जयपुर. प्रदेश के सरकारी शिक्षण संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सहयोग राशि देने वाले भामाशाहों की संख्या इस बार घट कर 142 रह गई है. भामाशाहों की संख्या घटने से सहयोग राशि में भी बड़ी गिरावट आई है. पिछली बार सहयोग राशि 303 करोड़ की थी, जो इस बार घटकर महज 139 करोड़ रह गई.
सरकारी स्कूलों के भौतिक विकास के लिए सहयोग देने वाले भामाशाहों को सोमवार को सम्मानित किया जाएगा. राज्य स्तरीय इसे सम्मानित समारोह में एक करोड़ से ज्यादा सहयोग राशि देने वाले भामाशाहों को शिक्षा विभूषण, एक लाख से एक करोड़ तक शिक्षा भूषण और एक लाख से 30 लाख तक सहयोग राशि देने वाले भामाशाहों को शिक्षा श्री से सम्मानित किया जाता है. इसके साथ ही इन भामाशाहों को प्रेरित करने वाले प्रेरकों को भी शिक्षा विभाग सम्मानित करता है. हालांकि पिछले साल की तुलना में इस बार 104 भामाशाह कम है और सहयोग राशि भी 164 करोड़ कम रही है.
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विभाग की ओर से इस बार 142 भामाशाहों को सम्मानित किया जाएगा. इसमें 34 भामाशाहों को शिक्षा विभूषण और 108 भामाशाहों को शिक्षा भूषण की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा. इन भामाशाहों ने सत्र 2022-23 में शिक्षा विभाग को 171.12 करोड़ की सहयोग राशि दी है. इनके अलावा 5 लाख से 50 लाख तक के विकास कार्य करवाने वाले 78 प्रेरकों को जिला स्तर पर और 50 लाख से ज्यादा के विकास कार्य करवाने वाले 179 प्रेरकों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा. बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से 11 सितंबर को बिड़ला सभागार में राज्यस्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षामंत्री बीडी कल्ला होंगे. कार्यक्रम को अध्यक्षता शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान करेंगी. जबकि विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र सिंह यादव और तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग होंगे.
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