ETV Bharat / state

वोटिंग के बाद आज भी नहीं बदला बालमुकुंद आचार्य का रूटीन, बोले जनसंपर्क के दौरान पैरों में पड़ गए छाले

वोटिंग खत्म होने के बाद सियासी दलों के सूरमा काफी रिलैक्स मूड में दिखे. ज्यादातर नेता कार्यकर्ताओं के साथ फीडबैक लेते रहे.वहीं कई नेताओं ने परिवारवालों के संग समय बिताया. हवामहल से प्रत्याशी बालमुकुंद आचार्य ने बताया कि मतदान खत्म होने के बाद पहली चाय कार्यकर्ताओं के साथ पीने का मौका मिला है.

Rajasthan Assembly Elections 2023
बालमुकुंद आचार्य ने कार्यकर्ताओं के साथ की चर्चा
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 26, 2023, 7:46 PM IST

मतदान के बाद कैलकुलेशन में जुटे प्रत्याशी

जयपुर. राजस्थान में 25 नवंबर को हुए मतदान के बाद बीजेपी एवं कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशी रिलैक्स मूड में है. चुनाव में लगातार परिश्रम करने, कार्यकर्ताओं से संपर्क करने, पैदल जनसंपर्क करने, बैठकों का दौर, स्टार प्रचारकों का दौरा, जनसभाएं, ऐसे कई कार्यक्रमों के बाद जैसे ही मतदान संपन्न हुआ उसके कुछ घंटे बाद ही प्रत्याशी और कार्यकर्ता दोनों ही आराम के मूड में नजर आए. रविवार को 25 नवंबर को हुए मतदान के बाद हवामहल से बीजेपी प्रत्याशी बालमुकुंद आचार्य कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेते हुए आगे की योजनाओं पर चर्चा करते हुए दिखे.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में बालमुकुंद आचार्य ने बताया कि विश्राम करना उनके स्वभाव में नहीं है.वो हमेशा से आध्यात्मिक के साथ जनकल्याण में रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूजा-पाठ के बाद लोगों के बीच निकलना ये स्वभाव में है. बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि फिलहाल थोड़ा सा नाम परिवर्तन हो गया है, अब हवा महल प्रत्याशी कहा जा रहा है बाकी स्वभाव वही है. उन्होंने बताया कि रोज की ही तरह आज भी सुबह उठकर गोविंद देव जी में मंगला झांकी की, पूजा पाठ, योग, मेडिटेशन के बाद देव दर्शन करते हुए जनता के बीच गए.

पढ़ें:सतीश पूनिया ने 125 से 150 सीट जीतने का किया दावा, कहा- कांग्रेस से राज्य की जनता नाराज, भाजपा के पक्ष हुआ मतदान

कार्यकर्ताओं का उत्साह और स्नेह अटूट: बालमुकुंद आचार्य को बीजेपी ने प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है, तब सुबह देव दर्शन के बाद क्षेत्र में लोगों से देर रात तक जनसंपर्क करते थे. उन्होंने कहा कि शुरू के 15 दिन तो भोजन करने का भी मौका नहीं मिला. बालाजी की एनर्जी, कहीं दूध पीकर और फल खाकर ही काम चलाया. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के स्नेह और उत्साह के कारण कुछ पता नहीं चल. आलम ये था कि दिन की पहली चाय मार्ग में किसी न किसी कार्यकर्ता के घर पर हुआ करती थी. आज की चाय कार्यकर्ताओं के साथ कार्यालय में हुई है, और ये 45 दिन में पहली बार हुआ है.

पूरी विधानसभा ही उनका परिवार: बालुकुंद आचार्य से आज भी परिवार की बजाय कार्यकर्ताओं के बीच समय देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरी विधानसभा ही उनका परिवार है और इस परिवार के साथ उनका परिवार भी साथ रहेगा. हालांकि पहले हाथोज धाम में सेवा पूजा, गौशाला जाकर के गायों के बीच रहना, पक्षियों को दाना डालना, ये नियम था इसमें जरूर बदलाव हुआ है. अब आध्यात्मिक है तो आध्यात्म तो चलेगा लेकिन 24 घंटे में से अधिकतम समय अपनी विधानसभा क्षेत्र में देंगे.

पढ़ें:चुनाव के बाद परिजनों संग भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने बिताया वक्त, कहा- जीत को लेकर हूं आश्वस्त

नंगे पैर की पदयात्रा: वहीं पदवेश त्याग कर क्षेत्र में जनसंपर्क करने वाले बालमुकुंद आचार्य के पैरों में छाले पड़ गए. इस पर उन्होंने कहा कि न सिर्फ छाले, बल्कि उंगलियों और अंगूठे में भी चोट लगी हुई है, कई जगह घाव हैं. उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में नंगे पैर पदयात्रा की है क्योंकि जब देव तुल्य मतदाता के पास गए तो देव तुल्य होने के चलते वहां तक पादुका नहीं ले जाई जा सकती इसलिए पादुकाओं को त्याग कर मतदाताओं के दर्शन किए. उन्होंने एक बार फिर षड्यंत्र के तहत मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटने का भी आरोप लगाया. साथ ही बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि जो मतदान प्रतिशत 76% रहा है, वो 90% भी हो सकता था. ऐसे में चुनाव आयोग से निवेदन करेंगे कि मतदाताओं को उनके अधिकार से वंचित रखने वाले दोषियों को सजा दी जाए.

मतदान के बाद कैलकुलेशन में जुटे प्रत्याशी

जयपुर. राजस्थान में 25 नवंबर को हुए मतदान के बाद बीजेपी एवं कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशी रिलैक्स मूड में है. चुनाव में लगातार परिश्रम करने, कार्यकर्ताओं से संपर्क करने, पैदल जनसंपर्क करने, बैठकों का दौर, स्टार प्रचारकों का दौरा, जनसभाएं, ऐसे कई कार्यक्रमों के बाद जैसे ही मतदान संपन्न हुआ उसके कुछ घंटे बाद ही प्रत्याशी और कार्यकर्ता दोनों ही आराम के मूड में नजर आए. रविवार को 25 नवंबर को हुए मतदान के बाद हवामहल से बीजेपी प्रत्याशी बालमुकुंद आचार्य कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेते हुए आगे की योजनाओं पर चर्चा करते हुए दिखे.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में बालमुकुंद आचार्य ने बताया कि विश्राम करना उनके स्वभाव में नहीं है.वो हमेशा से आध्यात्मिक के साथ जनकल्याण में रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूजा-पाठ के बाद लोगों के बीच निकलना ये स्वभाव में है. बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि फिलहाल थोड़ा सा नाम परिवर्तन हो गया है, अब हवा महल प्रत्याशी कहा जा रहा है बाकी स्वभाव वही है. उन्होंने बताया कि रोज की ही तरह आज भी सुबह उठकर गोविंद देव जी में मंगला झांकी की, पूजा पाठ, योग, मेडिटेशन के बाद देव दर्शन करते हुए जनता के बीच गए.

पढ़ें:सतीश पूनिया ने 125 से 150 सीट जीतने का किया दावा, कहा- कांग्रेस से राज्य की जनता नाराज, भाजपा के पक्ष हुआ मतदान

कार्यकर्ताओं का उत्साह और स्नेह अटूट: बालमुकुंद आचार्य को बीजेपी ने प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है, तब सुबह देव दर्शन के बाद क्षेत्र में लोगों से देर रात तक जनसंपर्क करते थे. उन्होंने कहा कि शुरू के 15 दिन तो भोजन करने का भी मौका नहीं मिला. बालाजी की एनर्जी, कहीं दूध पीकर और फल खाकर ही काम चलाया. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के स्नेह और उत्साह के कारण कुछ पता नहीं चल. आलम ये था कि दिन की पहली चाय मार्ग में किसी न किसी कार्यकर्ता के घर पर हुआ करती थी. आज की चाय कार्यकर्ताओं के साथ कार्यालय में हुई है, और ये 45 दिन में पहली बार हुआ है.

पूरी विधानसभा ही उनका परिवार: बालुकुंद आचार्य से आज भी परिवार की बजाय कार्यकर्ताओं के बीच समय देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरी विधानसभा ही उनका परिवार है और इस परिवार के साथ उनका परिवार भी साथ रहेगा. हालांकि पहले हाथोज धाम में सेवा पूजा, गौशाला जाकर के गायों के बीच रहना, पक्षियों को दाना डालना, ये नियम था इसमें जरूर बदलाव हुआ है. अब आध्यात्मिक है तो आध्यात्म तो चलेगा लेकिन 24 घंटे में से अधिकतम समय अपनी विधानसभा क्षेत्र में देंगे.

पढ़ें:चुनाव के बाद परिजनों संग भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने बिताया वक्त, कहा- जीत को लेकर हूं आश्वस्त

नंगे पैर की पदयात्रा: वहीं पदवेश त्याग कर क्षेत्र में जनसंपर्क करने वाले बालमुकुंद आचार्य के पैरों में छाले पड़ गए. इस पर उन्होंने कहा कि न सिर्फ छाले, बल्कि उंगलियों और अंगूठे में भी चोट लगी हुई है, कई जगह घाव हैं. उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में नंगे पैर पदयात्रा की है क्योंकि जब देव तुल्य मतदाता के पास गए तो देव तुल्य होने के चलते वहां तक पादुका नहीं ले जाई जा सकती इसलिए पादुकाओं को त्याग कर मतदाताओं के दर्शन किए. उन्होंने एक बार फिर षड्यंत्र के तहत मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटने का भी आरोप लगाया. साथ ही बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि जो मतदान प्रतिशत 76% रहा है, वो 90% भी हो सकता था. ऐसे में चुनाव आयोग से निवेदन करेंगे कि मतदाताओं को उनके अधिकार से वंचित रखने वाले दोषियों को सजा दी जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.