सहमति नहीं बनी है, क्योंकि अलग-अलग राज्यों में जो बिजली के कारखाने हैं उसके रेट में बहुत ज्यादा अंतर है. इसमें एक लंबा समय लगेगा. लेकिन लक्ष्य जरूर है कि वन नेशन वन रेट की दिशा में भारत को ले जाए. वहीं पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल नहीं किए जाने की बात कहते हुए सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटी की आज अधिकतम दर 28% है. अगर इस में पेट्रोल-डीजल को रखा गया तो राज्य और केंद्र को लगभग 3 लाख करोड़ का नुकसान होगा. फिलहाल पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करना संभव नहीं है. क्योंकि इसी टैक्स से प्रदेश में निर्माण और विकास कार्य होता है. यदि भविष्य में देश की अर्थव्यवस्था और बेहतर होगी, तब जीएसटी काउंसिल इस पर विचार कर सकती है. फिलहाल आज पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करना संभव नहीं है.
व्यापारियों ने रखे सुझाव
इस दौरान व्यापारियों ने अपने सुझावों को राज्यसभा सांसद के सामने रखा. इस दौरान यूनियन बजट कन्वीनर डॉ. श्याम अग्रवाल भी मौजूद रहे. वहीं फोर्टी प्रेसिडेंट सुरेश अग्रवाल ने कहा कि यूनियन बजट ओवरऑल अच्छा रहा है. ये डेवलपमेंट का बजट है जिसे अगले 25 साल की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पेश किया है. उन्होंने आगामी दिनों में आने वाले राज्य के बजट को लेकर अपेक्षा जताते हुए कहा कि राज्य का बजट भी डेवलपमेंट बजट है. क्योंकि सेंट्रल के बजट के हिसाब से ही राज्य के बजट बनते हैं. अपेक्षा है कि रिप्स के अंदर कुछ सेक्टर को और जोड़कर व्यापारियों को कुछ सहायता सरकार दे सकती है. खासकर जो स्क्रैप पॉलिसी सरकार लेकर आने वाली है उसमें उम्मीद यही है कि स्क्रैप पॉलिसी को भी सरकार रिप्स में जोड़ेगी. उन्होंने केंद्र सरकार से इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर मिलने वाले पैसे को रोड, एयरपोर्ट और जल मिशन पर खर्च किये जाने की बात कही.