जयपुर. राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य महकमे में नर्सिंग और पैरामेडिकल के 20546 पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन अब तक किसी भी कैडर में भर्ती नहीं की गई. इनमें से कुछ की तो प्रोविजनल लिस्ट तक जारी नहीं की गई. इसके विरोध में मंगलवार को अभ्यर्थियों ने स्वास्थ्य भवन का घेराव कर अपना विरोध दर्ज कराया. साथ ही नियुक्ति नहीं होने तक आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी.
राजस्थान के चिकित्सा विभाग में 8 कैडर पर भर्तियां निकाली गई. उनमें नर्सिंग के साथ पैरामेडिकल भर्तियां शामिल है. इनमें से चार कैडर की प्रोविजनल सूची जारी कर दी है और उनकी परिवेदनाएं भी ली गई हैं. लेकिन चार कैडर की प्रोविजनल सूची अब तक जारी नहीं की गई है. इसके विरोध में मंगलवार को अभ्यर्थियों ने स्वास्थ्य भवन का घेराव किया. उन्होंने बताया कि आचार संहिता कभी भी लग सकती है, ऐसे में डर सता रहा है कि उनकी जॉइनिंग होगी भी या नहीं.
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इस संबंध में सीएम ऑफिस में भी उनके प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए गया. तो वहां सरकार के जॉइंट सेक्रेटरी से जवाब मिला कि प्रोविजनल सूची तो जारी कर देंगे. लेकिन इस सरकार में नियुक्ति देना संभव नहीं है. जबकि जो एजेंसी इस भर्ती को कर रही है, वो नियुक्ति देने की कोशिश करने की बात कहती है. ऐसे में अभ्यर्थी अधरझूल में है. इसी का विरोध जताते हुए स्वास्थ्य भवन पहुंचे हैं ताकि स्वास्थ्य विभाग के सभी 8 कैडरों पर भर्ती हो. वहीं फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने बताया कि 2018 में भर्तियां निरस्त कर दी गई और इससे पहले 2013 में भर्ती की गई थी. आज 10 साल बीत जाने के बाद भी गहलोत सरकार भर्ती देने के मूड में नहीं है. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो चुका है, लेकिन अब तक प्रोविजन लिस्ट जारी नहीं हुई. ऐसे में अब अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठेंगे.
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आपको बता दें कि सरकार ने नर्सिंग ऑफिसर के 8750 पद, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 4847 पद, फार्मासिस्ट के 3067 पद, लैब टेक्नीशियन के 2190 पद, सहायक रेडियोग्राफर के 1178 पद, नेत्र सहायक भर्ती में 117 पद, डेंटल टेक्नीशियन के 151 पद और ईसीजी टेक्निशयन के 246 पदों पर भर्ती निकाली थी.